नई दिल्ली
भारतीय मौसम विभाग जिस बात का डर जता रहा था, वह अब सच होता दिख रहा है. मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया मौसम तंत्र तेजी से सक्रिय हो रहा है और आने वाले दिनों में यह बड़े चक्रवाती खतरे का रूप ले सकता है. आईएमडी की तरफ से जारी ताजा मौसम अपडेट में बताया गया है कि मलेशिया और स्ट्रेट ऑफ मलक्का के पास मौजूद निम्न दबाव का क्षेत्र फिलहाल वहीं पर बना हुआ है और इसके साथ जुड़ा साइक्लोनिक सर्कुलेशन 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक सक्रिय है. अनुमान है कि यह सिस्टम पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए अगले 24 घंटे में दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर डिप्रेशन में बदल जाएगा और इसके बाद अगले 48 घंटों में चक्रवाती तूफान के रूप में दक्षिण बंगाल की खाड़ी में तीव्र हो सकता है.
इस बीच कोमोरिन क्षेत्र और उसके आसपास भी ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जिसकी वजह से 25 नवंबर के आसपास कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के पास एक और लो प्रेशर एरिया बनने की पूरी संभावना है. यह सिस्टम बाद में और अधिक सक्रिय हो सकता है. वहीं दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बना चक्रवाती परिसंचरण भी फिलहाल बरकरार है. इन तीन अलग-अलग मौसम प्रणालियों के एक साथ सक्रिय रहने के कारण दक्षिण भारत और आसपास के समुद्री इलाकों में मौसम तेजी से बिगड़ रहा है.
चार राज्यों में बहुत भारी बारिश का अलर्ट
इन साइक्लोनिक सिस्टम के प्रभाव से तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और तटीय आंध्र प्रदेश में अगले पांच दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश का दौर शुरू होने जा रहा है. तमिलनाडु में 25 से 27 नवंबर तक भारी बारिश के साथ 28, 29 और 30 नवंबर को बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है. वहीं केरल और माहे में 26 नवंबर तक भारी वर्षा की संभावना है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 25 से 29 नवंबर के बीच लगातार तेज बारिश होने की चेतावनी है, जबकि 26 से 28 नवंबर के दौरान यहां बहुत भारी वर्षा की आशंका है. तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में 29 और 30 नवंबर को भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग की तरफ से जारी अपडेट के मुताबिक, तमिलनाडु में 24 से 28 नवंबर तक, केरल और माहे में 24 से 26 नवंबर तक और तटीय आंध्र प्रदेश में 27 और 28 नवंबर को आकाशीय बिजली गिरने के साथ गरज-चमक की संभावना है. अंडमान और निकोबार द्वीपों में छह दिनों तक गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. कुछ इलाकों में हवा की गति और बढ़कर 55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है.
मछुआरों के लिए अलर्ट
समुद्र में मौसम अत्यंत खराब रहने वाला है, इसलिए मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की गई है. उन्हें 27 नवंबर तक दक्षिण अंडमान सागर में, 25 से 28 नवंबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में, 29 नवंबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, कोमोरिन और तमिलनाडु-पुदुचेरी-श्रीलंका तटों पर और 27 से 30 नवंबर तक पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तथा आंध्र प्रदेश तट के पास समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. केरल तट, लक्षद्वीप और मालदीव के आसपास भी 27 नवंबर तक समुद्र में जाने पर रोक है. पहले से समुद्र में मौजूद नावों और नौकाओं को जल्द से जल्द सुरक्षित तटों पर लौटने की सलाह दी गई है, जबकि आंध्र प्रदेश तट के मछुआरों को 28 नवंबर से पहले वापसी अनिवार्य कर दी गई है.
उत्तर भारत में बढ़ रही ठंड, यूपी में घने कोहरे का अलर्ट
दूसरी तरफ देश के उत्तर-पश्चिमी राज्यों में सर्दी धीरे-धीरे दस्तक दे रही है और अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है. मध्य भारत में भी अगले कुछ दिनों में ठंड बढ़ सकती है. वहीं उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में 25 नवंबर की रात और सुबह के समय घना कोहरा छाने की चेतावनी जारी की गई है.
कुल मिलाकर बंगाल की खाड़ी में बन रहा निम्न दाब क्षेत्र लगातार मजबूत हो रहा है और यह सिस्टम आने वाले दिनों में बड़े चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. दक्षिण भारत, अंडमान-निकोबार और तटीय आंध्र प्रदेश में इस सिस्टम का असर सबसे ज्यादा दिखाई देगा, इसलिए प्रशासन और जनता दोनों के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. मौसम विभाग ने अगले दिनों में नियमित अपडेट का पालन करने की सलाह दी है.


