यूपी को सतत और स्मार्ट इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए योगी सरकार की पहल

यूपी को सतत और स्मार्ट इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए योगी सरकार की पहल  

यूपीसीडा और सीईएल के बीच करार, सौर ऊर्जा, ई-वाहन चार्जिंग और स्मार्ट अवसंरचना पर होगा फोकस

करार से पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा उत्तर प्रदेश 

औद्योगिक विकास में योगी सरकार का नया कदम, नेट-जीरो उत्सर्जन की दिशा में उत्तर प्रदेश

लखनऊ
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विज़न “सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” को साकार करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) ने सतत (सस्टेनेबल) और स्मार्ट औद्योगिक अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस करार से यूपी न केवल पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा, बल्कि नेट-जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को भी हासिल करने की ओर अग्रसर होगा। इस एमओयू पर यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मयूर महेश्वरी और सीईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) चेतन प्रकाश जैन ने हस्ताक्षर किए।

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समझौते के प्रमुख बिंदु

▪️नवीकरणीय ऊर्जा समाधान – औद्योगिक क्षेत्रों में छतों और भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए सौर स्ट्रीट लाइटिंग, हाइब्रिड सिस्टम और ऊर्जा भंडारण तकनीकों का विकास होगा।

▪️आईटी और स्मार्ट अवसंरचना – स्मार्ट सर्विलांस (सीसीटीवी), एक्सेस कंट्रोल, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और केंद्रीकृत मॉनिटरिंग डैशबोर्ड से औद्योगिक क्षेत्रों को सुरक्षित और हाई-टेक बनाया जाएगा। वाई-फाई जोन, आईओटी आधारित एसेट ट्रैकिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी स्मार्ट सिटी तकनीकें भी शामिल होंगी।

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▪️ई-वाहन (EV) अवसंरचना – औद्योगिक क्षेत्रों में ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिन्हें नवीकरणीय ऊर्जा से एकीकृत कर सतत परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।

▪️अवसंरचना उन्नयन एवं आधुनिकीकरण – औद्योगिक क्षेत्रों में सिविल, यांत्रिक और विद्युत अवसंरचना का आधुनिकीकरण होगा। हरित भवन, जल संरक्षण और ऊर्जा दक्ष तकनीकों पर विशेष बल दिया जाएगा।

▪️क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण – उद्योगों और हितधारकों के लिए प्रशिक्षण, कार्यशालाएं और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। सर्वोत्तम प्रथाओं और दिशानिर्देशों का प्रकाशन होगा।

▪️परामर्श एवं नीति सहयोग – तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन, डीपीआर और निवेश परामर्श तैयार किए जाएंगे। हरित और स्मार्ट औद्योगिक विकास के लिए नीति सुझाव भी दिए जाएंगे।

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योगी सरकार का विज़न
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उद्योग विकास केवल उत्पादन तक सीमित न हो, बल्कि पर्यावरण की रक्षा और नई तकनीकों के उपयोग के साथ आगे बढ़े। इस करार से यूपीसीडा की विकासात्मक दृष्टि और सीईएल की तकनीकी विशेषज्ञता मिलकर राज्य के औद्योगिक ढांचे को नई ऊंचाई देंगे। यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने कहा कि यह साझेदारी “पर्यावरण अनुकूल, तकनीकी रूप से उन्नत और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप औद्योगिक हब विकसित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम”है।

 

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