रविश कुमार अग्रवाल, रायपुर/ नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2023
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर नई दिल्ली से सियासत से जुड़ी बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है।
विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस के लगभग 20 विधायक आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं और कल यानी शनिवार को वह आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा करके आगे की रणनीति पर निर्णय ले सकते हैं।
दिल्ली के अतिविश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि जिन विधायकों की टिकट काटने की बात हो रही है, उन विधायकों ने अब बगावत के सुर अख्तियार कर लिए हैं और सतत आम आदमी पार्टी के नेता नाराज विधायकों के संपर्क में हैं।
पार्टी के अति विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि शनिवार को शाम 5 बजे रायपुर में सरगुजा संभाग के दो वरिष्ठ विधायकों के साथ की अगुवाई में बाकी नाराज विधायक एक बैठक करेंगे। इसके बाद आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करने को लेकर बड़ा निर्णय भी हो सकता है।
राजनीतिक पंडित बता रहे हैं कि यदि ऐसा होता है, तो छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान होगा। वहीं 2023 में सत्ता में वापस आने का सपना देखने वाली कांग्रेस का सपना टूट भी सकता है।
सूत्र बता रहे हैं कि नाराज़ विधायक कई दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं, बावजूद इसके अब उन्हें आशंका है कि उनका टिकट काट दिया जाएगा। इसीलिए वह लगातार आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं और आम आदमी पार्टी की तरफ से उनको कई तरह की सहूलियत भी प्रदान की जा रही है, जिससे ये विधायक खुश भी हैं। ऐसे में हो सकता है कि शनिवार को रायपुर में होने वाली इस बैठक के बाद बड़ा निर्णय कांग्रेस पार्टी के इन नाराज विधायकों के द्वारा लिया जा सकता है।
क्यों हैं विधायकों की नाराज़गी?
दरअसल कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में अब तक प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने दिल्ली में बयान देते हुए कहा कि जल्द ही प्रत्याशियों की सूची घोषित कर दी जाएगी। इसके साथ ही नवरात्रि के पहले दिन सूची जारी करने को लेकर कांग्रेस के नेता बयान दे रहे हैं। ऐसे में जिन विधायकों को अपने टिकट काटने का डर है, वह अब अपने आगे की राजनीति को लेकर रास्ता तैयार करने में लग गए हैं। जिन विधायकों की टिकट काटने को लेकर चर्चा है और जो नाराज हैं, उनका उनके क्षेत्र में खासा दखल है। लिहाजा यदि उनको कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलता है, तो वह आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनावी रण में प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, जिससे एक तरफ जहां व्यक्तिगत तौर पर कन्वेंस होने वाले वोटर सीधे कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं, वहीं आम आदमी पार्टी को सीधे तौर पर फायदा होगा। इसके साथ ही जमीनी पकड़ वाले नेता यदि कांग्रेस पार्टी के टिकट से वंचित रह जाते हैं, तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से समर्थन देने वाले वोटर भी उनके साथ ही डाइवर्ट होते नजर आएंगे, जिसका नुकसान भी कांग्रेस को हो सकता है। नाराज़ विधायकों को लीड करने वाले वही विधायक हैं, जो अपने बयानों और ढाई ढाई साल विवाद के दौरान लम्बे समय से सुर्खियों में रहे हैं।