तिरुपति
आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पेनकोंडा के पास किआ मोटर्स (Kia Motors) की कार बनान की फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री से बीते पांच साल में करीब 900 इंजन चोरी हो गए हैं। यह मामला तब सामने आया जब कंपनी ने बीते मार्च के दौरान पूरे साल का ऑडिट किया।
पुलिस ने शुरू की जांच
हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार शुरुआत में किआ मोटर्स शिकायत दर्ज कराने में हिचकिचा रही थी। वे चाहते थे कि पुलिस बिना औपचारिक शिकायत के ही मामले की जांच करे। लेकिन पुलिस ने साफ़ कह दिया कि बिना शिकायत के जांच नहीं हो सकती। इसके बाद किआ मोटर्स ने 19 मार्च को पेनकोंडा इंडस्ट्रियल एस्टेट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। श्री सत्य साईं जिले के SP वी. रत्ना ने किआ मोटर्स के कारखाने का दौरा किया और सारे रिकॉर्ड देखे। उन्होंने कहा, "हमने मामले की जांच के लिए तीन विशेष टीमें बनाई हैं। हमारी टीमें महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए पूरे देश में जा रही हैं। मामले की जांच तेजी से चल रही है।"
2020 से हो रही है चोरी
पेनकोंडा के DSP वाई. वेंकटेश्वरुलु भी जांच टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि किआ मोटर्स में इंजन की चोरी 2020 में शुरू हुई थी। उन्होंने कहा, "शुरुआती जांच से पता चला है कि पिछले पांच सालों में 900 इंजन धीरे-धीरे और योजना बनाकर चुराए गए हैं। यह निश्चित रूप से किसी अंदर के आदमी का काम है। हमें शक है कि किआ मोटर्स के कुछ पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने मिलकर इस चोरी को अंजाम दिया है।"
प्लांट से चोरी हुए इंजन
पहले पुलिस को शक था कि तमिलनाडु से पेनकोंडा के किआ मोटर्स प्लांट में आते समय इंजन चोरी हो गए होंगे। लेकिन जांच के बाद पता चला कि सारे इंजन प्लांट से ही चुराए गए थे। चोरों ने रिकॉर्ड में भी हेरफेर किया। दूसरी तरफ, किआ मोटर्स ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि पुलिस अभी जांच कर रही है। लेकिन कंपनी ने यह जरूर कहा कि इंजन चोरी होने से कारखाने के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
प्रोडक्शन पर असर नहीं
किआ मोटर्स के एक प्रतिनिधि ने TOI को बताया, "हम हर साल लगभग 3-4 लाख गाड़ियां बनाते हैं। 900 इंजन चोरी होने से उत्पादन में कोई कमी नहीं आई है।" वैसे यह घटना कई सवाल खड़े करती है। इतनी बड़ी संख्या में इंजन कैसे चोरी हो गए? क्या कारखाने में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर थी? क्या कंपनी के अंदर कुछ लोग चोरों के साथ मिले हुए थे? पुलिस इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश कर रही है। यह भी सोचने वाली बात है कि इंजन चोरी होने के बाद भी कंपनी को इसका पता क्यों नहीं चला। क्या कंपनी के ऑडिट सिस्टम में कोई कमी थी? क्या कर्मचारियों ने चोरी को छिपाने की कोशिश की?