नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से करें पूजा

हिंदू धर्म में नरसिंह द्वादशी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ उनके नरसिंह अवतार की भी पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन क्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए दैत्यराज हिरण्यकशिपु का वध किया था. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जीवन के समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

नरसिंह द्वादशी शुभ मुहूर्त

    ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 59 मिनट से लेकर 5 बजकर 48 मिनट तक.
    अभिजित मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से लेकर 3 बजकर 17 मिनट तक
    विजय मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक
    गोधूलि मुहूर्त- शाम 6 बजकर 24 मिनट से लेकर 6 बजकर 49 मिनट तक.

ये भी पढ़ें :  विश्वकर्मा पूजा 2025: जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त, कन्फ्यूजन हुआ दूर

नरसिंह द्वादशी पूजा विधि

नरसिंह द्वादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हों जाएं और साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य निकलने पर अर्ध्य देकर व्रत का संकल्प लें। पूजा घर की अच्छे से सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें। अब चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान नरसिम्हा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद पूजा के दौरान नरसिंह भगवान को फल, फूल, धूप-दीप, पंचमेवा, नारियल, अक्षत और पीतांबर अर्पित करें। अंत में नरसिम्हा भगवान की आरती करें और पूजा के समय शंख नाद जरूर करें।

ये भी पढ़ें :  कुनाल करण कपूर के साथ तेनाली रामा के सेट पर धमाल मचाते हैं कृष्णा भारद्वाज

नरसिंह द्वादशी मंत्र जाप
नरसिंह द्वादशी के दिन पूजा के दौरान इन खास मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि इससे व्यक्ति को भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त होती है.

आपत्ति निवारक नरसिंह मंत्र
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥

नरसिंह गायत्री मंत्र
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि | तन्नो नरसिंह प्रचोदयात ||

संपत्ति बाधा नाशक नरसिंह मंत्र
ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय, ऋण मोचक नरसिंह मंत्र

ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:

नरसिंह द्वादशी पारण नियम
नरसिंह द्वादशी के दिन पारण करने के लिए सुबह उठकर पवित्र स्नान करें. उसके बाद मंदिर व घर को साफ करें. फिर पूरे नियमानुसार पूजा संपन्न होने के बाद पूजा का प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करें.

ये भी पढ़ें :  नकुल मेहता, सुधांशु पांडे, शक्ति अरोड़ा और शिवांगी जोशी ने शिव परिवार की शाश्वत शिक्षाओं पर अपने विचार साझा किये

नरसिंह द्वादशी का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, भगवान नरसिंह भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए एक खंभे को चीर कर प्रकट हुए थे. भगवान नरसिंह आधे मनुष्य और आधे शेर के रूप में प्रकट हुए थे. भगवान नरसिंह भगवान विष्णु के रौद्र रूप अवतार भी माने जाते हैं. नरसिंह द्वादशी का व्रत करने वालों को संसार के सारे सुख प्राप्त होते हैं. इस दिन पूजा और व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment