शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 में बैक डेट में फर्जी डिग्री जारी करने के मामले में SOG ने बड़ी कार्रवाई की

जयपुर
शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 में बैक डेट में फर्जी डिग्री जारी करने के मामले में SOG ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन प्रमुख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद स्थित JS विश्वविद्यालय के चांसलर सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और दलाल अजय भारद्वाज शामिल हैं। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस एवं SOG के अनुसार, यह कार्रवाई प्रकरण संख्या 13/2024 के तहत की गई, जिसमें अब तक कुल 16 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
SOG की जांच में सामने आया कि JS विश्वविद्यालय ने दलालों के माध्यम से पैसे लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों को बैक डेट में फर्जी डिग्री जारी की। इस फर्जीवाड़े के जरिए सैकड़ों अभ्यर्थी शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 में चयनित हो गए। जांच के दौरान सामने आया कि JS विश्वविद्यालय की सिर्फ 100 सीटें मान्य थीं, लेकिन 2022 में 107 अभ्यर्थियों ने यहां से डिग्री लेने का दावा किया।

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गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका :-सुकेश कुमार (JS विश्वविद्यालय चांसलर) – फर्जी डिग्री घोटाले का मास्टरमाइंड, विदेश भागने की फिराक में था, दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार। नंदन मिश्रा (JS विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार) – फर्जी डिग्रियों के सत्यापन में अहम भूमिका निभाई। अजय भारद्वाज (दलाल) – पहले भी फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार हो चुका, कई विश्वविद्यालयों से बैक डेट में डिग्री दिलवाने में संलिप्त।

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ऐसे सामने आया डिग्री घोटाला
SOG की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि JS विश्वविद्यालय के 2067 अभ्यर्थियों ने परीक्षा फॉर्म में खुद को विश्वविद्यालय का छात्र बताया, जो अनुमोदित सीटों से कई गुना अधिक है। यही नहीं, कई अभ्यर्थियों ने आवेदन के समय किसी अन्य विश्वविद्यालय का नाम दिया, लेकिन चयन के बाद JS विश्वविद्यालय की डिग्री पेश की।

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SOG ने अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश जारी है। गिरफ्तार तीनों आरोपी 12 मार्च 2025 तक पुलिस रिमांड पर हैं। SOG अब इस पूरे नेटवर्क के अन्य लिंक तलाशने में जुटी है ताकि भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार का यह खेल पूरी तरह बेनकाब हो सके।

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