गांधी सागर बांध से राणा प्रताप सागर बांध में 892 मिलियन घन मीटर पानी की होगी सप्लाई, इन 5 जिलों की चमकेगी किस्मत

जयपुर

मध्यप्रदेश के गांधी सागर बांध से रावतभाटा स्थित राणा प्रताप सागर बांध में लगभग 892 मिलियन घन मीटर जल आएगा। राजस्थान सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार की मांग पर उनकी महत्वाकांक्षी पंप स्टोरेज परियोजना के निर्माण के लिए गांधी सागर बांध का जलस्तर घटाने के परिप्रेक्ष्य में यह अहम निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आगामी सप्ताह में ही गांधी सागर बांध से जल प्रवाह कार्य शुरू किए जाने की संभावना है। इस निर्णय से राजस्थान के कोटा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर को सिंचाई व पेयजल संकट से निजात मिल सकेगी।

राणा प्रताप सागर बांध की कुल भराव क्षमता 352.81 मीटर है और मौजूदा समय में यह अपनी क्षमता का लगभग 70 प्रतिशत भरा हुआ है। इसमें कुल 2905 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी आ सकता है और फिलहाल यह 2026 मिलयन क्यूबिक मीटर के स्तर तक भरा हुआ है।

ये भी पढ़ें :  राजस्थान-केकड़ी में 800 टन बजरी का अवैध स्टॉक जब्त, बजरी माफियाओं में मचा हड़कंप

उल्लेखनीय है कि इस संबंध में प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग, मध्यप्रदेश ने 29 मार्च को जल संसाधन विभाग, राजस्थान को पत्र लिखा था। इसमें गांधी सागर बांध के जलस्तर को कम करने के लिए राजस्थान सरकार से अनुरोध किया गया था। वर्तमान में गांधी सागर बांध का जलस्तर 395.003 मीटर है।

राणा प्रताप सागर में ही गुंजाइश
चंबल नदी प्रणाली के तहत राजस्थान में राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज स्थित हैं। तीनों ही जगह जल भंडारण की क्षमता सीमित है। वर्तमान में उपलब्ध जलस्तर के अनुसार राणा प्रताप सागर बांध में लगभग 892 एमसीयूएम, जवाहर सागर बांध में 10.76 एमसीयूएम और कोटा बैराज में 3.60 एमसीयूएम तक ही जल संग्रहीत किया जा सकता है। ऐसे में गांधी सागर बांध से राणा प्रताप सागर बांध में उपलब्ध शेष भराव लगभग 892 एमसीयूएम की सीमा तक ही जल प्रवाहित किया जा सकेगा।
 
ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत रहेगा उपयोगी
राजस्थान सरकार ने व्यापक विश्लेषण एवं भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राणा प्रताप सागर बांध में संग्रहित जल आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल, सिंचाई और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने में उपयोगी साबित होगा। राणा प्रताप सागर बांध से विद्युत उत्पादन के लिए भी जल का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।

ये भी पढ़ें :  राजस्थान-अजमेर में विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने दी 6.23 करोड़ की सौगातें, सड़क निर्माण और पाईप लाईन का किया शुभारंभ

 
यह निर्णय हमारी सरकार की दूरदर्शी नीति, जल आवश्यकताओं और परस्पर सहयोग की दृष्टि से लिया गया है। भविष्य में भी दोनों राज्यों के बीच जल संसाधनों के समुचित प्रबंधन और उपयोग के लिए समन्वय बना रहेगा।
-सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment