जीएसटी कमिश्नर धनराजू एस ने कहा कि दुनिया में दो ही अटल सत्य हैं – पहला टैक्स और दूसरा मृत्यु

इंदौर
 दुनिया में ही दो ही अटल सत्य हैं- पहला टैक्स और दूसरा मृत्यु। अमेरिकी चिंतक और अर्थशास्त्री बेंजामिन फ्रेंकलिन के इस वक्तव्य को दोहराते हुए मध्य प्रदेश के जीएसटी कमिश्नर धनराजू एस ने देशभर के टैक्स पेशेवरों को कर और कर प्रशासन की अहमियत समझाने की कोशिश की।

जीएसटी कमिश्नर धनराजू के साथ आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्य बीएम बियानी ने इंदौर में शनिवार को आयोजित नेशनल कांफ्रेंस- 'कर चिंतन' की औपचारिक शुरुआत की। देशभर के कर सलाहकार, सीए और वकील इस दो दिवसीय कर-चिंतन में हिस्सेदारी कर रहे हैं।

इंदौर में राष्ट्रीय स्तर की टैक्स कांफ्रेंस का आयोजन

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स, मध्य प्रदेश टैक्स लॉ बार एसोसिएशन और कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन पहली बार इंदौर में राष्ट्रीय स्तर की टैक्स कांफ्रेंस का आयोजन कर रहे हैं। शनिवार सुबह कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र के मंच से टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन लखोटिया ने जीएसटी से जुड़ी परेशानियां और अपेक्षाएं अधिकारियों के सामने रखी।

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कांफ्रेंस के चेयरमैन सीए राजेश मेहता और सचिव एके गौर ने भी जीएसटी व आयकर की परेशानियों व सुधार को लेकर बात कही। इसके बाद अतिथि बने जीएसटी कमिश्नर धनराजू एस ने पहले बेंजामिन फ्रेंकलिन के वक्तव्य का उदाहरण देकर टैक्स को यथार्थवादी दृष्टि से देखने की नसीहत दी।

टैक्सेशन को सजा नहीं जिम्मेदारी मानें

कहा कि किसी भी कर कानून में एक विधान, जो किसी के लिए रिफार्म हो सकता है, वही दूसरे की दृष्टि से लूप होल हो सकता है। दोनों का संतुलन बनाना ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि टैक्सेशन को सजा नहीं मानते हुए जिम्मेदारी मानें।

हमेशा टैक्स देते हुए यह समझें कि देश में अच्छे उपचार या शिक्षा से दूर रहने वाले एक वंचित की मदद के लिए आप योगदान दे रहे हैं। आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्य बीएम बियानी ने कहा कि अकाउंटेंसी के पेशे में सीखना, भूलना और फिर से नया सीखना महत्वपूर्ण है।

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तकनीकी सत्रों में कानून की बारीकियां

ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कांफ्रेंस के पहले दिन उद्घाटन सत्र के बाद तीन तकनीकी सत्रों में जीएसटी के साथ कर विवादों से जुड़े हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों की व्याख्या हुई। देश के ख्यात कर विशेषज्ञ व वकील कर पेशेवरों को इन पर व्याख्यान देने पहुंचे। दिल्ली के सीए व एडवोकेट डॉ. कपिल गोयल ने असेसमेंट के लिए प्रकरणों की रिओपनिंग के कानूनी पक्ष और करदाता के हित में कैसे केस लड़ा जाए, इसके बारे में बताया।

दिल्ली से आए सीए व एडवोकेट विमल जैन ने जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के प्रकरणों का सार प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आईटीसी जीएसटी की आत्मा है लेकिन कर कानून में आत्मा को ही मृत बना दिया गया है। आईटीसी का लाभ मिलना करदाता के लिए दुर्लभ सा हो गया है।
ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर हुई चर्चा

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प्रदेश में जमीन के कारोबारियों से लेकर किसानों के लिए टैक्स की उलझन बने ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर अमृतसर की सीए आंचल कपूर ने विस्तार से बात की। उन्होंने रियल एस्टेट सेक्टर में ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर लगने वाले जीएसटी व उससे निपटने के कानूनी पहलू कर सलाहकारों को बताए।

कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के केदार हेड़ा और एके गौर के अनुसार रविवार को कांफ्रेंस के दूसरे व अंतिम दिन तकनीकी सत्रों में नए आयकर कानून पर बात होगी। साथ ही कर सलाहकारों के लिए प्रोफेशनल डेवलपमेंट सत्र भी होगा। कर चिंतन से निकला सार रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजा जाएगा ताकि कर कानून बेहतर व समाज हितैषी हो सके।

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