अहमदाबाद प्लेन क्रैश: मृतकों की पहचान को परिजनों के DNA सैंपल लिए जाएंगे

अहमदाबाद 

अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास गुरुवार को एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ये हादसा इतना बड़ा था कि विमान में सवार क्रू मेंबर्स समेत सभी 242 लोगों की मौत । इस विमान में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक हैं, 1 कनाडाई नागरिक है और 7 पुर्तगाली नागरिक थे। विमान टेकऑफ करते ही डॉक्टरों के हॉस्टल पर जा गिरा

अहमदाबाद से उड़ान भरने के थोड़ी ही देर बाद ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 एक बड़े हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में विमान में सवार सभी 242 लोगों की मौत हो गई है। लंदन जा रहा यह विमान जब शहर के मेघानीनगर इलाके के पास पहुंचा, तो तुरंत ही हादसे का शिकार हो गया। इलाके में अचानक हुए धमाके और आसमान में उठते धुएं के गुबार ने लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया

अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान क्रैश होने के बाद दुर्घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्यों में कई एजेंसियां ​​लगी हुई हैंAir India Plane Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान क्रैश होने के बाद दुर्घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्यों में कई एजेंसियां ​​लगी हुई हैं

DNA टेस्ट से होगी शवों की पहचान

एयर इंडिया विमान हादसे में सभी 242 लोगों के मारे जाने की आशंका है। ये हादसा इतना भीषण था कि मरने वाले लोगों के शवों की पहचान तक करना मुश्किल हो रहा है। अब खबर आ रही है कि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ने उन लोगों से DNA सैंपल मांगे, जिनके अपने इस हादसे का शिकार हुए हैं, ताकि शवों की सही तरीके से पहचान की जा सके।

ये भी पढ़ें :  देश में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां लोग नवरात्रि में महिषासुर की पूजा करते हैं, क्योकि महिषासुर वध को छल मानता है ये समुदाय

तो सही क्या ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया था विमान?

अहमदबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया, जिसमें सभी 242 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। इस हादसे के कई वीडियो भी सामने आए हैं। एक वीडियो विमान के क्रैश होने से ठीक पहले का है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारा, वीडियो के विश्लेषण के आधार पर कई एक्सपर्ट ने कहा कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, एक ऐसा मॉडल है, जिसका सुरक्षा रिकॉर्ड बेदाग रहा है। ऐसे में वो अहमदाबाद में रनवे से उड़ान भरता है और इसके तुरंत बाद उसे मामूली थ्रस्ट का सामना करना पड़ता है।

विशेषज्ञों ने कहा कि पायलट इस समय लिफ्ट और ऊंचाई हासिल करने के कोशिश में योक को खींच रहे होंगे और वीडियो से पता चलता है कि उन्होंने विमान का लैंडिंग गियर भी नीचे छोड़ दिया था।

ये भी पढ़ें :  मध्य प्रदेश सरकार 13 जून को लाडली बहना योजना की 25वीं किस्त जारी करेगी

वीडियो को देख कर लगता है कि विमान ऊंचाई हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा था, इससे पहले कि वह अपने सही ऊंचाई पर पहुंचता, उससे पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया और आग के गोले में बदल गया।

कैसे होती है शवों की पहचान, जानिए पूरी प्रक्रिया

अचानक ये हादसे का शिकार हो गया. जब किसी विमान हादसे में जान-माल का नुकसान होता है, तो सबसे बड़ी चुनौती होती है मृतकों की पहचान करना.

हादसे की भयावहता इतनी होती है कि कई बार शव बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और पहचानना बेहद मुश्किल हो जाता है. ऐसे में प्रशासन और विशेषज्ञों की एक टीम बेहद सावधानी और साइंटिफिक तरीकों से यह काम करती है. आइए जानते हैं कि किसी विमान हादसे के बाद शवों की पहचान कैसे की जाती है.

मौके पर सबसे पहले पहुंचती है रेस्क्यू टीम

हादसे के तुरंत बाद पुलिस, एनडीआरएफ, मेडिकल और फॉरेंसिक टीमें मौके पर पहुंचती हैं. सबसे पहले जिन्दा बचे लोगों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जाता है. फिर घटनास्थल पर मौजूद शवों को इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है.

डीएनए जांच से होती है पुष्टि

अगर शव की हालत इतनी खराब होती है कि चेहरा या शरीर से पहचान संभव नहीं होती, तो वैज्ञानिक तरीका अपनाया जाता है – डीएनए टेस्ट. इसके लिए शव के ऊतक, बाल या हड्डियों से डीएनए सैंपल लिया जाता है और उसकी तुलना परिवार के किसी सदस्य से लिए गए सैंपल से की जाती है.

ये भी पढ़ें :  नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमि. के साथ सहकारी संघ एवं मंडी बोर्ड के बीच हुआ एमओयू

फिंगरप्रिंट और मेडिकल रिकॉर्ड की मदद

अगर शव का कोई हिस्सा सुरक्षित होता है, जैसे उंगलियां, तो फिंगरप्रिंट लेकर उसकी पहचान की जाती है. इसके अलावा, शवों के पुराने मेडिकल रिकॉर्ड, जैसे एक्स-रे, दांतों के इलाज की फाइल या सर्जरी के निशान भी पहचान में मदद करते हैं.

कपड़े, गहने और सामान भी मददगार

कई बार शवों के साथ मिले कपड़े, गहने, घड़ी, मोबाइल, चश्मा या कोई और निजी सामान से भी परिजन पहचान कर लेते हैं. लेकिन यह तरीका केवल प्रारंभिक पहचान के लिए होता है, अंतिम पुष्टि डीएनए या फिंगरप्रिंट से ही की जाती है.

परिवार से होता है संपर्क

हादसे में मारे गए लोगों की लिस्ट बनाकर उनके परिवार वालों से संपर्क किया जाता है. उन्हें शव की हालत और पहचान प्रक्रिया के बारे में बताया जाता है. परिवार की मौजूदगी में ही पहचान की पुष्टि होती है.

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment