इंग्लैंड ने ठुकराया आईसीसी का 2 टियर डब्ल्यूटीसी प्रस्ताव

लंदन
भारत और ऑस्ट्रेलिया जहां 2 टियर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) प्रणाली को अपनाने के लिए तैयार है। वहीं इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) इसके लिए तैयार होता नजर नहीं आता दिख रहा है। आईसीसी ने पिछले महीने न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज रोजर ट्वोज के नेतृत्व में एक वर्किंग ग्रुप बनाया था, जिसका लक्ष्य जुलाई 2027 में शुरू होने वाले अगले चक्र से पहले डब्ल्यूटीसी में सुधार करना था। जुलाई में आईसीसी के सालाना सम्मेलन में भी 2 टियर सिस्टम पर सबसे काफी महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई थी। गौरतब है कि टू-टियर टेस्ट क्रिकेट पर पिछले 15 साल से भी ज्यादा समय से बहस चल रही है। 
आईसीसी ने साल 2009 में ही इसे लागू करने की अपनी इच्छा जताई थी। हालांकि कुछ पूर्ण सदस्य अलग-अगल कारणों से इससे सहमत नहीं हैं। इंग्लैंड और भारत के बीच ओवल टेस्ट के पहले दिन ईसीबी के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा कि टी20 लीगों के व्यस्त कैलेंडर के कारण द्विपक्षीय क्रिकेट का महत्व कम हो रहा है और ज्यादातर देशों में टेस्ट क्रिकेट को भारी नुकसान हुआ है। थॉम्पसन ने कहा था कि आईसीसी टेस्ट क्रिकेट के लिए 2 टियर मॉडल पर विचार कर रहा है हालांकि उन्हें भरोसा नहीं है कि यह सही होगा या नहीं। उन्होंने कहा, हमें कई विकल्पों पर विचार करना होगा। 
2-टियर सिस्टम उनमें से एक होगा। हम नहीं चाहेंगे कि इंग्लैंड के रूप में हम एक खाली दौर से गुजरें और इसका मतलब है कि हम डिवीजन दो में आ जाएं और ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ न खेलें? ऐसा नहीं हो सकता। यहां समझदारी से काम लेने की जरूरत है। थॉम्पसन का मानना था कि वर्तमान में डब्ल्यूटीसी में ही बदलाव करना एक बेहतर रहेगा। उन्होंने उदाहरण के तौर पर दक्षिण अफ्रीका द्वारा ऑस्ट्रेलिया को हराकर 2023-25 डब्ल्यूटीसी का विजेता बनने का उदाहरण दिया, जहां सही समर्थन से छोटे देश मजबूत दावेदार के रूप में उभर सकते हैं। वहीं आईसीसी के लिए 2-टियर मॉडल पर स्पष्टता महत्वपूर्ण है, क्योंकि देशों ने अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (2027-29) चक्र का हिस्सा बनने वाली द्विपक्षीय सीरीजों के लिए बातचीत शुरू कर दी है। 

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क्या है टेस्ट क्रिकेट में 2-टियर सिस्टम
आईसीसी की योजना है कि बड़े और छोटे क्रिकेट बोर्ड मिलकर यह तय करें कि आगे से जो डब्ल्यूटीसी का चक्र शुरू हो तो उसमें 2-टियर सिस्टम लागू हो। इस समय 9 टीमें डब्ल्यूटीसी में खेल रही हैं, लेकिन आईसीसी चाहती है कि इसमें 12 टीमें हों, लेकिन 6-6 टीमें टियर 1 और टियर 2 में हों। टियर 1 वाली टीमें 5-5 दिवसीय मैच खेलें और टियर 2 वाली टीमें 4-4 दिवसीय टेस्ट खेलेंगे। जो टीम टियर 2 में अच्छा करे उसे टियर 1 में प्रमोट किया जाए और टियर 1 में खराब प्रदर्शन करने वाली टीम को डिमोट करके टियर 2 में भेजा जाए।

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