मध्य प्रदेश में डॉग बाइट्स के आंकड़े: भोपाल में सबसे कम, रतलाम में सबसे ज्यादा मामले

भोपाल
 नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) द्वारा राष्ट्रीय रैबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार के निर्देश पर मध्य प्रदेश के छह बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और रतलाम में डाग बाइट्स के मामलों का सर्वे किया गया। यह सर्वे वर्ष 2024 और जनवरी से जून 2025 की अवधि को लेकर किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, छह शहरों में राजधानी भोपाल में डॉग बाइट्स के सबसे कम मामले दर्ज हुए, जबकि रतलाम इस मामले में पहले स्थान पर रहा। वहीं उज्जैन दूसरे, इंदौर तीसरे, जबलपुर चौथे और ग्वालियर पांचवें स्थान पर रहा।

ये भी पढ़ें :  जबलपुर: कांवड़ यात्रा में तेज ध्वनि पर रोक, DJ और साउंड सिस्टम पर प्रशासन की सख्ती

वर्ष 2024 में भोपाल में 19 हजार 285 डॉग बाइट्स के मामले सामने आए, जो औसत 0.8 प्रतिशत रहा। वहीं 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में यह औसत घटकर मात्र 0.07 प्रतिशत रह गया। आंकड़े बताते है शहर में डाग बाइट्स के मामलों में कमी आई है।

हर साल 22 हजार आवारा श्वानों की कर रहे नसबंदी

ये भी पढ़ें :  मंत्रालय में हुआ राष्ट्र-गीत "वंदे-मातरम" एवं राष्ट्र-गान का सामूहिक गायन

रैबीज मुक्त शहर-2030 कार्यक्रम के तहत भोपाल नगर निगम ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर भारत सरकार को भेजी है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में यह योजना भेजने वाला भोपाल ही एकमात्र शहर है। योजना के क्रियान्वयन के तहत नगर निगम शहर में तीन एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर संचालित कर रहा है, जहां हर साल लगभग 22 हजार आवारा डॉग्स की नसबंदी की जा रही है।

ये भी पढ़ें :  मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार का असर, वर्ष 2025-26 में केंद्रीय करों के हिस्से में 1,11,661 करोड़ रुपये मिलेंगे

भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक 10 वार्ड पर एक नसबंदी केंद्र होना चाहिए, लेकिन भोपाल में मानक से कम केंद्रों के बावजूद अधिक से अधिक आवारा डॉग की नसबंदी की जा रही है। उपलब्ध संसाधनों की तुलना में नसबंदी आपरेशन की संख्या काफी अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप डॉग बाइट्स के मामलों में कमी दर्ज की गई है।

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment