कचरा प्रबंधन में इंदौर का कमाल, लैटिन अमेरिकी देशों ने सीखा सफाई मॉडल

 इंदौर
 देश में लगातार आठ वर्षों से स्वच्छता में शीर्ष स्थान पर रहने वाले इंदौर की प्रसिद्धि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल चुकी है। कई देशों के प्रतिनिधिमंडल इंदौर की स्वच्छता के रहस्यों को जानने के लिए यहां आ चुके हैं।
कचरा प्रबंधन के तौर-तरीके जानने पहुंचा संयुक्त प्रतिनिधि मंडल

यह जानना उनके लिए दिलचस्प है कि आठ वर्ष पूर्व जिस शहर की सड़कों पर कचरे के ढेर लगे रहते थे, वहां अब स्वच्छता का ऐसा माहौल कैसे बना। इंदौर की सफलता का यह मॉडल लैटिन अमेरिकी देशों ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर और ग्वाटेमाला के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने दो दिवसीय दौरे के दौरान देखा।

ये भी पढ़ें :  मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में आने वाले साल में मैट्रो दौड़ती नजर आएगी

दल के सदस्य ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे

दल के सदस्य ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे, जहां उन्होंने कचरे से सीएनजी बनाने वाले संयंत्र का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि पहले यहां कचरे के पहाड़ थे, लेकिन अब हरियाली है।प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर के कचरा प्रबंधन के तरीकों को समझने के लिए नगर निगम के अधिकारियों से सवाल किए।

ये भी पढ़ें :  राज्यपाल ने आचार्य बालकृष्णन से सिकल सेल के संबंध में की चर्चा

उन्होंने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सिस्टम, अनुपयोगी वस्तुओं के पुन: उपयोग और सीवेज प्लांट से निकलने वाले उपचारित जल के उपयोग के तरीकों को भी जाना। इंदौर का स्वच्छता माडल न्यूनतम खर्च में अधिकतम स्वच्छता को दर्शाता है।

यह मॉडल न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी आदर्श माना जा रहा है। अब तक 40 से अधिक देशों के 850 से ज्यादा प्रतिनिधिमंडल इंदौर आकर यहां से स्वच्छता का पाठ सीख चुके हैं।

ये भी पढ़ें :  इंदौर का स्वच्छता मॉडल बना ग्लोबल आइकन, 50 देशों के प्रतिनिधि हुए प्रेरित

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment