पति-पत्नी दोनों बने कलेक्टर, 158 किमी की दूरी पर पोस्टिंग; IAS जयति के नाम से कांपते हैं माफिया

भोपाल
 मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले हुए हैं। इसमें कई जिलों के कलेक्टर भी बदल गए हैं। तबादले की सूची आने के बाद आईएएस कपल की चर्चा खूब है। पति-पत्नी एक साथ पहली बार कलेक्टर बने हैं। हालांकि पति पहले भी एक जिले के कलेक्टर रह चुके हैं। इस बार बड़े और अहम जिले की जिम्मेदारी मिली है। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर शिवम वर्मा और जयति सिंह की है।

पति बने इंदौर के तो पत्नी बनीं बड़वानी कलेक्टर

दरअसल, सोमवार की रात आए तबादले की सूची में आईएएस अफसर शिवम वर्मा को इंदौर का कलेक्टर बनाया गया है। अभी वह इंदौर नगर निगम के कमिश्नर थे। शिवम वर्मा 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं, उनकी पत्नी जयति सिंह 2016 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। जयति सिंह अभी उज्जैन जिला पंचायत की सीईओ थीं। अब उन्हें बड़वानी का कलेक्टर बनाया गया है।

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पत्नी पहली बार बनी है कलेक्टर

आईएएस शिवम वर्मा अपनी पत्नी जयति सिंह से सीनियर हैं। वह 2013 बैच के आईएएस अफसर हैं। इंदौर कलेक्टर बनने से पहले वह श्योपुर के कलेक्टर के रह चुके हैं। अब वह दूसरी बार कलेक्टर बने हैं। वहीं, जयति सिंह का बैच 2016 है। वह मध्य प्रदेश के कई जिलों में तैनात रही हैं। पहली बार वह अपने करियर में कलेक्टर बनी हैं। उन्हें बड़वानी कलेक्टर बनाया गया है। इंदौर से बड़वानी की दूरी लगभग 158 किलोमीटर है।

इंदौर है सबसे अहम जिला

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हालांकि शिवम वर्मा पर मोहन सरकार ने बड़ा भरोसा जताया है। उन्हें श्योपुर कलेक्टर के पद से इंदौर लाकर नगर निगम का कमिश्नर बनाया गया था। इंदौर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। इस जिले का प्रभार खुद सीएम मोहन यादव के पास है। हाल की घटित घटनाओं से सरकार की फजीहत हो रही थी। इसके बाद शिवम वर्मा को इंदौर की कमान सौंपी गई है। इससे साफ है कि शिवम वर्मा सीएम मोहन यादव के गुड बुक में हैं।

जयति सिंह से थर्राते हैं माफिया

वहीं, आईएएस अफसर जयति सिंह की छवि कड़क अधिकारी के रूप में रही है। वहां जहां भी तैनात रहीं, अपनी एक अलग छाप छोड़ी हैं। जयति सिंह मूल रूप से यूपी की रहने वाली हैं। डबरा में एसडीएम रहने के दौरान अवैध काम करने वाले लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी। इनके नाम से माफियाओं की नींद उड़ी रहती थी। जयति सिंह को वहां से हटाने के लिए तत्कालीन मंत्री इमरती देवी ने उस समय मोर्चा खोला दिया था। इमरती देवी ने यहां तक कह दिया था कि डबरा में या तो एसडीएम रहेगी या फिर मैं। इसके बाद सीएम से जाकर शिकायत की थी। कुछ दिनों बाद एसडीएम का वहां से तबादला हो गया था।

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गौरतलब है कि अब सरकार ने दोनों पति-पत्नी को कलेक्टर बना दिया है। जयति सिंह के पास पहली बार पूरे जिले की कमान है। अब देखना होगा कि कैसे वह बड़वानी में छाप छोड़ती हैं।

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