उमरिया से मैहर तक मीट-मछली की बिक्री पर रोक, 2 अक्टूबर तक बंद रहेंगी दुकानें

उमरिया
 नवरात्रि की आज से शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन से दो अक्टूबर तक मध्य प्रदेश के कई शहरों में मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। उमरिया में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक में 22 सितंबर से दो अक्टूबर तक मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं, इस पर अंडा कारोबारियों ने एतराज जताया है। इसके साथ ही मैहर में भी बिक्री पर प्रतिबंध है। शहरी विकास अभिकरण के निर्देशानुसार नगर पालिका परिषद उमरिया क्षेत्राअंतर्गत समस्त अंडा, मांस, मछली, मटन विक्रेता 22 सितंबर 2025 नवदुर्गा स्थापना से लेकर विसर्जन दिनांक 2 अक्टूबर 2025 तक अंडा, मांस, मछली, मटन का विक्रय नहीं होगा। इसके साथ ही प्रतिष्ठानों को भी बंद रखा जाएगा।

नवरात्रि की वजह से किया गया प्रतिबंधित
विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व जिला मंत्री ने कहा कि मैं पूर्ण रूप से सनातनी हूं। यह प्रस्ताव बिल्कुल स्वागत योग्य है। नौ दिनों तक भक्तिमय वातावरण बना रहता है, इस बीच यत्र-तत्र मांस मछली की दुकान लगी रहती हैं जो की पीड़ादायक होती है। त्यौहार और उपवास के समय में जहां ऐसी स्थिति देखने को मिलती है, वहां मन व्यथित हो जाता है। एक घृणा का भाव मन में उभरता और मन दुखी होता है, जिस तरह शांति समिति की बैठक में जो यह प्रस्ताव दिया गया है, स्वागत योग्य है।

ये भी पढ़ें :  इंदौर : अस्पताल से भागा भैरवगढ़ जेल का बंदी, मुंह के कैंसर के चलते करवाया था भर्ती

शांति समिति की बैठक के बाद फैसला
उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि आगामी दुर्गा पूजा और दशहरे को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें जिले के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उनके द्वारा यह सुझाव दिया गया कि नवरात्रि के दौरान अंडे, मांस और मछली के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाए। उनके सुझाव को प्रस्ताव में लिया गया है और उस पर परीक्षण कार्यवाही की जाएगी। वहीं, खुले रहने पर क्या कार्रवाई होगी, इस पर कहा कि निरीक्षण करवाएंगे।

ये भी पढ़ें :  नेमावर में एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से जल प्रदाय परियोजना का कार्य प्रगति पर, 6,498 की आबादी को मिलेगा शुद्ध पेयजल

अंडा व्यापारियों ने जताया विरोध

वहीं, इस मामले मे थोक अंडा व्यापारी अनिल कुमार ने विरोध जताते हुए कहा कि हमारे धंधे पर प्रभाव तो बहुत पड़ेगा। मुझे अंडे का काम करते हुए 38 वर्ष हो गए आज तक कभी प्रतिबंध नहीं लगा। मांस पर होता था, यह पहली बार हो रहा है। हमारे साथ कई लोगों का परिवार जुड़ा है। अब 9-10 दिन दुकान बंद रहेगी तो उनका परिवार कैसे चलेगा, वह लोग भी परेशान हैं। हम भी परेशान हैं कि हमारे पास जो माल पड़ा हुआ है, वह सब खराब होगा, जिला प्रशासन की तरफ से हम लोगों से किसी प्रकार की सहमति नहीं ली गई है। न ही अभी तक कोई यह कहने आया कि आप लोग अपनी दुकान बंद रखिएगा, इतना ही नहीं कोई भी यह पूछने वाला नहीं है कि आपके पास कितना माल रखा हुआ है कितना खराब होगा।

ये भी पढ़ें :  रावत के इस्तीफे के बाद अब कौन बनेगा मध्य प्रदेश का नया वन मंत्री… कुर्सी पर कई मंत्री-विधायकों की नजर

गौरतलब है जिला प्रशासन और शांति समिति के इस निर्णय से अंडा, मांस, मछली कारोबारियों में काफी रोष देखने को मिल रहा है कि यह एकतरफा निर्णय ले लिया गया है, यदि ऐसा ही करना है तो शराब की दुकानों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

Share

Leave a Comment