GST रेट कट के बाद आम आदमी को बड़ी राहत, जल्द ही हो सकता ऐलान!

रॉयटर्स
जीएसटी में कटौती के बाद आम आदमी को एक और बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। खबर है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक सरप्राइज रेट कट कर सकता है। यानी अगर ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में आम आदमी पर से ईएमआई का बोझ कम हो सकता है। बता दें कि आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति बैठक में बुधवार को रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखने की संभावना है। हालांकि, कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कमजोर निवेश, वैश्विक व्यापार दबाव और नरम महंगाई को देखते हुए RBI सरप्राइज रेट कट का विकल्प भी चुन सकता है। बता दें कि RBI की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक 1 अक्टूबर को समाप्त हो रही है। अनुमान है कि RBI अपनी प्रमुख नीति दर (रेपो रेट) को 5.50% पर बनाए रखेगा। लेकिन, अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी व्यापार और कमजो महंगाई दर के प्रभाव को देखते हुए दर में कटौती की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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क्या है डिटेल
रॉयटर्स पोल के मुताबिक, करीब तीन-चौथाई अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, सिटी, बार्कलेज, कैपिटल इकॉनॉमिक्स और एसबीआई जैसी बड़ी वित्तीय संस्थाओं ने रेट कट की संभावना जताई है। उनका कहना है कि विकास दर पर दबाव और महंगाई की नरमी, कटौती के पक्ष में माहौल बना रही है। इस साल की शुरुआत से अब तक RBI ने 100 बेसिस प्वाइंट की दरों में कटौती की है, लेकिन इसके बावजूद निजी निवेश कमजोर बना हुआ है। अगस्त पॉलिसी मीटिंग में RBI ने दरों को स्थिर रखते हुए 'न्यूट्रल स्टांस' बनाए रखा था, जिसके बाद वित्तीय हालात और सख्त हो गए।

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एनालिस्ट की राय
सिटी इकॉनॉमिस्ट्स ने लिखा कि अक्टूबर की बैठक फिर से 'लाइव' हो गई है। RBI एक 'इंश्योरेंस रेट कट' का विकल्प चुन सकता है ताकि बाहरी झटकों से अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सके, या फिर डोविश पॉज लेकर संकेत दे सकता है कि आने वाले समय में कार्रवाई की जाएगी। भारत की अर्थव्यवस्था ने जून तिमाही में 7.8% की बेहतर-से-उम्मीद ग्रोथ दर्ज की। हालांकि, कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह आंकड़ा महंगाई के समायोजन के बाद वास्तविक मजबूती से अधिक दिख रहा है। बता दें कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए आयकर राहत और जीएसटी दरों में कटौती जैसे कदम उठाए हैं। लेकिन बढ़े हुए टैरिफ और रुपये की कमजोरी ने आर्थिक दृष्टिकोण को अनिश्चित बना दिया है।

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अमेरिका के साथ व्यापार तनाव बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव की आशंका गहराई है। अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगा दिया है और वीजा फीस बढ़ाई है, जिससे सेवाओं के व्यापार पर और सख्त कदम उठाए जाने की चिंताएं बढ़ गई हैं। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रिजर्व बैंक पूरी स्थिति का असर देखने का इंतजार करने की बजाय पहले ही कदम उठा सकता है। कैपिटल इकॉनॉमिक्स के मुताबिक, “अमेरिकी टैरिफ से जीडीपी ग्रोथ को झटका लग सकता है। वहीं, महंगाई का स्तर अभी भी नियंत्रित है। ऐसे में RBI एक बार फिर से रेट कट चक्र शुरू कर सकता है।” संस्था ने अनुमान जताया है कि RBI अगले हफ्ते दरों में कटौती कर सकता है और दिसंबर में एक और कटौती संभव है।

 

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