धनतेरस पर ज्वेलरी नहीं, चांदी के बर्तन और सिक्के होंगे फायदे का सौदा – जानिए क्यों

नई दिल्ली

भारत में दिवाली और धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने का रिवाज रहा है. कुछ लोग ज्‍वेलरी की शॉपिंग करते हैं तो कुछ लोग गोल्‍ड-सिल्‍वर के बर्तन या सिक्‍के की खरीदारी करते हैं, लेकिन ज्‍यादातर लोग सोना-चांदी की ज्‍वेलरी खरीदने पर भी फोकस रखते हैं. हालांकि अभी Gold-Silver की कीमतों रिकॉर्ड बढ़ोतरी के कारण ज्‍वेलरी खरीदना आम बात नहीं रह गई है. 

सिल्‍वर का प्राइस रिटेल मार्केट में 2 लाख रुपये प्रति किलो पहुंच चुका है, जबकि सोने की कीमत 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है. दिवाली और धनतेरस वाले दिन इन धातुओं की डिमांड की वजह से कीमतों में और भी ज्‍यादा उछाल आने की उम्‍मीद है, जिस कारण ज्‍वेलरी खरीदना और भी महंगा पड़ सकता है. लेकिन अगर आप इन धातुओं के बर्तन या सिक्‍के खरीदते हैं तो आपको डबल फायदा हो सकता है. 

ये भी पढ़ें :  बिलावल भुट्टो ने उगला जहर बोला - पानी दो वरना जंग के लिए तैयार रहे इंडिया

क्‍यों ज्‍वेलरी की जगह चांदी के बर्तन खरीदना सही फैसला? 
ज्‍वेलरी की तुलना में चांदी के सिक्‍के और बर्तन पर कम जीएसटी दर लगती है. इसके अलावा, मेकिंग चार्ज का भी लाभ मिलता है, जिस कारण सोने-चांदी की ज्‍वेलरी की तुलना में बर्तन और सिक्‍के खरीदना एक सही फैसला हो सकता है और यह डबल फायदा दे सकता है. 

पहला फायदा- चांदी के बर्तनों और सिक्‍के पर 3% जीएसटी लगता है, जो सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं पर लागू होता है. लेकिन अगर बर्तनों के निर्माण में मेकिंग चार्ज जुड़ा है तो यह चार्ज 5% लागू होगा. 

ये भी पढ़ें :  20 की खांसी की दवा 100 में! मेडिकल स्टोर्स की मुनाफाखोरी का खुलासा

दूसरा फायदा- दूसरा सबसे बड़ा फायदा मेकिंग चार्ज को लेकर है. ज्‍वेलरी में नाजुक डिजाइन, कारीगरी और मेहनत ज्‍यादा लगती है. इस कारण अक्सर 20% या उससे भी ज्‍यादा तक मेकिंग चार्ज जुड़ जाता है. इसके अलावा, ब्रांड नेम की वजह से भी ज्‍वेलरी खरीदारी महंगी हो सकती है. वहीं बर्तन में डिजाइन साधारण होता है. कुछ में तो डिजाइन होता भी नहीं है, जिस कारण इसपर मेकिंग चार्ज 5 फीसदी या उससे थोड़ा ज्‍यादा होता है. 

ये भी पढ़ें :  देश में शनिवार 10 मई तक 27 एयरपोर्ट बंद, 430 उड़ानें रद, विदेशी एयरलाइंस ने बदले मार्ग नई दिल्ली ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदलते हालात को देखते हुए गुरुवार को घरेलू एयरलाइंस ने 430 उड़ानें रद कर दी हैं। जबकि शनिवार 10 मई तक के लिए 27 एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। आंकड़ों के हिसाब से रद की गई उड़ाने देश में कुल उड़ानों का तीन प्रतिशत हैं। उड़ानों पर नजर रखने वाले प्लेटफार्म फ्लाइटराडार24 के अनुसार, पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे के ऊपर का एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए तकरीबन खाली है। विदेश मंत्रालय की तरफ से बड़ा एलान उड़ानों के लाइव पाथ और कैंसल के आंकड़ों को जारी करने वाले फ्लाइटराडार24 के अनुसार, ''पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे का जम्मू-कश्मीर और गुजरात के ऊपर का एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए खाली है क्योंकि विमानन कंपनियों ने इसे संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया है।'' वहीं, विमानन कंपनियों ने बुधवार को भी 300 से ज्यादा उड़ानें रद कर दी थीं और उत्तरी एवं पश्चिमी भारत में 21 एयरपोर्ट बंद कर दिए गए थे। प्रेट्र के अनुसार, अधिकांश विदेशी एयरलाइंस ने भी एयरस्पेस में प्रतिबंध के कारण पाकिस्तान के ऊपर उड़ानें बंद कर दी हैं। जर्मनी की लुफ्थांसा ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ताजा हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सप्ताह में पांच भारतीय शहरों में 64 उड़ानें संचालित करने वाली कंपनी ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए लुफ्थांसा अगले आदेश तक पाकिस्तान के एयरस्पेस में नहीं जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप कुछ मार्गों पर भारत समेत एशियाई देशों के लिए जाने वाली उड़ानों का समय बढ़ जाएगा। सभी यात्रियों से निवेदन है कि वे घर से निकलने से पहले उड़ान का समय सुनिश्चित कर लें। ब्रिटिश कंपनी वर्जिन अटलांटिक ने भी पाकिस्तानी एयरस्पेस के ऊपर उड़ानें बंद कर दी हैं, जिसके चलते पूर्वनिर्धारित लंदन-दिल्ली की उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ रहा है। हर सप्ताह 35 उड़ानों का संचालन कंपनी भारतीय शहरों के लिए 35 साप्ताहिक उड़ानों का संचालन करती है। कौन से एयरपोर्ट हैं बंद हिंडन, ग्वालियर, श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंटर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केसोड़, भुज।

डिजाइन और फैशन वैल्‍यू 
ज्‍वेलरी डिजाइन और फैशन की वजह से भी ज्‍यादा मंहगे दामों पर बिक सकती हैं, लेनिक बर्तन या सिक्‍के में ऐसा नहीं होता है. यह सिर्फ यूटिलिटी यूज या निवेश के लिहाज से खरीदे जाते हैं, जिस कारण यह ज्‍वेलरी की तुलना में सस्‍ता होगा. 

कौन ज्‍यादा होता है शुद्ध? 
बर्तन अक्सर 80%-90% शुद्धता में बनते हैं, जबकि ज्वेलरी आमतौर पर 92.5% शुद्ध होती है. इसका मतलब है कि बर्तनों में थोड़ा और धातु मिलाकर बनाई जाती है. ऐसे में देखा जाए तो चांदी की ज्‍वेलरी बर्तन की तुलना में ज्‍यादा शुद्ध होती है. 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment