भोपाल से गिरफ्तार युवक ISIS का सोशल मीडिया हैंडलर निकला, ज्ञानवापी मस्जिद केस में जमानत मिलने के बाद युवकों की भर्ती तेज की

भोपाल 

भोपाल से गिरफ्तार आतंकी अदनान ISIS का सोशल मीडिया हैंडलर निकला। इससे पहले भी वह एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। जमानत मिलने के बाद से युवकों ​को खुद से जोड़ने का काम कर रहा था।वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियो सर्वे का ऑर्डर देने वाले जज को धमकी देने वाली पोस्ट (काफिरों का खून आपके लिए हलाल है…) भोपाल से गिरफ्तार आतंकी सैयद अदनान ने इंस्टाग्राम में की थी।

जज की फोटो पर काफिर लिखा और उन्हें मारने के लिए उकसाया। इस मामले में लखनऊ के गोमती नगर थाने में केस दर्ज हुआ था। यूपी पुलिस ने इसके खिलाफ UAPA भी लगाया था।

12वीं के बाद ही जिहादी पेज और चैनलों को फॉलो किया अदनान को 4 जून 2024 को भोपाल से गिरफ्तार किया गया था। यूपी पुलिस ने उसे 10 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद 26 सितंबर 2024 को उसे जमानत मिल गई थी।

पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जमानत मिलने के बाद वह चरमपंथी सामग्री पोस्ट करने और समान विचारधारा वाले युवकों को भर्ती करने की गतिविधियों में तेजी ले आया। इससे पहले वह 12वीं के बाद ही जिहादी पेज और चैनलों को फॉलो करने लगा था। इसी दौरान ISIS की विचारधारा से प्रभावित हो गया।

जेहादी वीडियो इंटरनेट से जुटाने का काम करता था सीए का स्टूडेंट सैयद अदनान ISIS के लिए सोशल मीडिया हैंडलर के तौर पर काम करता था। वे आईएसआईएस से जुड़ी जेहादी वीडियो इंटरनेट से जुटाने का काम करता था। इन वीडियोज में मजहब के नाम पर मर मिटने जैसी तकरीरें होती थीं। इन्हें तोड़-मरोड़कर हदीसों से जोड़ा जाता था।

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इन वीडियो को तोड़ने-मरोड़ने और फर्जी तरीके से एडिट करने का काम दिल्ली का अदनान करता था। दोनों ही सिग्नल ऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सीरियाई ISIS कमांडर के संपर्क में रहते थे।

वहां से मिले निर्देश के अनुसार वीडियोज को अलग-अलग सोशल मीडिया ग्रुप्स पर शेयर करने का काम किया जाता था। फर्जी पहचान से बनाए गए यूट्यूब चैनल्स पर भी इन वीडियोज को प्रचारित और प्रसारित किया जाता था।

ISIS मॉड्यूल से जुड़े दोनों अदनान सोशल मीडिया पर 'सात-उल-उम्माह' और 'वॉयस ऑफ इंडिया' नाम के ग्रुप्स से जुड़े थे। इन ग्रुप्स में एक हजार से ज्यादा सीरिया स्थित अबू मेंबर्स थे।

उत्तर प्रदेश का रहने वाला है दूसरा अदनान

    मोहम्मद अदनान खान मूल रूप से यूपी के एटा जिले से है। एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता है।
    पिता सलीम खान दूरदर्शन में ड्राइवर का जॉब करते हैं और मां अंजुम खान होम मेकर हैं।
    तीन बड़ी बहनें है, जिनकी शादी हो चुकी है। एटा में 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। पिता का 2020 में ट्रांसफर हुआ तो फैमिली दिल्ली आ गई।
    अदनान ने दिल्ली में पढ़ाई फिर शुरू करने की कोशिश की, जो विफल रहा। इस साल में डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा पूरा किया।

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ISIS खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ ली, वीडियो बनाया था भोपाल का अदनान सात महीने पहले ही दिल्ली के अदनान के टच में आया था। दिल्ली के मोहम्मद अदनान ने पुलिस को बताया कि 2023 में सादिक नगर में सरकारी फ्लैट्स में आने के बाद उसने इंस्टाग्राम पर कट्टरपंथी पेजों को फॉलो करना शुरू किया। एक ग्रुप में शामिल हो गया। शुरुआत में इस ग्रुप में 25-30 मेंबर थे।

सीरिया स्थित हैंडलर अबू इब्राहिम अल कुरैशी ने आईएसआईएस से संबंधित वीडियो-फोटो और पीडीएफ उपलब्ध कराए थे। इन सामग्रियों और संपर्कों से प्रभावित होकर उसने आईएसआईएस खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी, जिसका विडियो भी बनाया था।

भोपाल वाला अदनान मिडिल क्लास फैमिली से है

    मध्य प्रदेश के भोपाल के करोंद का रहने वाला अदनान खान मिडिल क्लास फैमिली से है, जिसके पिता सलाम अलग-अलग प्राइवेट फर्म में अकाउंटेंट का काम करते हैं।
    मां पार्ट टाइम एक्ट्रेस है। वह 12वीं तक भोपाल में पढ़ा। फिलहाल भोपाल ईदगाह में एक व्यक्ति के मार्गदर्शन में चार्टर्ड अकाउंटेंट की तैयारी कर रहा है।
    यह छह से 10 साल की उम्र तक मदरसे में पढ़ा है। इसके बाद इसका झुकाव कट्टरपंथ की तरफ बढ़ता चला गया, जिसमें 12वीं के बाद इजाफा होता चला गया।

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कमरे से धार्मिक कट्टरपंथ से जुड़ी किताबें भी मिली थीं अदनान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 18 अक्टूबर की सुबह चार बजे उसके घर से गिरफ्तार किया था। उसके कमरे से धार्मिक कट्टरपंथ से जुड़ी किताबें भी मिली थीं। पुलिस उसका एक लैपटॉप भी ले गई है, अदनान ने इंस्टाग्राम पर खिलजी नाम से एक फेक आईडी भी बना रखी थी।

पूरी कार्रवाई को बेहद गोपनीयता के साथ अंजाम दिया गया। जिसकी भनक स्थानीय पुलिस से लेकर कॉलोनी में रहने वाले अदनान के पड़ोसियों तक को नहीं लगी।

4 साल पहले भी पकड़े गए थे 4 आतंकी

इससे पहले भोपाल में चार साल पहले ATS ने जमात के 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये सभी बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिदीन (बांग्लादेश) के सदस्य थे। यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके।

इनमें से दो आतंकी ऐशबाग इलाके की फातिमा मस्जिद के पास किराए से रह रहे थे। इनकी निशानदेही पर करोंद इलाके की खातिजा मस्जिद के करीब एक घर में रह रहे 2 और आतंकियों को पकड़ा गया था।

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