जिंसी चौराहा रियल एस्टेट अपडेट: 200 साल पुराने मकान-दुकान बिना मुआवजा तोड़े जाएंगे, सैकड़ों लोग होंगे बेरोजगार

इंदौर 
शहर के मध्य क्षेत्र में स्थित जिंसी चौराहे के आसपास की सड़कों का नए मास्टर प्लान के मुताबिक चौड़ीकरण होना है। यहां की सड़कें 79 फीट चौड़ी की जाएंगी। जिंसी चौराहे से रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा और नेमीनाथ चौराहे से जिंसी चौराहे तक सड़क चौड़ीकरण प्रस्तावित है। हाल ही में नगर निगम ने लोगों को मकान खुद हटाने के नोटिस दिए हैं और अब लगातार विरोध बढ़ रहा है। रहवासी दोनों ही सड़कों के चौड़ीकरण का लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सड़क की चौड़ाई में हमारे मकान और दुकानें लगभग समाप्त हो जाएंगे। नेताओं और अधिकारियों को इस पर विचार करना चाहिए। इससे हजारों लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा और पूरे क्षेत्र की संस्कृति का नुकसान होगा। 

लंबे समय से चल रहा विरोध प्रदर्शन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कृपाशंकर शुक्ला का घर भी इसी क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण व्यावहारिक होना चाहिए। लगभग 80 फीट सड़क चौड़ी की जा रही है। इसमें तो पूरा क्षेत्र ही बर्बाद हो जाएगा। यह कारोबार का मुख्य क्षेत्र है। पूरा बाजार ही समाप्त हो जाएगा। हमने महापौर पुष्यमित्र भार्गव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की है, हमें उम्मीद है कि इसे सोच समझकर ही अमल में लाया जाएगा। गौरतलब है कि यह क्षेत्र मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र में आता है। 

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200 साल पुराने मकान बाजार, नक्शे भी पास
इस क्षेत्र में अधिकतर मकान 100 से 200 साल पुराने हैं। सभी ने होलकरों के समय यहां की जमीनों के सौदे किए थे और बाद में नगर निगम के अस्तित्व में आने पर नक्शे पास करवाए। इसके बाद मास्टर प्लान आया और उसमें इस क्षेत्र की सड़कों के चौड़ीकरण की बात तय की गई। रहवासियों का कहना है कि हमारे घर और दुकान का एक इंच भी अवैध नहीं है। बिना मुआवजा दिए इस तरह से तोड़फोड़ करना और हमारे रोजगार खत्म करना बिल्कुल गलत है। हम इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करते रहेंगे। 

60 फीट के लिए रहवासी राजी
क्षेत्र में रहने वाले अधिकतर रहवासी सड़कों को 60 फीट तक चौड़ी करने के लिए राजी हैं। दुकानदारों का भी कहना है कि इससे हमारी दुकानों का कुछ हिस्सा बच जाएगा और हमें व्यापार करने के लिए जगह मिल जाएगी। यदि पूरी दुकानें ही खत्म हो गई तो हम क्या करेंगे। हमारे पूरे परिवार इन दुकानों की आय पर ही जीवित हैं। 

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ट्रैफिक का दबाव बहुत अधिक
यह शहर के मध्य क्षेत्र में आता है इसलिए ट्रैफिक का दबाव यहां पर सबसे अधिक है। जाम की समस्या से निपटने के लिए यहां पर ट्रैफिक पुलिस के द्वारा कई बार विशेष टीमें भी लगाई जाती हैं। शाम को 6 बजे बाद बिना ट्रैफिक जाम में फंसे यहां से गाड़ी निकालना लगभग असंभव सा रहता है। नगर निगम और प्रशासन को उम्मीद है कि सड़कों के चौड़ीकरण के बाद में यहां ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। 

1835 में घर खरीदा था, आजादी के बाद निगम से नक्शा पास करवाया
रहवासी गोविंद शर्मा ने बताया कि उन्होंने 1835 में होलकर शासन में यह घर खरीदा था। उस समय होलकरों के नियमों के मुताबिक रजिस्ट्री करवाई गई थी। बाद में देश आजाद हुआ और नगर निगम बना। हमने पूरे घर का नक्शा पास करवाया। अब सड़क चौड़ीकरण में हमारी पूरी दुकानें टूट रही हैं। पहले यह सड़क 40 फीट चौड़ी होना थी, बाद में इसे 60 फीट करने का कहा गया और अब 80 फीट चौड़ीकरण का प्रस्ताव आया है। इस तरह तो हमारे व्यापार पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। 

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महापौर ने माइक्रो सर्वे करवाने का कहा
हमने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से अपनी बात रखी है। उन्होंने क्षेत्र में माइक्रो सर्वे करवाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि उसके बाद ही यहां पर काम शुरू होगा। रहवासियों की पूरी मदद की जाएगी। 
– शंकर नागवानी, रहवासी

आंदोलन जारी रहेगा
क्षेत्र के लगभग सभी नेता हमारे साथ आंदोलन में खड़े हैं। हमें जब तक न्याय नहीं मिलेगा हम आंदोलन करते रहेंगे। यह सब हमारी पुश्तैनी संपत्तियां हैं। हम किसी कीमत पर इन्हें बर्बाद नहीं होने देंगे। 
– संजय खानविलकर, रहवासी

रहवासियों से बातचीत जारी
हम रहवासियों की परेशानी में उनके साथ खड़े हैं। उनकी बात हमने महापौर और अधिकारियों तक पहुंचाई है। रहवासियों से लगातार संवाद हो रहा है। जल्द बीच का कोई रास्ता जरूर निकलेगा।
– भावना मिश्रा, पार्षद 

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