सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन में 20 हजार करोड़ की तैयारी, श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर एमपी सरकार का जोर

उज्जैन 
सिंहस्थ 2028 से पूर्व मध्यप्रदेश के उज्जैन की सूरत पूरी तरह बदलने जा रही है. मध्यप्रदेश सरकार का श्रद्धालुओं की सुविधाओ के लिए 5 बड़े कामों पर फोकस है, जिनकी लागत हजारों करोड़ है. सबसे पहला काम मोक्षदायिनी क्षिप्रा शुद्धिकरण (कान्हा डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना) है, जिससे क्षिप्रा पर कई जगह पुल, पुलिया व सड़क निर्माण के माध्यम से यातायात सुगम बनाया जाएगा.

इसके बाद व्यापक स्तर पर सीवरेज पाइप लाइन व ट्रीटमेंट प्लांट, पेयजल परियोजना, अस्पताल, विश्राम भवन आदि पर फोकस होगा.

5 विकास कार्यों पर होगा सबसे ज्यादा फोकस

सिंहस्थ 2028 से पहले मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ ऐतिहासिक स्थलों को मजबूती देना व सरकार की प्राथमिकता है. इन प्रमुख पांच विकास कार्यों को कैसे किया जाएगा, इसके लिए कितने बजट की जरूरत होगी और इसकी क्या टाइम लाइन होगी इसे लेकर एक बार फिर प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया गया.

20 हजार करोड़ से चमकेगी उज्जयनी नगरी

सिंहस्थ महाकुंभ उज्जैन नगरी में वर्ष 2028 में लगने जा रहा है, जिसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है. सरकार का अनुमान है कि उज्जैन सिंहस्थ 2028 में 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे और इसी के हिसाब से पूरा रेडमैप तैयार किया गया है. जनसंपर्क विभाग के अनुसार सिंहस्थ महापर्व 2028 के पहले जिले में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि से अलग-अलग प्रकार के विकास कार्य किए जा रहे हैं.

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914 करोड़ कान्हा क्लोज डायवर्जन परियोजना पर

लगभग 919.94 करोड़ रुपए की लागत से कान्‍हा डायवर्जन क्‍लोज डक्‍ट परियोजना का कार्य क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए किया जाएगा. इसमें कान्हा नदी के पानी को 18.5 किमी कट/कवर व 12 किमी टनल का निर्माण कर उज्‍जैन शहर की सीमा से बाहर कर गंभीर नदी के डाउन स्‍ट्रीम में प्रवाहि‍त किया जाएगा. यह परियोजना आगामी सितंबर 2027 तक पूर्ण हो जाएगी.

निर्माण एजेंसी द्वारा 15 वर्षों का संचालन व रख-रखाव का प्रावधान किया गया है. इसकी कुल लंबाई 30.15 किमी रहेगी. इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद पूरे वर्ष क्षिप्रा नदी में स्‍वच्‍छ जल का प्रवाह सुनिश्चित किया जाएगा.

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440 करोड़ की लागत से पुलि-पुलियों का निर्माण

सिंहस्थ महापर्व की तैयारियों के लिए 19 नवीन पुलों व आरओबी का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 14 पुल नदी पर व 5 रोड ओवर ब्रिज शामिल हैं. इनकी अनुमानित लागत 440.13 करोड़ रुपए है. पुल निर्माण कार्यों की श्रृंखला में शहर के बहुप्रतीक्षित फ्रीगंज का ब्रिज भी शामिल किया गया है. शहर का सबसे महत्‍वपूर्ण हरिफाटक ब्रिज का चौड़ीकरण काम म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा 371.11 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. साथ ही सड़कों का चौड़ीकरण, नवीन मार्गों का निर्माण भी इसमें शामिल है.

सीवरेज पर 476 करोड़, पेयजल पर 1113 करोड़

सिंहस्थ मेला क्षेत्र में सीवरेज पाइप लाइन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्‍लान्ट का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो शहर के अधोसंरचना विकास की दृष्‍टि‍ से अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण रहेगी और इसकी लागत 476.06 क‍रोड़ रुपए रहेगी. शहर की पेयजल परियोजना भी 1113 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है. इस परियोजना में 150 एमएलडी का वॉटर ट्रीटमेंट प्‍लान्‍ट, 700 किमी से अधिक पाइप लाइन का नेटवर्क और 17 नए जल टैंक बनाए जाएंगे.

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ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और मंदिर जीर्णोद्धार के लिए 500 करोड़ से ज्यादा

ऐति‍हासिक स्थलों का संरक्षण करना जैसे शहर का कोठी पैलेस भवन उसे कुंभ एक्सपीरियंस सेंटर व वीर भारत संग्रहालय बनाना, वीर दुर्गादास सिंह राठौड़ की छत्री पर 52.69 करोड़ की लागत से विकास कार्य, मंदिर के जीर्णोद्धार कर परमार, मराठा शैली का वैभव लौटाना भी इसमें शामिल है. इसपर 500 करोड़ से ज्यादा खर्ज होंगे.

अन्य कई परियोजनाओं पर खर्च होंगे हजारों करोड़

सिहंस्‍थ में करोड़ों श्रध्‍दालुओं के आने पर उनके स्वास्थ्य का ध्‍यान रखते हुए 550 बिस्‍तरीय चिकित्‍सालय भवन, 150 सीट्स का चिकित्‍सा महाविद्यालय भवन व छात्रावास निर्माण होगा. इंदौर से उज्‍जैन के बीच 48 किमी एक नई ग्रीन फिल्‍ड सड़क का निर्माण कार्य लागत लगभग 2935 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे

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