बिहार में SIR की ‘चाल’ से बदला खेल, हार पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान– यूपी में नहीं होने देंगे

लखनऊ 
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार का ठीकरा समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एसआईआर पर फोड़ा है। उन्होंने दावा किया है कि बिहार में एसआईआर ने खेल कर दिया और अब यह बंगाल, यूपी समेत अन्य राज्यों में नहीं हो पाएगा। शुक्रवार सुबह से जारी बिहार चुनाव की गिनती में महागठबंधन काफी पिछड़ चुका है। रुझानों में एनडीए एकतरफा प्रचंड जीत की ओर है।

दोपहर साढ़े 12 बजे तक, एनडीए 185 सीटों पर आगे चल रहा था, जबकि महागठबंधन महज 53 सीटों पर ही बढ़त बनाए हुए है। प्रशांत किशोर की जनसुराज का खाता भी नहीं खुल सका है। वहीं, अन्य तीन सीटों पर आगे है। हालांकि, अभी यह रुझान है और आने वाले घंटों में आंकड़े में तब्दीली आ सकती है।

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राज्य में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन की करारी हार पर अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ''बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है, वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, यूपी और बाकी जगह पर अब नहीं हो पाएगा, क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम यह खेल, इनको नहीं खेलने देंगे। सीसीटीवी की तरह हमारा पीपीटीवी मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा।''

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कांग्रेस ने भी महागठबंधन की हार के पीछे एसआईआर को ही वजह बताया है। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, ''शुरुआती रुझानों में लगता है कि ज्ञानेश गुप्ता (मुख्य चुनाव आयुक्त) बिहार की जनता पर भारी पड़ रहे हैं। आने वाले समय में स्पष्ट होगा कि बिहार के लोग भारी पड़ेंगे ज्ञानेश कुमार गुप्ता पर या ज्ञानेश गुप्ता पड़ेंगे। इंतजार करना होगा। बिहार की जनता को कम नहीं आंक सकता हूं, एसआईआर, वोट चोरी के बाद भी उन्होंने पूरी हिम्मत दिखाई है।''

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वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक्स पर कहा कि जो मेरा शक था वही हुआ। 62 लाख वोट कटे 20 लाख वोट जुड़े उसमें से 5 लाख वोट बिना SIR फॉर्म भरे बढ़ा दिए गए। अधिकांश वोट गरीबों के दलितों के अल्प संख्यक वर्ग के कटे। उस पर EVM पर तो शंका बनी हुई है। कांग्रेस को अपने संगठन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आज का चुनाव मतदान केंद्र पर सघन जनसंपर्क का है ना कि रैली व जनसभा का। विजयी प्रत्याशियों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

 

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