ढाका
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देशभर में तनाव और हिंसा फैल गई। फैसले के बाद रातभर कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन, आगजनी और हमलों की रिपोर्ट आई है। कम से कम 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
अदालत का फैसला बना कारण
सोमवार को ICT ने शेख हसीना को पिछले साल जुलाई में सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान किए गए मानवता-विरुद्ध अपराधों के आरोपों में दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई। इसके साथ ही उनके दो शीर्ष सहयोगियों पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल,पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को भी दोषी ठहराया गया। हालांकि मामून को अपराध की गंभीरता को देखते हुए हल्की सजा दी जाएगी।फैसले के कुछ ही घंटों बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह सड़कों पर मार्च निकाले और कुछ स्थानों पर प्रमुख हाईवे को ब्लॉक कर दिया।
ढाका में सबसे उग्र प्रदर्शन
सबसे ज्यादा उग्रता ढाका के धानमंडी 32 इलाके में देखी गई। यह वही स्थान है जहां बांग्लादेश के संस्थापक और शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान का घर स्थित है।ढाका ट्रिब्यून और स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार:
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई बार टकराव हुआ
दंगाइयों ने वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की
साउंड ग्रेनेड, आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया गया
50 से ज्यादा लोग घायल हुए
5 जिलों में गाड़ियां जलाई गईं
फैसले के बाद कम से कम पांच जिलों केरनिगंज, नारायणगंज, चिटगांव, सिराजगंज और बोγρα में वाहनों को आग लगाने की घटनाएं हुईं।
सुरक्षा एजेंसियों को रातभर हालात काबू में करने के लिए तैनात रहना पड़ा। पिछले हफ्ते ही देश में 50 से ज्यादा आगजनी और देसी बम हमले हुए थे, जिनमें तीन लोगों की मौत हुई थी। अदालत के फैसले ने इस तनाव को और भड़का दिया है।
हमला पूर्व राष्ट्रपति के घर तक पहुंचा
किशोरगंज जिले में स्थित पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के घर पर भी देर रात हमला किया गया।प्रथम अलो की रिपोर्ट के अनुसार:
फैसले के बाद इलाके में कुछ लोगों ने जुलूस निकाला
तभी 20–30 लोगों की भीड़ ने अचानक घर पर धावा बोल दिया
तोड़फोड़ की गई, हालांकि बड़े नुकसान से बचा लिया गया
बांग्लादेश में तनाव बरकरार
देश में राजनीतिक माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ है।
सुरक्षा बलों को कई संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ी है।
विशेष बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि इंटरनेट सेवाएं और संचार पर भी निगरानी बढ़ाई गई है।


