उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-
जनपद अयोध्या में विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय का 
निर्माण एवं संचालन कराये जाने के सम्बन्ध में

    मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदत्त अनुमोदन के अनुपालन में जनपद अयोध्या स्थित तहसील सदर के ग्राम मांझा जमथरा की नजूल भूमि गाटा-57 मि0 क्षेत्रफल 25 एकड़ में टाटा ग्रुप के सहयोग से सी0एस0आर0 फण्ड के माध्यम से विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन हेतु 01 रुपये वार्षिक धनराशि की दर पर भूमि 90 वर्ष के लिये दिये जाने हेतु संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश शासन एवं टाटा संस प्रा0लि0 के मध्य त्रिपक्षीय एम0ओ0यू0 दिनांक 03 सितम्बर, 2024 को हस्ताक्षरित किया गया है। तदनुक्रम में ग्राम मांझा जमथरा, परगना हवेली अवध, तहसील सदर, जनपद अयोध्या की राजकीय नजूल भूमि गाटा संख्या गाटा-57 मि0 व 1 मि0 क्षेत्रफल 25 एकड़ के अतिरिक्त 27.102 एकड़, कुल 52.102 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उ0प्र0 से पर्यटन विभाग के पक्ष में किये जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है। साथ ही, प्रकरण में आवश्यकतानुसार अग्रेतर निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किये जाने का भी निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।  

    उल्लेखनीय है कि भारत में घरेलू पर्यटकों एवं विदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान है। अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वनसम्पदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं विद्यमान हैं।

    भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या वर्तमान में एक विश्वस्तरीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित हो रही है। दिनांक 22 जनवरी 2024 को श्रीराम जन्मभूमि प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरान्त अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व गुणात्मक वृद्धि हुई है, अब प्रतिदिन लगभग 2 से 4 लाख पर्यटक अयोध्या धाम आ रहे हैं। नई पीढ़ी के युवाओं, विदेशी पर्यटकों, भारतीय सभ्यता और संस्कृति में रुचि रखने वाले पर्यटकों को अयोध्या के प्रति आकर्षित करने हेतु आवश्यक पर्यटक उपादानों का अभी अभाव है।

    टाटा सन्स प्रा0लि0 द्वारा भारतीय मंदिर स्थापत्य कला तथा भारतीय मंदिरों से सम्बन्धित सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत से लोगों को परिचित कराने एवं प्राचीन काल से चली आ रही मंदिरों की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक परम्परा व दर्शन के संरक्षण हेतु अपने सी0एस0आर0 फण्ड से एक विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय का निर्माण एवं इसका सुचारु रूप से प्रबन्धन/संचालन करने हेतु इच्छा व्यक्त की गयी है। जिसमें यह प्रस्तावित किया गया कि इस कार्य हेतु एक गैर लाभकारी एस0पी0वी0 का गठन कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 08 के अधीन किया जायेगा। इस संस्था में भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे।
    इस संग्रहालय की स्थापना से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा व सरकार को राजस्व में प्राप्ति होगी।

 
सेवायोजित अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों द्वारा 
राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण शिविर आदि में प्रतिभाग करने 
की अवधि एवं आवागमन में लगने वाले समय को ड्यूटी मानने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022 के अन्तर्गत सेवायोजित खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण शिविर आदि में प्रतिभाग किये जाने की अवधि एवं आवागमन में लगने वाला समय कर्तव्यार्थ व्यतीत अवधि (ड्यूटी) माने जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। 

ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022 के अन्तर्गत सेवायोजित खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण या खेल शिविरों में प्रतिभाग किये जाने को स्वीकृति देने तथा संगत अवधि को सेवाकाल माने जाने के सम्बन्ध में कोई व्यवस्था नहीं है, क्योंकि भर्ती/सेवा नियमावली में अवकाश सम्बन्धी व्यवस्था नहीं रखी जाती है। इससे सम्बन्धित खिलाड़ियों को अनुमति प्राप्त करने में समस्या होती है। 

ऐसे खिलाड़ियों के नियोक्ता/प्रशासकीय विभागों को स्वीकृति प्रदान करने में कोई दुविधा न रहे, इसके दृष्टिगत सेवायोजित अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को केन्द्र सरकार की भांति समुचित व्यवस्था कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नियमावली-2022 के अन्तर्गत सेवायोजित खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण, शिविर आदि में प्रतिभाग किये जाने की अवधि एवं आवागमन में लगने वाले समय सहित कर्तव्यार्थ व्यतीत अवधि (ड्यूटी) माने जाने के सम्बन्ध में कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से व्यवस्था प्रस्तावित है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने पर नियमावली-2022 के अन्तर्गत सेवायोजित खिलाड़ियों को राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण, खेल शिविरों में प्रतिभाग किये जाने की अनुमति प्राप्त करने में सुगमता होगी।
 

डॉ0 सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा, वाराणसी के संचालन, 
प्रबन्धन तथा रख-रखाव एवं तत्सम्बन्धी राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र हेतु भारतीय 
खेल प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराये गये एम0ओ0यू0 का आलेख्य स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने डॉ0 सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा, वाराणसी के संचालन, प्रबन्धन तथा रख-रखाव एवं तत्सम्बन्धी राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र हेतु भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराये गये एम0ओ0यू0 के आलेख्य सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। 
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के खेल विभाग के स्वामित्व में स्थित डॉ0 सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा, वाराणसी में खेल अवसंरचनाओं (भवन, ढ़ांचा, खेल मैदान और अन्य सुविधाएं) का निर्माण खेलो इण्डिया योजना के अन्तर्गत किया गया है। वहां पर राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना एवं संचालन का कार्य भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा कराये जाने हेतु एम0ओ0यू0 का आलेख्य शासन के स्वीकृतार्थ उपलब्ध कराया गया है। डॉ0 सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना के उद्देश्य से स्टेडियम की कतिपय खेल अवस्थापनाओं को, एम0ओ0यू0 में निहित शर्तां एवं प्रतिबन्धों के आधार पर, भारतीय खेल प्राधिकरण को दिये जाने का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है।

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राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र के माध्यम से विभिन्न आयु वर्गों और खेल विधाओं में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान होगी और उन्हें राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु तैयार किया जा सकेगा। राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना होने से राष्ट्र के उभरते हुए खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।

जनपद बागपत में पी0पी0पी0 मोड पर अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य 
केन्द्र विकसित, संचालित तथा अनुरक्षित करने का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने जनपद बागपत की तहसील व परगना बागपत के ग्राम हरिया खेड़ा में पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही कुल 70.885 हेक्टेयर भूमि पर गैर लाभकारी संगठन अथवा अन्य संस्थाओं के माध्यम से पी0पी0पी0 मोड पर अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केन्द्र विकसित, संचालित तथा अनुरक्षित किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है। 

मंत्रिपरिषद द्वारा जनपद बागपत में अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केन्द्र स्थापित किये जाने के लिए, पूर्व से कार्यरत विभागीय ट्रान्जेक्शन एडवाइजरी फर्म द्वारा तैयार किये गये। आर0एफ0पी0 निविदा प्रपत्रों के नियम एवं शर्तां तथा ड्राफ्ट कन्सेशन एग्रीमेण्ट का ड्राफ्ट भी अनुमोदित किया गया है। इसके अलावा ग्राम हरिया खेड़ा, जनपद बागपत में ग्राम सभा की 2.061 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है। प्रकरण में भविष्य में आने वाली कठिनाई के निराकरण हेतु निर्णय लिये जाने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।

ज्ञातव्य है कि योग भारतीय संस्कृति का प्रमुख अंग है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 21 जून को ‘अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान तथा इसके उपरान्त अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आम जनमानस में योग के प्रति काफी रुचि उत्पन्न हुई है तथा विश्व भर में योग की महत्ता बढ़ी है। वर्तमान समय में विश्व में समग्र स्वास्थ्य आरोग्य पर्यटन (वेलनेस टूरिज्म) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 

अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर केन्द्र्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ‘हील इन इण्डिया‘ पहल के माध्यम से चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से उपाय कर रहा है। उत्तर प्रदेश में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कोई योग एवं वेलनेस सेण्टर उपलब्ध नहीं है। प्रदेश में अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केन्द्र स्थापित होने से आरोग्य पर्यटन के प्रति भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा। इसी क्रम में जनपद बागपत स्थित पुरामहादेव में अन्तरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केन्द्र की स्थापना प्रस्तावित है।

कानपुर स्थित 14/112, सिविल लाइन दि जार्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45,000 वर्ग मी0 नजूल भूमि मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किये जाने हेतु कानपुर विकास प्राधिकरण को निःशुल्क आवंटित/हस्तान्तरित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने कानपुर स्थित 14/112, सिविल लाइन दि जार्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45,000 वर्गमीटर नजूल भूमि को मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किये जाने हेतु कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर को कतिपय शर्तां एवं प्रतिबन्धों के अधीन, तथा प्रभावी जिलाधिकारी सर्किल दर पर छूट प्रदान करते हुए, निःशुल्क आवंटित/हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। 
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा रिट संख्या-13256/2021 (रिट-ए) विजय बहादुर व अन्य बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 05.10.2021 के अनुपालन में कानपुर स्थित 14/112, सिविल लाइन दि जार्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45,000 वर्गमीटर नजूल भूमि को पी0पी0पी0 के आधार पर मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किये जाने हेतु कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर के पक्ष में हस्तान्तरित किये जाने का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया।

पूर्व में विशेष परिस्थितियों एवं लोकहित में नजूल भूमि का आवंटन/हस्तान्तरण मुख्यमंत्री जी की सहमति से मंत्रिपरिषद के अनुमोदनोपरान्त राज्य सरकार के सेवा विभागों को निःशुल्क तथा गैर सेवा विभागों एवं भारत सरकार के विभागों को प्रभावी जिलाधिकारी सर्किल रेट पर सशुल्क आवंटित/हस्तान्तरित किया गया है।चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा रिट याचिका संख्या-13256/2021 (रिट-ए) विजय बहादुर व अन्य बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 05.10.2021 के अनुपालन में दि जार्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45,000 वर्गमीटर नजूल भूमि को मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किये जाने हेतु कानपुर विकास प्राधिकरण, कानपुर के पक्ष में निःशुल्क हस्तान्तरित किया जाना प्रस्तावित किया गया। यह हस्तान्तरण अपवादस्वरूप होगा तथा इसे भविष्य में दृष्टान्त के रूप में नहीं माना जाएगा।

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प्रदेश के प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर ’जिला दिव्यांग 
पुनर्वास केन्द्र’ की स्थापना एवं संचालन के सम्बन्ध में

    मंत्रिपरिषद ने प्रथम चरण में प्रदेश के प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर ’जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र’ (डी0डी0आर0सी0) की स्थापना एवं संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किये जाने के प्रस्ताव तथा इस सम्बन्ध में प्रस्तावित कार्ययोजना को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने सन्दर्भगत प्रस्ताव पर भविष्य में होने वाले आवश्यक परिवर्तन/परिवर्धन हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया है। 

    ज्ञातव्य है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों के हितार्थ उत्तर प्रदेश के 37 जनपदों में ही जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों (डी0डी0आर0सी0) का संचालन भारत सरकार के सहयोग से हो रहा है। जनपद-अम्बेडकर नगर में स्थापित एक डी0डी0आर0सी0 का संचालन एन0टी0पी0सी0 द्वारा वित्त पोषण कर किया जा रहा है। उक्त 37 में से 11 केन्द्र मण्डल मुख्यालय पर संचालित हैं। नियमित अनुदान प्राप्त न होने तथा विशेषज्ञ कर्मचारियों हेतु मानदेय की दरें कम होने के कारण इन केन्द्रों का सुचारु संचालन नहीं हो पा रहा है।
    मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 13.10.2025 को विभागीय कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण से सहमत होते हुये प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर अर्थात् कुल 18 जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों (डी0डी0आर0सी0) की स्थापना एवं संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किये जाने के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही नियमानुसार किये जाने के निर्देश दिये गये।

    जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र की स्थापना पर प्रति केन्द्र प्रथम वर्ष लगभग 49.96 लाख रुपये तथा द्वितीय वर्ष एवं आगामी वर्ष में लगभग 31.46 लाख रुपये का व्यय होगा। इस प्रकार प्रथम वर्ष में लगभग 09 करोड़ रुपये तथा द्वितीय एवं आगामी वर्ष हेतु लगभग 5.50 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों के संचालन में प्रत्येक वर्ष प्रति केन्द्र सम्भावित व्यय बजटीय व्यवस्था के माध्यम से किया जाएगा, जिसे कालान्तर में अन्य स्रोतों से वहन किया जाएगा। 

     प्रदेश के प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों (डी0डी0आर0सी0) की स्थापना एवं संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किये जाने से दिव्यांगजनों का सर्वेक्षण एवं चिन्हांकन, दिव्यांग शिविरों का आयोजन, सहायक उपकरणों की मरम्मत, कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण हेतु चिन्हांकन/फिटमेंट, चाल/उपयोग प्रशिक्षण/निर्माण एवं वितरण, दिव्यांगता की रोकथाम हेतु जागरूकता, प्रारम्भिक पहचान और सक्रिय हस्तक्षेप, सरकारी योजनाओं का सुगमतापूर्वक लाभ प्राप्त करने में सरलता, दिव्यांग व्यक्तियों के लिये दिव्यांग प्रमाण-पत्र, यू0डी0आई0डी0 कार्ड जारी करने में सहायता तथा नैदानिक सेवायें, यथा-परामर्श, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी आदि प्रदान की जा सकेंगी। 

अमृत-2.0 योजना के अन्तर्गत नगर निगम कानपुर में ईस्ट
 एवं साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट हेतु पेयजल पाइपलाइन विस्तार 
प्रायोजना एवं 31678.88 लाख रु0 लागत का व्यय प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत-2.0) योजना के अन्तर्गत जनपद कानपुर नगर के नगर निगम कानपुर में पेयजल योजना के ईस्ट एवं साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट हेतु पाइपलाइन विस्तार से सम्बन्धित प्रायोजना तथा व्यय वित्त समिति द्वारा उसकी अनुमोदित लागत 31678.88 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि अमृत-2.0 योजना के अन्तर्गत नगर निगम कानपुर में पेयजल योजना से ईस्ट एवं साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट में निवासित शत-प्रतिशत जनमानस को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु यह परियोजना तैयार की गयी है। इस परियोजना के प्रस्तावित पूर्ण होने के उपरान्त ईस्ट एवं साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट में निवासित शत-प्रतिशत जनमानस को शुद्ध पेयजल से लाभान्वित किया जाएगा तथा जल जनित रोगों से भी मुक्ति मिलेगी। विषयगत परियोजना से कानपुर नगर के अन्तर्गत 33 वॉर्ड लाभान्वित होंगे।
अमृत-2.0 योजना के तहत इस प्रायोजना की अनुमोदित लागत में भारत सरकार के 7610.32 लाख रुपये, राज्य सरकार के 18264.77 लाख रुपये तथा निकाय का अंश 4566.19 लाख रुपये सम्मिलित है। अनुमोदित लागत में 1237.60 लाख रुपये सेन्टेज का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाना है। 

अमृत-2.0 योजना के अन्तर्गत नगर निगम बरेली में पेयजल पुनर्गठन योजना फेज-01
से सम्बन्धित प्रायोजना तथा उसकी लागत 26595.46 लाख रु0 का व्यय प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत-2.0) योजना के अन्तर्गत जनपद बरेली के नगर निगम बरेली में पेयजल पुनर्गठन योजना फेज-01 से सम्बन्धित प्रायोजना तथा व्यय वित्त समिति द्वारा उसकी अनुमोदित लागत 26595.46 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि इस प्रायोजना के क्रियान्वयन से नगर निगम बरेली की लगभग 92 प्रतिशत जनसंख्या पेयजल आपूर्ति से आच्छादित हो जाएगी। लगभग 09 लाख की आबादी इस प्रायोजना से लाभान्वित होगी। इस प्रायोजना की अनुमोदित लागत 
26595.46 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज सहित) में भारत सरकार के 8530.96 लाख रुपये, राज्य सरकार के 14504.95 लाख रुपये तथा निकाय का अंश 2559.55 लाख रुपये सम्मिलित है। अनुमोदित लागत में सम्मिलित 1,000 लाख रुपये सेन्टेज का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। 

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उ0प्र0 औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इम्पावर्ड कमेटी की 15 मई, 2025 की बैठक की संस्तुतियाँ अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इम्पावर्ड कमेटी की 15 मई, 2025 को सम्पन्न बैठक में की गयी संस्तुतियों को अनुमोदित किया है। ज्ञातव्य है कि 15 मई, 2025 को सम्पन्न इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में मेसर्स के0आर0 पल्प एण्ड पेपर्स लि0, जिला शाहजहांपुर (पश्चिमांचल क्षेत्र) तथा मेसर्स बृन्दावन एग्रो इन्डस्ट्रीज (प्रा0) लि0, जिला मथुरा (पश्चिमांचल क्षेत्र) को सुविधाएं वितरित करने के प्रस्तावों पर विचार किया गया। मेसर्स के0आर0 पल्प एण्ड पेपर्स लि0, जिला शाहजहांपुर (पश्चिमांचल क्षेत्र) को वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 की अवधि के लिए सुविधाओं हेतु 56,39,785 रुपये की धनराशि नियमों एवं शर्तों के अधीन वितरित किये जाने की संस्तुति की गयी। 
मेसर्स बृन्दावन एग्रो इन्डस्ट्रीज (प्रा0) लि0, जिला मथुरा (पश्चिमांचल क्षेत्र) को 01 अप्रैल, 2023 से 30 सितम्बर, 2024 की अवधि के लिए सुविधाओं हेतु 17,06,26,256 रुपये की धनराशि नियमों एवं शर्तों के अधीन वितरित किये जाने की संस्तुति की गयी। कुल देय वितरण योग्य धनराशि में से नोडल संस्था को देय प्रशासनिक खर्चों के रूप में 1.5 प्रतिशत घटाकर शेष राशि कम्पनियों को वितरित की जाएगी। प्रश्नगत कम्पनियों को सुविधाओं के वितरण का यह प्रथम प्रस्ताव है। अतः इम्पावर्ड कमेटी की उपरोक्तानुसार संस्तुति पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। 

उ0प्र0 अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 
गठित इम्पावर्ड कमेटी की बैठक दिनांक 15 मई, 2025 की संस्तुति अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इम्पावर्ड कमेटी की बैठक दिनांक 15 मई, 2025 में की गयी संस्तुति को अनुमोदित किया है। 

ज्ञातव्य है कि अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के अन्तर्गत मेगा श्रेणी की परियोजनाओं को देय वित्तीय सुविधाएं विषयक एजेण्डा इम्पावर्ड कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। 15 मई, 2025 को सम्पन्न इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में मेसर्स पसवारा पेपर्स लि0, जिला मेरठ (पश्चिमांचल क्षेत्र) को एक 01 अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021 की अवधि हेतु प्रतिपूर्ति के प्रकरण पर विचार किया गया।
प्रश्नगत इकाई के लिए कम्पनी को 01 अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021 की अवधि हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के अन्तर्गत 1,50,15,711 रुपये का भुगतान पूर्व में मंत्रिपरिषद के अनुमोदनोपरान्त किया गया था। कम्पनी ने पुनः अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के अन्तर्गत प्रश्नगत अवधि (01 अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021) हेतु पुनरीक्षित क्लेम 65,67,235 रुपये (2,15,82,946 रुपये-1,50,15,711रुपये = 65,67,235 रुपये) प्रस्तुत किया। 

चूंकि पूर्व में सुविधाओं की प्रतिपूर्ति मंत्रिपरिषद के अनुमोदनोपरान्त की गयी, अतः यह सहमति बनी कि पुनरीक्षित क्लेम के अनुसार अवशेष धनराशि 65,67,235 रुपये का भुगतान भी मंत्रिपरिषद के अनुमोदनोपरान्त किया जाए। कुल देय वितरण योग्य राशि में से नोडल संस्था को देय प्रशासनिक खर्चों के रूप में 01 प्रतिशत घटाकर शेष राशि कम्पनी को वितरित की जाएगी। इम्पावर्ड कमेटी द्वारा की गयी उपरोक्त संस्तुति पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

उ0प्र0 अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 के प्रस्तर-5.7 में मेगा परियोजना श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को अनुमन्य प्रोत्साहन एवं सुविधाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है। 200 करोड़ रुपये या उससे अधिक निवेश करने वाली औद्योगिक इकाईयों को मेगा श्रेणी का दर्जा दिया गया। नीति के क्रियान्वयन के लिए पिकअप को नोडल एजेन्सी नामित किया गया। 

जनपद चन्दौली में चन्दौली सकलडीहा सैदपुर मार्ग (राज्य मार्ग-69) के 
चैनेज-0.000 से चैनेज 29.670 तक 04 लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण 

(लम्बाई 29.672 कि0मी0) कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के सम्बन्ध में
    मंत्रिपरिषद ने जनपद चन्दौली में चन्दौली सकलडीहा सैदपुर मार्ग (राज्य मार्ग-69) के चैनेज-0.000 से चैनेज 29.670 तक 04 लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण (लम्बाई 29.672 कि0मी0) की सम्पूर्ण परियोजना एवं व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित लागत 49147.24 लाख रुपये (चार अरब इक्यानवे करोड़ सैतालिस लाख चौबीस हजार रुपये) के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। 
    जनपद चन्दौली में चन्दौली-सकलडीहा सैदपुर मार्ग (राज्य मार्ग सं0-69) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19/एशिया हाईवे संख्या-1 से प्रारम्भ होकर चन्दौली-सकलडीहा-चहनियां-सैदपुर होते हुए जनपद चन्दौली से जनपद गाजीपुर को जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण मार्ग है। यह मार्ग जनपद गाजीपुर/जौनपुर/आजमगढ़/बलिया जाने के लिए वाराणसी शहर के बाईपास के रूप में उपयोग होता है। प्रश्नगत मार्ग का 04 लेन में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हो जाने से यातायात सुगम एवं क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा।

 

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