मुख्यंमत्री डॉ. यादव ने नव उद्यमियों से प्रदेश में अधिकाधिक निवेश का किया आव्हान

भोपाल 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नव उद्यमियों से आह्वान किया कि वे नवाचार, स्पष्ट सोच और सामाजिक दायित्व के साथ आगे बढ़ें। प्रदेश में अधिकाधिक निवेश करें। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये अनुकूल वातावरण संसाधन और सविधाएं है। राज्य शासन द्वारा निवेशकों को सभी संभव सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग न केवल संपन्नता, बल्कि हजारों परिवारों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना के साथ भारत और मध्यप्रदेश उद्यमिता के नए शिखर छुएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज इंदौर में यंग एंटरप्रेन्योर्स फाउंडेशन (YEF)  द्वारा आयोजित नव उद्यमियों के भारत समिट 2025 को सम्बोधित कर रहे थे। इस प्रतिष्ठित आयोजन में केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, श्री दीपक विस्पुते, श्री राज सोमानी, श्री सिद्धार्थ सिंह, श्री विकास खेमानी, विधायक श्री रमेश मेंदोला, श्री मधु वर्मा, श्रीमती मालिनी गौड़, डॉ. निशांत खरे, श्री सावन सोनकर, श्री सुमित मिश्रा, श्री श्रवण चावड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और पुलिस कमिश्नर श्री संतोष सिंह, कलेक्टर श्री शिवम वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। यह समिट नेतृत्व, उद्यमिता, आध्यात्मिकता और अगली पीढ़ी के लिए दूरदर्शी सोच को एक सशक्त मंच पर एक साथ लाने वाला ऐतिहासिक आयोजन रहा। देशभर से आए प्रभावशाली वक्ताओं, युवा उद्यमियों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और विचारशील व्यक्तित्वों ने अपने अनुभव साझा किए।

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उद्योग से जीवन संवारने की स्पष्ट नीति के साथ मध्यप्रदेश में उद्योग का नया संकल्प
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि युवा शक्ति ही भारत के भविष्य की आधारशिला है। उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नव उद्यमी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश का सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पहली बार उद्योग विभाग को सीधे मुख्यमंत्री स्तर पर प्राथमिकता दी है, ताकि निर्णय तेज़ी से हों और निवेशकों का विश्वास और मजबूत हो। मुख्यमंत्री  डॉ. यादव ने कहा कि “उद्योग से जीवन संवारने” की स्पष्ट नीति के साथ मध्यप्रदेश में उद्योग का नया संकल्प लिया गया है। यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।

जल संसाधन और सौहार्द का नया अध्याय
डॉ. मोहन यादव ने बताया कि पीकेसी (PKC) योजना और नदी जोड़ो अभियान के माध्यम से राज्य को जल-संपन्न बनाने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के बीच जल-साझेदारी ने एक नया मोड़ लिया है। पड़ोसी राज्यों को पानी देने का निर्णय केवल परियोजना नहीं, बल्कि सौहार्द और सहयोग का नया अध्याय है।

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ग्रीन एनर्जी में ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रीनको प्रोजेक्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां कुछ राज्यों और देशों में यह परियोजना 4 से दस वर्षों में पूरी हुई, वहीं मध्यप्रदेश में यह दुनिया का बड़ा प्रोजेक्ट दो साल से भी कम समय में तय होकर आज लोकार्पण की स्थिति तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि मजबूत संबंधों, भरोसे और तेज़ निर्णय प्रक्रिया का परिणाम है।

निवेश के नए कीर्तिमान
डॉ. मोहन यादव ने बताया कि भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में में  32 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं, जिनमें से 6 लाख करोड़ रुपये के निवेश का भूमिपूजन पहले ही हो चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि 25 दिसम्बर को 2 लाख करोड़ रुपये के निवेश का भूमिपूजन/लोकार्पण एक ही स्थान पर संपन्न होगा, जो अपने आप में ऐतिहासिक है। यह कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में कई  सेक्टर्स में भी अपार संभावनाएं है। इन संभावनाओं के मद्देनजर इन्हें विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार  पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि युवाओं में नेतृत्व क्षमता और सही दिशा देने वाले मंच ही राष्ट्र निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी उद्यमी की सफलता का रहस्य X-Factor नहीं बल्कि D-Factor है। यह D-Factor है—Dreamers (सपने देखने वाले), Doers (उन्हें जमीन पर उतारने वाले) और Disrupters (नवाचार से व्यवस्था बदलने वाले), जो भारत की प्रगति की असली शक्ति हैं। उन्होंने कहा कि आज का युवा भारत नई सोच, साहस और जोखिम लेने की क्षमता से लैस है। यह वही युवा है जो नींद से ज्यादा रणनीति को महत्व देता है और असली विकास और असली प्रगति  में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि बड़े और साहसिक विचार ही वास्तविक बदलाव की नींव रखते हैं। श्री सिंधिया ने अपने व्यक्तिगत जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि न्यूयॉर्क में नौकरी के बाद भारत लौटकर शून्य से शुरुआत करना आसान नहीं था, लेकिन धैर्य, परिश्रम और निरंतर प्रयास ने सफलता का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि resilience दिखावा नहीं, बल्कि शांत और निरंतर संघर्ष है। 

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