अति आत्मविश्वास से लोकसभा हारे, हार्ड वर्क से जीतेंगे विधानसभा… यूपी चुनाव के लिए वर्करों को भाजपा का साफ संदेश

 मेरठ
 लोकसभा चुनाव में यूपी में 64 से 33 सीटों पर सिमटी भाजपा का वर्करों को साफ संदेश है कि हम 'ओवरकॉन्फिडेंस' में लोकसभा चुनाव लेकिन अब 'हार्ड वर्क' से विधानसभा उपचुनाव और 2027 जीतना होगा। इस संदेश को मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के साथ संगठन के पदाधिकारी जिले में जा रहे दौरों पर वर्करों संवाद कर आगे की सियासत का गणित समझा रहे हैं। पार्टी के मोर्चो को भी खास उपचुनाव और 2027 में फतह की जिम्मेदारी निभाने का टारगेट सौंपा जा रहा। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी यूपी की उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं आए। नतीजा, 2019 के लोकसभा चुनाव में हासिल की 64 सीटों से घटकर 2024 में 33 सीट रह गई।

सियासत के जानकारों ने हालांकि माना कि भाजपा की सीटें घटने का कारण सपा कांग्रेस की अगुवाई वाला I.N.D.I.A गठबंधन का होना, मुस्लिमों का इस गठबंधन के साथ एकजुट होकर वोट करना, आरक्षण समाप्त करने और संविधान बदलने के नाम पर दलितों का एक हिस्सा और सपा के पीडीए प्लान के नाम पर पछड़ों के I.N.D.I.A गठबंधन का साथ देने को माना गया था लेकिन भाजपा ने इनके साथ ही पार्टी में सीनियर से लेकर जूनियर तक एकजुटता की कमी, खेमेबंदी और टिकट वितरण में कुछ खामी और वर्करों के 2014 और 2019 तरह जीत को लेकर “ओवर कोफिडेंस” होने को हार की खास वजह माना था।

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बीजेपी के एक नेता के मुताबिक भाजपा थिंक टैंक और बीजेपी के बड़े नेता अब जिलों में दौरे पर जाने के दौरान इस मुद्दे पर खास तवज्जो के रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वेस्ट यूपी के दौरे पर मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद के दौरे पर और प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दूसरे जिलों में दौरे पर सबसे पहले वर्करों से संवाद में गुटबंदी खत्म करने, विपक्ष के आरक्षण और संविधान में बदलाव के प्रोपेगेंडा का पर्दाफाश करने की बात तो कर रहे हैं। साथ ही बड़ी मजबूती से नसीहत और संदेश दे रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव की तरह “ओवर कोफिडेंस” में रहे। आगे की राजनीति हर वर्कर को “हार्ड वर्क” से करनी होगी।

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इस “हार्ड वर्क” और टीम भावना से जनता से जुड़ने और काम में जुटने पर ही यूपी में जल्द होने वाले दस सीटों पर उपचुनाव में फतह हासिल की जा सकेगी और 2027 में जीत की हैट्रिक लग सकेगी। अगर वर्करों में बिखराल रहा और “हार्ड वर्क” नहीं किया, “ओवर कोफिडेंस” में रहे, तब 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह के निराशाजनक परिणाम आए है वह दोहराने का खतरा मंडराने से इनकार नहीं किया जा सकता और विपक्ष अपनी रणनीति में कामयाब हो सकता हैं।

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बीजेपी के एक प्रदेश पदाधिकारी की माने तो पार्टी के नेता जिलों के दौरे के दौरान और लखनऊ में कर रहे मीटिंग में जिलों के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को बुलाकर कह रहे हैं कि पार्टी के सभी मोर्चे सरकार की नीतियों को जनता के बीच पहुंचाए। आमजन को साथ जोड़ें। विपक्ष के नकारात्मक प्रचार की असलियत सामने रखकर नाकाम करें।

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