सिनर और फ्रिट्ज़ अमेरिकी ओपन के फाइनल में

न्यूयॉर्क
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी यानिक सिनर और अमेरिका के 12वीं वरीयता प्राप्त टेलर फ्रिट्ज ने संघर्षपूर्ण मुकाबलों में जीत दर्ज करके पहली बार अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट के पुरुष एकल के फाइनल में जगह बनाई।

तीन हफ्ते से भी कम समय पहले डोपिंग मामले में बरी किए गए इटली के 23 वर्षीय सिनर ने ब्रिटेन के 25वीं वरीयता प्राप्त जैक ड्रेपर पर 7-5, 7-6 (3), 6-2 से जीत दर्ज की।

फ्रिट्ज़ ने हम वतन अमेरिकी खिलाड़ी और यहां 20वीं वरीयता प्राप्त फ्रांसिस टियाफो को पांच सेट कर चले कड़े मुकाबले में 4-6, 7-5, 4-6, 6-4, 6-1 से हराकर पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया।

ये भी पढ़ें :  दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल के लिए इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन को अपना मेंटर घोषित किया

यह 2006 के बाद पहला मौका है जबकि अमेरिका का कोई खिलाड़ी अमेरिकी ओपन के पुरुष एकल के फाइनल में पहुंचा है। फ्रिट्ज़ से पहले एंडी रोडिक इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले आखिरी अमेरिकी खिलाड़ी थे। वह तब फाइनल में रोजर फेडरर से हार गए थे।

पुरुष एकल में अमेरिकी ओपन जीतने वाला अमेरिका का आखिरी खिलाड़ी भी रोडिक थे। उन्होंने 2003 में यह उपलब्धि हासिल की थी।

ये भी पढ़ें :  जो रूट नहीं तोड़ पाए विराट कोहली का यह वर्ल्ड रिकॉर्ड, सचिन और लारा से भी रह गए पीछे

जब कैलिफोर्निया के 26 वर्षीय फ्रिट्ज और मैरीलैंड के 26 वर्षीय टियाफो सेमी फाइनल मैच खेलने के लिए कोर्ट पर उतरे तो दर्शकों को भी समझ में नहीं आ रहा था कि वह किसका समर्थन करें।

फ्रिट्ज़ ने मैच के बाद कहा,‘‘मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी। उसने बेसलाइन से शानदार खेल दिखाया लेकिन मैंने हौसला बनाए रखा। मैं खुद से कहता रहा कि अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाने का यही मौका है।

ये भी पढ़ें :  एक सेशन में दो बार किया एक ही बल्लेबाज को आउट, नाथन लायन ने कर दिया कमाल

यह 2009 के बाद पहला मौका है जबकि अमेरिका का कोई पुरुष खिलाड़ी किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है। वह रॉडिक थे जो 2009 के विंबलडन फाइनल में पहुंचे थे जहां उन्हें फेडरर से हार का सामना करना पड़ा था।

इसमें कोई संदेह नहीं कि रविवार को होने वाले फाइनल में दर्शकों का भरपूर समर्थन फ्रिट्ज़ को मिलेगा और ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन सिनर के लिए परिस्थितियों से सामंजस्य से बिठाना चुनौती होगी।

 

 

Share

Leave a Comment