चीन की ‘nuclear submarine’ समंदर में डूबी! अमेरिका बोला- यह PLA के लिए शर्मिंदगी की बात

बीजिंग
 अमेरिका की सेना को मात देने में दिन रात एक करने वाले चीनी ड्रैगन को बहुत बड़ा झटका लगा है। चीन की झोउ क्‍लास की सबसे नई और खतरनाक परमाणु पनडुब्‍बी समुद्र में डूब गई है। यह हादसा पिछले मई या जून महीने में वुहान के पास वूचांग शिपयार्ड में हुआ है। यह वही वुहान शहर है जहां से कोरोना महामारी फैली थी। चीन ने इस खतरनाक हादसे को दुनिया से छिपा रखी थी लेकिन ताजा सैटलाइट तस्‍वीरों से खुलासा हुआ है कि यह अटैक पनडुब्‍बी डूब गई है और उसे निकालने के लिए क्रेन का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। यह अभी तक स्‍पष्‍ट नहीं है कि इस हादसे में किसी की मौत हुई है या नहीं। साथ ही इस पनडुब्‍बी के अंदर परमाणु ईंधन मौजूद था या नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पनडुब्‍बी का डूबना दिखाता है कि चीन बहुत ही ज्‍यादा जल्‍दी में और इसी वजह से यह हादसा हुआ है।

वॉल स्‍ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक अब इस सबमरीन को समुद्र से निकालने में कई महीने लग सकते हैं। पहले यह कहा गया था कि यह कोई परंपरागत ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्‍बी है लेकिन अब यह खुलासा हुआ है कि एकदम नई Type 041 झोऊ क्‍लास की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अटैक सबमरीन है। बताया जा रहा है कि यह पनडुब्‍बी समुद्र में जाने से पहले आखिरी फिटिंग के दौर से गुजर रही थी। द वार जोन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों को इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि चीन के अधिकारियों ने जहां पर यह पनडुब्‍बी डूबी है, वहां से पानी के नमूने लिए हैं या वहां कोई रेड‍िएशन है।

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चीन हड़बड़ी में, एक्‍सपर्ट ने लगाई फटकार

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा, 'यह संभव है कि जब पनडुब्‍बी डूबी हो तब चीनी कर्मचारी मारे गए हो या घायल हुए हो लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे नहीं जानते हैं कि कोई हताहत हुआ है या नहीं। इस वुचांग शिपयार्ड में असामान्‍य गतिविधि के बारे में सबसे पहले जानकारी टॉम शूगार्ट ने लगाई थी जो एक थिंक टैंक से जुड़े हुए हैं और अमेरिकी नौसेना के सबमरीन वारफेयर अधिकारी पद से रिटायर हैं। सैटलाइट तस्‍वीरों में इस शिपयार्ड पर अचानक से 4 क्रेन पहुंच गई थीं। इसे 12 जून से 17 जून के बीच तैनात किया गया था।

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वाल स्‍ट्रीट की रिपोर्ट के मुताबिक यह पनडुब्‍बी अगर पूरी तरह से डूब गई होगी तो उसके अंदर पानी घुस गया होगा और उसके सारे इलेक्‍ट्रानिक उपकरणों को बदलना होगा। इससे पहले साल 1960 और 70 के दशक में अमेरिका और तत्‍कालीन सोवियत संघ से भी इस तरह की घटनाएं सामने आई थीं। जापान में अमेरिका के कैरियर स्‍ट्राइक ग्रुप के एक पूर्व कमांडर ने कहा, 'चीन में हुई यह घटना यह दिखाती है कि वे बहुत हड़बड़ी में हैं। चीनी सेना अपनी पूरी ताकत से काम कर रही है ताकि अमेरिका की परमाणु पनडुब्बियों का मुकाबला किया जा सके।'

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चीन की सैन्‍य क्षमता सवालों के घेरे में

विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की संभावना न के बराबर है कि चीन के अधिकारी घटना के बारे में पूरी जानकारी दें। उन्‍होंने कहा कि पनडुब्‍बी डूबने से चीन को झटका जरूर लगा है लेकिन इसका उसकी तेजी से बढ़ती नौसेना पर असर बहुत कम होगा। वहीं अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह घटना और चीन की चुप्‍पी उसकी सैन्‍य क्षमता और जवाबदेही के बारे में गंभीर सवाल उठाती है। उन्‍होंने कहा कि यह चीनी सेना के ट्रेनिंग मानक और उपकरणों की घट‍िया क्‍वालिटी को दिखाते हैं। उन्‍होंने कहा कि चीन का रक्षा उद्योग भ्रष्‍टाचार से जूझ रहा है। चीन के पास 6 परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल सबमरीन है और 48 डीजल से चलने वाली सबमरीन हैं। चीन का इरादा साल 2035 तक 80 पनडुब्‍बी बनाने का है।

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