रेप पीड़िता समेत तीन को गोली मारने वाले की हुई मौत, पहाड़ी पर मिली आरोपी की बॉडी, परिवार पर राजीनामें का बना रहा…

छतरपुर

छतरपुर में सोमवार को दुष्कर्म पीड़िता समेत उसके परिवार के तीन लोगों को गोली मारने वाला आरोपी आज एक पहाड़ी पर मृत अवस्था में मिला। जानकारी मिलने के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस सहित एसपी अगम जैन मौके पर पहुंचे हैं।

राजीनामा करने का दबाव बना रहा था आरोपी

बता दें कि रविवार-सोमवार की दरमियानी रात भोला अहिरवार गांव पहुंचा था। सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे अवैध ह​थियार लेकर पीड़ित लड़की के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की। वो केस में राजीनामे का दबाव बना रहा था, तभी पीड़िता के दादा (65) ने भोला को रोकने की कोशिश की। इससे भोला का गुस्सा भड़क उठा और उसने दादा के सीने में गोली मार दी, जिससे दादा की मौके पर ही मौत हो गई।

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घर से भागते समय चाचा को भी गोली मारी

इसके बाद आरोपी ने पीड़िता के पेट में कट्टे से गोली मारी और मौके से भाग निकला। जैसे ही आरोपी घर से बाहर निकला, उसे पीड़िता का चाचा (23) मिल गया। भोला ने उसे भी एक गोली मार दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया। घायलों को परिजन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इस मामले में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी, वहीं दूसरे व्यक्ति को इलाज के लिए रेफर किया गया है। नाबालिग लड़की का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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युवक की बाइक छीनकर आरोपी हुआ था फरार

हत्या की वारदात के बाद आरोपी रास्ते में एक युवक की बाइक छीनकर फरार हो गया था। अतरार के रहने वाले गोविंद कुशवाहा ने सोमवार शाम को आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने पुलिस को बताया कि वह छतरपुर से अपने गांव जा रहा था। पीतांबरा मंदिर के पास भोला अहिरवार मिला। उसने मुझे रोककर लिफ्ट मांगी। मैंने मना किया तो आरोपी ने मेरी कनपटी पर कट्‌टा अड़ा दिया। आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी। डर के कारण मैंने उसे बाइक दे दी।

पुलिस पर रिपोर्ट के नाम पर 5000 रुपए लेने का आरोप

पीड़िता की छोटी बहन ने आरोप लगाया कि 28 जुलाई को जब हम थाने में रिपोर्ट कराने गए थे, तब एक टीआई मैडम ने रिपोर्ट लिखने के नाम पर हमसे 10 हजार रुपए मांगे। मुझे बुलाकर कहा कि हम फ्री में काम नहीं करेंगे। इसके बाद मैडम ने सिविल ड्रेसे में एक पुलिसवाले को भेजा। उसे मैंने अपने हाथों से 5 हजार रुपए दिए थे। फिर पुलिस वाले घर पर भी पैसे मांगने के लिए आए थे। वे कह रहे थे कि 70 हजार रुपए दो और अपराधी का पता बताओ, नहीं तो रिपोर्ट वापस ले लो। हम राजीनामा करवा देंगे। उस समय पुलिस कार्रवाई करती तो ये घटना नहीं होती।

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