महाकुंभ 2025 -पर्यटन को गति देने के लिए पूरे प्रयागराज में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं

प्रयागराज
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में पारंपर‍िक भारतीय मूल्यों और 'अतिथि देवो भव:' की संकल्पना पर पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और वातावरण प्रदान कर रही है। सरकार के इस भागीरथ प्रयत्न से प्रदेश में पर्यटन सेक्टर का कायाकल्प हो रहा है। प्रयागराज महाकुंभ जैसा विशाल जन समागम इसे बड़ा मंच प्रदान कर रहा है।
पर्यटन को गति देने के लिए पूरे प्रयागराज में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे महाकुंभ के दौरान न सिर्फ वेंडर्स और सेवा प्रदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही समस्त धार्मिक पर्यटन स्थलों के आसपास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से उपेक्षित पड़े पर्यटन सेक्टर को प्रदेश की योगी सरकार ने नया आयाम दिया है। 16 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश की नई पर्यटन नीति-2022 को मंज़ूरी मिलने के बाद पर्यटन क्षेत्र के विकास का नक्शा बदलना शुरू हुआ। नई पर्यटन नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ के निवेश और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें भी सबसे पहले पर्यटन सेक्टर से जुड़े सर्विस प्रोवाइडर को कौशल विकास और प्रबंधन से जोड़ना महत्वपूर्ण है। प्रयागराज महाकुंभ इसके लिए बड़ा मंच साबित हो रहा है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि प्रयागराज महाकुंभ में पर्यटकों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने वाले सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित करने का अभियान शुरू किया गया है। नाविकों, टूर गाइड, और स्ट्रीट वेंडर्स जैसे सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है।

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों में नदियों में नौका संचालन से आजीविका चलाने वाले नाविकों की आय बढ़ाने और क्षमताओं का विकास कर योगी सरकार उन्हें नई भूमिका दे रही है। पर्यटन विभाग 2000 नाविकों को इसका प्रशिक्षण दे रहा है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि पर्यटन विभाग ने मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान और एक अन्य संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसके अंतर्गत यह ट्रेनिंग चल रही है, इसमें अभी तक 300 नाविकों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस प्रशिक्षण से नाविक अब नौकायन से आगे बढ़कर रिवर गाइड की भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे। इससे नदियों में धार्मिक स्थलों के किनारे नाव चलाने वाले हजारों नाविकों को रोजगार मिलेगा और पर्यटन स्थलों का वातावरण भी बेहतर होगा।

ये भी पढ़ें :  RSS महाराष्ट्र चुनाव में 'हरियाणा' वाली रणनीति अपनाएगा , संविधान पर कांग्रेस के नैरेटिव का ऐसे देगा जवाब!

पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के लिए इस स्थलों में बुनियादी संरचना के विकास के साथ यहां सेवा प्रदान करने सेवा प्रदाताओं को भी स्मार्ट बनाना होगा। पर्यटन विभाग ने इसी को देखते हुए प्रयागराज में 1000 टूर गाइड को स्किल डेवलपमेंट और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग प्रदान कर रहा है। मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान, लखनऊ के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रखर तिवारी की अगुवाई में यह ट्रेनिंग चल रही है। प्रखर तिवारी बताते हैं कि अब तक यहां टूर गाइड के सात बैच की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है, इसमें 420 टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवाएं देने को तैयार हैं। पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की डिलीवरी देने के लिए पर्यटन सेक्टर में प्रशिक्षित जनशक्ति पूल का निर्माण करना बड़ी आवश्यकता है। महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों के आतिथ्य में यह जन शक्ति उपयोगी साबित हो सकती है।

ये भी पढ़ें :  सीएम यादव 21 नवंबर को उज्जैन में मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन करेंगे, 592 करोड़ में बनाया जाएगा

प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि महाकुंभ के पूर्व पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं और जनशक्ति को कुशल बनाने के लिए टूर गाइड और नाविकों के साथ साथ अब शहर के स्ट्रीट वेंडर्स और टैक्सी ड्राइवर्स को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्ट्रीट वेंडर्स शहरी अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण घटक हैं, जो एक तरफ जहां स्थानीय लोगों तक रोज़मर्रा की आवश्यक उपयोगी वस्तुओं को पहुंचाते हैं, तो वहीं बाहर से आने वाले पर्यटकों के साथ भी उनका संपर्क होता है। पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनाने और पर्यटक स्थलों एवं मार्गों पर स्वच्छता की जानकारी देने के लिए इनका प्रशिक्षण भी आवश्यक है। पर्यटन विभाग की तरफ से इनका प्रशिक्षण शुरू किया गया है। प्रयागराज में 600 स्ट्रीट वेंडर्स और 600 टैक्सी ड्राइवर को इसका प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके अंतर्गत अभी तक 250 स्ट्रीट वेंडर्स और 120 टैक्सी ड्राइवर को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

ये भी पढ़ें :  अधूरा विश्वास सफलता नही दिला सकता,जीत का विश्वास होना जरूरी:डॉ नरोत्तम मिश्रा

योगी सरकार की नई पर्यटन नीति पर्यटन क्षेत्र के लिए जहां गेम चेंजर साबित हो रही है, वहीं इससे रोजगार की असीमित संभावनाएं खुल गई हैं। प्रयागराज में महाकुंभ के पूर्व पर्यटन से जुड़े इन सेवा प्रदाताओं स्किल डेवलपमेंट और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग देने से बड़ी तादाद में युवाओं को रोजगार मिलेगा। उनकी आमदनी बढ़ेगी। क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी के मुताबिक महाकुंभ के पहले इस ट्रेनिंग कैंपेन से 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही इन धार्मिक पर्यटन स्थलों के आसपास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment