शराब बंदी को लेकर सियासत : सरकार के राम राज्य परिकल्पना पर पूर्व मंत्री भगत ने खड़े किए सवाल

रायपुर

छत्तीसगढ़ में शराब बंदी को लेकर सियासत जारी है. शराब बंदी का मामला अब अपराध के साथ-साथ धर्म के मुद्दे से भी जुड़ता नजर आ रहा है. सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष की कांग्रेस पार्टी शराब बंदी को लेकर लगातार एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज मीडिया से बातचीत में प्रदेश में शराब बंदी को लेकर सरकार के राम राज्य परिकल्पना पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

उन्होंने कहा कि राम राज्य की परिकल्पना यह नहीं है. राम राज्य की परिकल्पना यह है कि भय मुक्त शासन चले. शराब परोसने की व्यवस्था पर रोक लगनी चाहिए. अगर सरकार शराब परोसने लगे, तो कौन रोकेगा? राम राज्य की परिकल्पना को आगे बढ़ाने का काम धरातल पर करना चाहिए. जहां नशे का कारोबार बढ़ेगा तब अपराध भी बढ़ेंगे.

धर्मांतरण पर पूर्व मंत्री अमरजीत का बयान
उन्होंने धर्मांतरण को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राजनीति में संवैधानिक व्यवस्था के तहत कानून बने हैं. भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है, सबको पूजा विधि मानने का संवैधानिक अधिकार है. अगर कोई कानून को तोड़ता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होने चाहिए. सरकार बहुत सारी बातें बोलती है लेकिन करती नहीं है. लोगों की भावनाओं को अपने पक्ष में करने बातें बोलते रहती है.

ये भी पढ़ें :  रायपुर : छावा फिल्म का स्कूली बच्चों ने लिया आनंद, छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष ने की सराहना

राज्य सरकार पर धान खरीदी में कालाबाजारी का लगाया आरोप
इन दिनों प्रदेश में धान खरीदी का दौर जारी है. इसे लेकर भी पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने राज्य सरकार पर धान खरीदी की कालाबाजारी करने के आरोप लगाए है. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कई धान खरीदी केंद्रों में अब तक बोहनी नहीं हुई. एक लिमिट टाइम में कैसे खरीदी और तौलाई होगा. धान खरीदी में इससे कालाबाजारी की संभावना बढ़ जाती है. खेल में माहिर बिचौलिये धान खपाने की कोशिश कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें :  'जो लोकार्पण नहीं चाहते थे, वो आज कहां हैं,' रमन ने बोला हमला, डिप्टी CM विजय शर्मा, बोले-'जिनका दिया हम खा रहे हैं, उनकी प्रतिमा लोकार्पण को राजनीति का अखाड़ा बना दिया', समारोह में छलका पूर्व IAS का दर्द

राज्य सरकार का मॉनिटरिंग सिस्टम फेल है. एक से 14 नवंबर तक लोगों को स्टॉक करने का कारण मिल गया है. राज्य सरकार ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की है. स्टॉक का ना कोई वेरिफिकेशन हुआ, ना जांच हुई. दूसरे राज्यों से जो धान आते हैं, उसे रोकने के लिए सुरक्षा होनी चाहिए. सरकार की नीति प्रदेश के किसानों के लिए है, इसका हक दूसरे के प्रदेश के लोग ना मारें.

प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर पूर्व मंत्री भगत का बयान
छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे आपराधिक घटनाओं को लेकर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य की साय सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की जवाबदारी कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की है. सरगुजा से बस्तर, मध्य क्षेत्र, राजधानी में हर दिन घटना हो रही है. घटनाओं से लोग चिंतित है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. सरकार को नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है. लोगों को लगना चाहिए कि सरकार उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित है. अपराध के नए नए तरीकों पर रोक लगाना जरूरी है.

ये भी पढ़ें :  छत्तीसगढ़-PSC के पूर्व चेयरमैन सोनवानी का साला-पत्नी गिरफ्तार, नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी

रायपुर दक्षिण उपचुनाव में ईवीएम पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बयान
बता दें 13 नवंबर को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. इससे पहले कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे. इसे लेकर उन्होंने कहा कि EVM पर प्रश्न आज भी खड़े हैं. पिछले चुनाव से EVM पर प्रश्न आज भी चल रहे हैं. जहां पारदर्शिता नहीं है, ऐसे सिस्टम को लागू करना प्रजातंत्र में उचित नहीं. जिसके ऊपर भी प्रश्न उठा है, उसे बंद कर देना चाहिए.

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment