हाथियों के प्रबंधन का अध्ययन दल पहुँचा अन्नामलाई टाइगर रिजर्व

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिज़र्व के नेतृत्व में अधिकारियों की 18 सदस्यीय टीम तमिलनाडु में मानव हाथी संघर्ष प्रबंधन अध्ययन दौरे पर तीसरे दिन टीम ने अन्नामलाई टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया, अन्नामलाई के डीएफओ ने वालपराई क्षेत्र में मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन और इसे कम करने के तरीकों पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।

ये भी पढ़ें :  बजट पर संवाद 23 जनवरी को प्रशासन अकादमी में

अन्नामलाई के डीएफओ ने बताया कि पहाड़ी इलाकों और चाय बागानों की बहुलता वाले क्षेत्र में अनूठी चुनौतियां है, जिसमें संघर्ष की प्रकृति अन्य क्षेत्रों से भिन्न है। संघर्ष प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने में इलाके की जानकारी और हाथी का व्यवहार महत्वपूर्ण कारक है। वालपराई में इसके लिये जीएसएम-आधारित उन्नत अलर्ट सिस्टम, एनाइडर तकनीक और सौर फेन्स की एक संयोजित तकनीक उपयोग की जाती है। अन्नामलाई टाइगर रिजर्व ने हाँका न लगाने की नीति को अपनाया है और इन उपायों के माध्यम से पिछले 2 वर्षो में हाथियों से संबंधित मृत्यु को शून्य कर दिया गया है।

ये भी पढ़ें :  सरसी आइलैंड रिजॉर्ट (ब्यौहारी) में सुविधाओं को विस्तारित किया जाए- उप मुख्यमंत्री शुक्ल

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) ने बताया कि अध्ययन दल ने अन्नामलाई टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय राघवन के साथ बातचीत की। श्री राघवन ने बचाव उपकरणों और वाहनों का प्रदर्शन किया। उन्होंने मानव-हाथी संघर्ष से निपटने के लिये इस्तेमाल की जाने वाली विधियों और हाथी नियंत्रण कक्ष के संचालन के बारे में जानकारी साझा की।

ये भी पढ़ें :  इंदौर से तीन फ्लाइट्स रद्द, एडवांस बुकिंग वालों को मिलेगा रिफंड या विकल्प

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment