भारतीय नौसेना के लिये 21,772 करोड़ रुपये के रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी, सेना की ताकत में इजाफा

नई दिल्ली
 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने 21,772 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। मंजूर की गई धनराशि से आधुनिक वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट व हेलीकॉप्टर समेत सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद की जाएगी। इसके साथ ही टी-72 और टी-90 टैंकों, बीएमपी और सुखोई लड़ाकू विमानों के इंजनों के ओवरहाल के लिए भी मंजूरी दी गई है। इससे इनकी सेवा अवधि में वृद्धि होगी।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मीटिंग

मंगलवार को दी गई इस स्वीकृति के अंतर्गत कुल पांच रक्षा सौदों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल नेवी के लिए 31 नई वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट की खरीद को मंजूरी मिली है। 120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट (एफआईसी-1) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

इन प्रस्तावों की मंजूरी से डिफेंस कंपनियों के ऑर्डर बुक को मजबूती मिलने की संभावना है। इस वजह से इन कंपनियों के शेयरों में खरीदारी का जोर देखा गया।

DAC ने जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी है, उनमें वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट्स (WJFACs), इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट्स, रडार वॉर्निंग सिस्टम्स और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर्स जैसे इक्विपमेंट्स शामिल हैं। इसमें भारतीय नौसेना के लिए 31 नए WJFACs का अधिग्रहण किया जाएगा, जो कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों, गश्त, निगरानी और खोज एवं बचाव (SAR) मिशनों के लिए उपयोगी होंगे। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ने पहले भी WJFACs की सप्लाई नौसेना को की थी, जिससे कंपनी को एक बार फिर ऑर्डर मिलने की उम्मीद बढ़ी है।

ये भी पढ़ें :  आयुष औषधियों के लिए "औषधि उत्पादन नीति" और मूल्य निर्धारण लिए "औषधि क्रय-विक्रय नीति" बनाई जाए : आयुष मंत्री परमार

इसके अलावा, 120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट (FIC-1) के अधिग्रहण के लिए मंजूरी भी दी गई है। इन FIC को एयरक्राफ्ट कैरियर्स, डेस्ट्रॉयर्स और सबमरीन जैसे हाई-वैल्यू यूनिट्स की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। DAC ने T-72 और T-90 टैंकों औरसुखोई लड़ाकू विमानों के इंजनों के ओवरहॉल को भी मंजूरी दी है। यह ओवरहॉलिंग उनकी सर्विस लाइफ और कारोबारी क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

SU-30 MKI लड़ाकू विमानों की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (EWS) का अधिग्रहण भी शुरू किया जाएगा। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ने भारतीय वायुसेना के लिए पहले भी EWS विकसित किया है, जिससे इस कंपनी को भी लाभ होने की संभावना है।

एक्सपर्ट्स की राय

ICICI सिक्योरिटीज के अमित दीक्षित का कहना है कि यह मंजूरी घरेलू ऑर्डरिंग में आई सुस्ती के बाद एक पॉजिटिव बदलाव का संकेत है। उनके अनुसार, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को इन प्रस्तावों से सबसे अधिक लाभ होगा, खासतौर पर SU-30 MKI के लिए EWS से। इसके अलावा, एस्ट्रा माइक्रोवेव को भी इस कदम से लाभ होने की संभावना है। शिपबिल्डिंग से जुड़े प्रस्ताव छोटे जहाजों के लिए हैं, जिन पर प्राइवेट कंपनियों और डिफेंस पीएसयू (DPSUs) की ओर से बोली लगाई जाएगी।

ये भी पढ़ें :  प्रोटेम स्पीकर कांग्रेस के सबसे सीनियर MLA रघुबीर कादियान होंगे, विधायकों को शपथ दिलाएंगे

ICICI सिक्योरिटीज ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और एस्ट्रा माइक्रोवेव दोनों पर ‘खरीदारी’ की सलाह दी है और इनके लिए क्रमश: 350 रुपये और 935 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।

31 नए वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (ईडब्ल्यूएस) की खरीद के लिए एओएन प्रदान की गई है। 6 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एम (एमआर) की खरीद के लिए भी मंजूरी प्रदान की गई है। डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए 31 नए वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट (एनडब्ल्यूजेएफएसी) की खरीद की आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की है। इन वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट को तट के करीब कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन, निगरानी, गश्ती और खोज व बचाव (एसएआर) कार्यों करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

ये भी पढ़ें :  सर्राफा बाजार में तेजी से महंगा हुआ सोना, चांदी की भी बढ़ी चमक

120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसके अलावा ये जहाज विशेष रूप से हमारे द्वीप क्षेत्रों में और उसके आसपास समुद्री डकैती रोधी अभियानों में प्रभावी भूमिका निभाएंगे। डीएसी ने जिन 120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट (एफआईसी-1) की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया वे जहाज तटीय रक्षा के लिए विमान वाहक, विध्वंसक और फ्रिगेट्स युद्धपोतों व पनडुब्बियों को एस्कॉर्ट करेंगे।

इसके साथ ही ये कई अन्य भूमिकाएं निभाने में सक्षम हैं। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (ईडब्ल्यूएस) में बाहरी एयरबोर्न सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर पॉड्स, अगली पीढ़ी के रडार चेतावनी रिसीवर और सुखोई -30 एमकेआई विमान के लिए संबंधित उपकरण शामिल हैं। यह प्रणाली सुखोई एसयू-30 एमकेआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएगी।

6 एडवांस हल्के हेलीकॉप्टर

वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा संरक्षित, दुश्मन के लक्ष्यों के खिलाफ एक मिशन को अंजाम देते समय यह विमान को दुश्मन के रडार और संबंधित हथियार प्रणाली से बचाएगी। डीएसी ने तटीय क्षेत्रों में तटीय सुरक्षा और निगरानी को मजबूत करने के लिए भारतीय तटरक्षक के लिए 6 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एम (एमआर) की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया है।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment