उमरिया
दुनिया भर में अपनी चित्रकारी से उमरिया जिले को पहचान दिलाने वाली प्रसिद्ध बैगा आदिवासी चित्रकार और पद्मश्री सम्मानित जोधइया बाई बैगा का निधन हो गया। बीते कुछ महीनों से उनकी हालत कई दिनों से गंभीर बनी हुई थी और इलाज के लिए उन्हें जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। उम्र अधिक होने और न्यूरो से संबंधित जटिलताओं के कारण उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही थी।
जोधइया बाई बैगा ने अपनी अद्भुत चित्रकला से न केवल उमरिया जिले बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया। उनकी कला में आदिवासी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत चित्रण देखने को मिलता था। वे बैगा समुदाय की कला और संस्कृति की सशक्त पहचान थीं।
स्वास्थ्य में गिरावट
बीते महीनें जोधइया बाई को न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट की जरूरत थी, जो उमरिया जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं थे। उन्हें एसी एंबुलेंस से जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। हालांकि, उनकी स्थिति अत्यधिक कमजोर हो चुकी थी और भोजन न कर पाने के कारण उनका शरीर और अधिक दुर्बल हो गया था।
देश ने खोया एक सांस्कृतिक सितारा
जोधइया बाई बैगा का निधन कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है। वे आदिवासी समुदाय की सशक्त आवाज थीं और उनकी कला हमेशा इस बात की याद दिलाएगी कि भारतीय परंपराओं में कितना गहराई और सौंदर्य है। उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा।