नगर निगम के वार्डों का आज होगा आरक्षण, परिसीमन के बाद बदली परिस्थितियां

रायपुर
नगर निगम के वार्डों का आज आरक्षण होगा। जीई रोड के रजबंधा मैदान शहीद स्मारक भवन में सुबह 11 बजे से आरक्षण की कार्रवाई शुरू होगी। इस अवसर पर शहर के नागरिक भी उपस्थित रहे सकते हैं। इस वर्ष निगम के वार्डों का परिसीमन होने की वजह से आरक्षण में भी बदलाव देखने को मिलेगा। विशेषज्ञों की मानें, तो आरक्षण में शासन द्वारा दी गई छूट का फायदा ओबीसी वर्ग को अधिक होने की संभावना है। इससे इस चुनाव में ओबीसी की सीटें भी 25 के आसपास हो सकती हैं।
वहीं, अनारक्षित सीटों की संख्या में कमी देखी जा सकती है। पिछले चुनाव में 40 अनारक्षित सीटें थीं। वहीं, एसटी की तीन और एससी की नौ सीटें थी। वहीं, महिला वर्ग में 22 महिलाएं पार्षद बनी थीं।

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महापौर के आरक्षण में सामान्य की भी रहेगी पर्ची
अब महापौर की उम्मीदवारी को लेकर भी नेताओं ने खींचतान शुरू हो गई है। इस बार महापौर पद का आरक्षण भी लॉटरी सिस्टम से तय होगा। इसमें सामान्य की पर्ची भी रहेगी। दरअसल, वार्डों का परिसीमन नए सिरे से हुआ है। परिसीमन नहीं होता, तो लॉटरी से सामान्य की पर्ची हटा दी जाती। राजधानी रायपुर में पिछले दो चुनावों से महापौर की सीट सामान्य कोटे में जा रही है। इसकी वजह परिसीमन ही है। इस बार फिर आरक्षण की लाटरी में सामान्य की पर्ची रहेगी।

वार्डों की बदली सूरत
नगर निगम में 2019 के परिसीमन के बाद 2024 में फिर से परिसीमन कराया गया है, जिसके चलते कई वार्डों की सूरत बदल गई है। वहीं, जनसंख्या भी इधर से उधर हुई है। इसके चलते वार्डों का भी फिर से आरक्षण किया जा रहा है। इस बार एससी, एसटी और सामान्य के साथ ही 33 प्रतिशत वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा।

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2009 में महापौर का पद हुआ था अनारक्षित
नगर निगम में महापौर का पद परिसीमन के बाद 2009 अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित किया गया था। उस समय कांग्रेस से किरणमयी नायक और भाजपा से प्रभा दुबे के बीच मुकाबला हुआ था। उसमें किरणमयी ने चुनाव जीतकर महापौर की कुर्सी संभाली थी। वहीं, 2014 में सीट सामान्य हुआ, तो उस समय भाजपा से सच्चिदानंद उपासने और कांग्रेस से प्रमोद दुबे आमने सामने हुए। हालांकि, इस चुनाव में प्रमोद दुबे को जीत हासिल हुई। वहीं, 2019 में सीधे तौर से महापौर का चुनाव पार्षदों द्वारा किया गया, जिसमें कांग्रेस से एजाज ढेबर महापौर बने। एक बार फिर महापौर और अध्यक्ष के पद पर सीधे तौर से चुनाव होगा और जनता अपना नेता खुद चुनेगी।

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