शिंदे की शिवसेना ने की उद्धव ठाकरे को राष्ट्रीय स्मारक न्यास के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग

मुंबई
 शिवसेना शिंदे गुट ने बालासाहेब ठाकरे की स्मृतियों को सहेजने के लिए बन रहे राष्ट्रीय स्मारक न्यास के अध्यक्ष पद से उद्धव ठाकरे को हटाने की मांग की है। इस बारे में जानकारी देते हुए शिवसेना (शिंदे) के नेता रामदास कदम ने बताया कि सोमवार को हुई पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया। कदम ने बताया कि पार्टी इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजेगी। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक न्यास सरकार का न्यास है। स्मारक का निर्माण सरकारी खर्चे पर हो रहा है। रामदास कदम ने कहा कि ऐसे में सरकार के मुखिया के रूप में उद्धव ठाकरे को स्मारक के अध्यक्ष पद से हटाने के अधिकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को है।

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बता दें कि हाल ही में उद्धव ठाकरे ने स्मारक के अध्यक्ष के रूप में स्मारक का दौरा किया था। हाल ही में पूरे किए गए उन्होंने पहले चरण के कार्य का जायजा लेने के बाद स्मारक में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया था। रामदास कदम ने आरोप लगाया कि शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को कालिख पोतने का काम उद्धव ठाकरे ने किया है। सत्ता के लिए लाचार होकर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाले उद्धव ठाकरे को स्मारक का अध्यक्ष रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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23 तारीख को बीकेसी में शिवसेना का सम्मेलन
रामदास कदम ने बताया कि सोमवार को सांसद श्रीकांत शिंदे की मौजूदगी में प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में संगठनात्मक मुद्दों और आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव पर भी चर्चा हुई। बैठक में कई महत्पूर्ण फैसले लिए गए। जइनमें बालासाहेब साहेब ठाकरे की जंयती पर 23 जनवरी को बीकेसी में पार्टी का सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया गया। इस सम्मेलन में शिवसेना के सभी विधायकों और सांसदों का भव्य अभिनंदन किया जाएगा। पार्टी के प्रमुख नेता एकनाथ शिंदे विधायकों और सांसदों का अभिनंदन करेंगे।

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बैठक में ये फैसले भी लिए गए
दूसरा महत्वपूर्ण फैसला मुंबई में सभी शाखा प्रमुखों और सभी पदों को खाली कर नई नियुक्तियां की जाएंगी। नई नियुक्तियां साक्षात्कार के माध्यम से की जाएंगी। किसी ने कैसे काम किया है इसकी समीक्षा करने के बाद, समिति निर्णय लेगी और नियुक्ति करेगी। समिति की सिफारिश पर नियुक्ति का अंतिम फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे। तीसरा फैसला 24 से 29 जनवरी तक पार्टी का सदस्यता अभियान चलाने का फैसला लिया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा सदस्यता अभियान होगा।

 

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