जिला पर्यटन विशेष: रमदहा जलप्रपात जिले का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल

मनेन्द्रगढ़/एमसीबी

उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थित रमदहा जलप्रपात वास्तव में एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात घने जंगलों से घिरा हुआ है, जो इसकी सुंदरता को और भी बढ़ाता है। यह जलप्रपात पिछले कुछ वर्षों में सैलानियों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हुआ है और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण ने इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बना दिया है। रमदहा जलप्रपात की सुंदरता न केवल इसके जलप्रपात में है, बल्कि इसके आसपास के क्षेत्र में भी फैली हुई है। यहाँ के घने जंगल, हरे-भरे मैदान और शांत वातावरण इसे एक आदर्श स्थल बनाते हैं। जहाँ लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ आराम कर सकते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 350 किलोमीटर की दुरी में स्थित है, जो इसे एक आसानी से पहुँच योग्य स्थल बनाता है। जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के अंतर्गत पड़ने वाले ब्लॉक जनकपुर मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर बहरासी वन परिक्षेत्र का करवा बीट पड़ता है। जहां के ग्राम पंचायत धोवाताल के बरेल नाम के जंगल से बनास नदी का उद्गम होता है।

ये भी पढ़ें :  भर्ती प्रक्रिया की औपचारिकताओं की पूर्ति में न हो विलंब: उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

बनास नदी के उद्गम स्थल से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर जिले का यह प्रसिद्ध रमदाह जलप्रपाप हैै। जहां पर जाकर यह नदी अपनी सुंदरता को 50 मीटर चौड़ाई और 100 फीट नीचे गिरते हुए बिखेरती है। इस दौरान जलप्रताप का बहता पानी एक अलग ही खूबसूरती को बयां करता है। जिसे देखने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक के पर्यटक इसकी सुंदरता को निहारने के लिए यहां पहुंचते हैं। यह जलप्रपात न सिर्फ उत्तर छत्तीसगढ़ बल्कि पड़ोसी प्रांत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी प्रसिद्धि हो चुका है। दिसंबर और जनवरी के महीने के दौरान यहां लोग पहले पिकनिक मनाने के लिए आते थे। वर्तमान में प्रत्येक दिन सैलानियों का यहां आना-जाना लगा रहता है। यह जलप्रपात पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से विकसित है, जो वर्षा के दिनों में अपनी सौंदर्य बिखेरता है। यह जलप्रपात पूरी तरह से प्राकृतिक है।

ये भी पढ़ें :  खुशखबरी पन्ना टाइगर रिजर्व में आए 4 नन्हे मेहमान, चार शावकों के साथ बाघिन पी-141 की तस्वीर आई सामने

बनास नदी का पानी ऊंचाई से जब नीचे गिरता है, तो नीचे से ऐसा प्रतीत होता है मानों धुंध ने समूचे स्थल को घेर लिया है। झरने से गिरता पानी आगे चलकर बनास नदी का विराट स्वरूप ले लेता है। बारिश के दिनों में जलप्रपात की सुंदरता वास्तव में अद्भुत होती है। पानी की धारा तेज होती है और जलप्रपात की आवाज़ सुनने में बहुत ही सुखद लगती है। यह जलप्रपात अपनी अनोखी सुंदरता के लिए जाना जाता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह जलप्रपात की सुंदरता कुछ ऐसी है कि इसे हर कोई अपने कैमरे में कैद करना चाहता है।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment