इंदौर के निलंबित अफसर के घर EOW का छापा, आय से अधिक संपत्ति का मामला

इंदौर

 आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) के अधिकारियों ने आज सुबह दो-दो पत्नियों (Wives) के पति (Husband) नगर निगम (Municipal council) के राजस्व अधिकारी (Revenue Officer) के तीन आवासों पर छापामार कार्रवाई करते हुए करोड़ों की अनुपातहीन सम्पत्ति का खुलासा किया है। छापे में तीन अलग-अलग क्षेत्रों में बहुुमंजिला मकानों, प्लाट, कृषि भूमि का खुलासा हुआ है।

 ईओडब्ल्यू की टीम ने शुक्रवार को इंदौर नगर निगम से सस्पेंड एआरओ राजेश परमार के घर छापा मारा है. परमार के तीन ठिकानों पर एक्शन जारी है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापा मारा गया है. यहां स्पष्ट कर दें कि अनियमितता के चलते कुछ दिन पहले ही परमार नगर निगम से सस्पेंड हुए थे. इंदौर के आवास कॉलोनी में मुख्य कारवाई चल रही है. राजेश परमार जोन 16 के एआरओ थे. कार्रवाई के लिए टीम सुबह ही पहुंच गई थी, इंदौर स्थित निवास स्थान पर.  

EOW की टीम को बंद मिला परमार का ऑफिस

इंदौर के बिजलपुर इलाके में स्थित आवास कॉलोनी में नगर निगम के राजस्व अधिकारी राजेश परमार रहते हैं, जहां टीम ने सर्चिंग शुरू कर दी है. वहीं, आसपास के लोगों से भी लगातार पूछताछ जारी है. जानकारी के ईओडब्ल्यू की टीम जब परमार के ऑफिस पहुंची, तब वह बंद मिला. इसके बाद उनके घर पर ही सारे दस्तावेजों की छानबीन जारी है.

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बेलदार से राजस्व अधिकारी तक का सफर
ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के मुताबिक राजेश परमार ने अपने करियर की शुरुआत बेलदार के पद से की थी और बाद में प्रमोशन होते हुए सहायक राजस्व अधिकारी के पद तक पहुंच गया। हाल ही में उसे वित्तीय अनियमितता के आरोप में निलंबित किया गया था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उनके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है, जो उसकी आय और करियर के अनुसार अनुकूल नहीं है। प्रारंभिक तौर पर चार मकानों के बारे में जानकारी मिली है, जिनमें से दो पर कार्रवाई चल रही है। राजेश ने एक मकान करीब 25 लाख रुपए में खरीदा था और बाद में उस पर एक आलीशान भवन बना लिया।

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एक मकान में माता-पिता, दूसरे में पूर्व पत्नी
एसपी आरएस यादव के मुताबिक एक मकान में राजेश के माता-पिता रहते हैं, जबकि दूसरे मकान में पूर्व पत्नी रहती है। वर्तमान में उनकी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की गहरी जांच की जा रही है और आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में और भी संपत्तियों का पता चल सकेगा।

दो बार निलंबित हुआ राजेश परमार
राजेश परमार संपत्तिकर असेसमेंट में गड़बड़ी के कारण 10 फरवरी को सस्पेंड हो गया था। जोन 16 पर एआरओ रहते परमार ने संपत्ति कर असेसमेंट में गड़बड़ी कर कम टैक्स लिया था और उसका खुलासा तब हुआ जब निगमायुक्त शिवम वर्मा ने राजस्व वसूली को लेकर समीक्षा की थी। परमार की गड़बड़ी पकड़ में आते ही निगमायुक्त वर्मा ने उन्हें सस्पेंड कर ट्रेचिंग ग्राउंड भेज दिया। साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी थी। जो फिलहाल चल रही है। बताया जा रहा है कि परमार इससे पहले भी एक बार सस्पेंड हुआ था, जब उसने तत्कालीन अपर आयुक्त एसके चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी की थी। जोन-8 पर एआरओ रहते उन्होंने चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी की थई।

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बगैर अनुमति विदेश यात्रा भी की
इंदौर नगर निगम जोन क्रमांक 8 में एआरओ रहते हुए राजेश परमार ने नए खाते खोले और राशि जमा कर नगर निगम को करोड़ों की राशि की चपत लगाई थी। वे बगैर अनुमति पांच बार विदेश यात्रा भी कर चुके हैं। परमार के बारे में कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान ने भी महापौर, निगमायुक्त, राजस्व समिति प्रभारी सहित कई अधिकारियों को शिकायत की थी बताया जा रहा है कि राजेश परमार मूलतः दरोगा है, लेकिन जोड़-तोड़ करके प्रभारी एआरओ के पद तक पहुंच गया। जोन क्रमांक 19 में भी पदस्थ रहते हुए शुल्क की वसूली में गड़बड़ी के आरोप परमार पर लगे थे।

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