सत्ता परिवर्तन होने के बाद केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना जैसी कई योजनाओं का रास्ता हुआ साफ

नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता परिवर्तन होने के बाद केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत दिल्ली में स्वास्थ्य की दो बड़ी योजनाएं प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन योजना (पीएम-एबीएचआइएम) को दिल्ली में लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।

प्राथमिक स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत
उम्मीद है कि दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद नई सरकार इन दोनों योजनाओं को यहां लागू करेगी। इससे गरीबों व 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ तो मिलेगा ही, साथ ही दिल्ली में अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी बनाए जाएंगे। इससे प्राथमिक स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। असल में मार्च 2020 में कोरोना की वैश्विक महामारी फैलने के बाद स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की कमी सामने आई थी।

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2,406 करोड़ रुपये की लागत
इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में पीएम-एबीएचआइएम योजना शुरू की थी। इसका मकसद स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना था। इसके तहत केंद्र सरकार ने दिल्ली में भी 2,406 करोड़ रुपये की लागत से 1,139 शहरी स्वास्थ्य व वेलनेस सेंटर, 11 जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब व दस क्रिटिकल केयर ब्लाक बनाने की योजना को स्वीकृति दी थी। बाद में केंद्र सरकार ने वेलनेस सेंटरों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया।

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योजना को लागू नहीं होने दिया था AAP सरकार
पीएम-एबीएचआइएम योजना बड़ा हिस्सा प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने पर खर्च करना था। यही वजह है कि 1,139 शहरी स्वास्थ्य व वेलनेस सेंटरों के विकास पर 2,058.75 करोड़ रुपये खर्च करना था। जिसमें से 1,232.25 करोड़ केंद्र सरकार को और 823.5 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को खर्च करना था, लेकिन तब आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ओर से इस योजना को स्वीकृति नहीं दिए जाने से यह दिल्ली में लागू नहीं हो सकी।

केजरीवाल का मोहल्ला क्लीनिक पर जोर
आप सरकार का जोर मोहल्ला क्लीनिक शुरू करने पर था। आप सरकार ने एक हजार मोहल्ला क्लीनिक शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन दस वर्ष में करीब 545 मोहल्ला क्लीनिक ही बने। इसमें कई मोहल्ला क्लीनिक अभी कई बंद पड़े हैं। साथ ही मोहल्ला क्लीनिकों में भ्रष्टाचार का मामला भी सामने आया था।

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इस वजह से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सरकार से पीएम-एबीएचआइएम योजना को लागू करने की सिफारिश भी की थी। अब यदि यह योजना लागू होती है तो इसके तहत दिल्ली में 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जा सकते हैं।

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