राजस्व मंत्री ने नायब तहसीलदार को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने के बाद प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों में नाराजगी का माहौल

 सीहोर

राजस्व मंत्री द्वारा सीहोर में महिला नायब तहसीलदार को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने के बाद प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों में नाराजगी का माहौल है। उन्होंने इस अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि ऐसी टिप्पणियां उनके लिए असहनीय हैं। इसके साथ ही, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें यह साफ किया गया है कि जब तक राजस्व मंत्री अपनी टिप्पणी वापस नहीं लेते और माफी नहीं मांगते, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस हड़ताल के कारण राजस्व से जुड़े कई महत्वपूर्ण काम प्रभावित होंगे और आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

ये भी पढ़ें :  औद्योगिक क्षेत्र की अपार संभावनाओं की भूमि है शहडोल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

तहसीलदारों ने ज्ञापन में क्या कहा?

कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि 10 जनवरी को मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने एक महिला तहसीलदार पर टिप्पणी की थी. इससे सभी तहसीलदारों में आक्रोश है. इस टिप्पणी के विरोध में सोमवार को तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर चले गए. भोपाल में भी इसका असर देखने को मिला. मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के नेतृत्व में उन्होंने 13 से 15 जनवरी तक अवकाश पर रहने की बात कही गई है.
क्या है मामला?

ये भी पढ़ें :  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदिर और देवालयों में यथायोग्य प्रबंधन के दिए निर्देश

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने 10 जनवरी को सीहोर में एक महिला नायब तहसीलदार को सार्वजनिक मंच पर अपमानित करते हुए जिले से भगा देने की चेतावनी दी थी. इसी बयान के विरोध में प्रदेश के करीब 272 से अधिक तहसीलदार और 838 नायब तहसीलदार 15 जनवरी तक सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. इस दौरान नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, और अन्य प्रशासनिक कार्य प्रभावित होने की आशंका है.

ये भी पढ़ें :  पाकिस्तान के नारेबाजी करने वाला फैजान पहुंचा थाने, तिरंगे को दी 21 बार सलामी

बता दें राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने 10 जनवरी को सीहोेर में एक महिला नायब तहसीलदार को सार्वजनिक मंच पर अपमानित ककरते हुए जिले से भगा देने की चेतावनी दी थी। इस बयान के विरोध में ही प्रदेश के करीब 272 तहसीलदार और 838 नायब तहसीदार 15 जनवरी तक सामूहिक अवकाश पर चले गए। इससे नामामंतरण, सीमांकन, बंटवारा और अन्य प्रशासनिक कार्य बंद होने कीआंशका है।

 

Share

Leave a Comment