बेंगलुरु
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार चुनाव के रिजल्ट पर बड़ा बयान दिया। रविवार को बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि नतीजे हजम नहीं हो रहे। अखिलेश ने कहा, 'आप चुनाव जीत सकते हैं या हार सकते हैं। हम लोग उनसे सीखते रहते हैं। आप लोकप्रिय हो सकते हैं, लेकिन भाजपा की मशीनरी और उनका काम करने का तरीका देखिए, जो ग्रासरूट स्तर तक जाते हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने कहना शुरू कर दिया है कि महिलाओं ने उन्हें बहुत ज्यादा वोट दिए। ये तो कहा जा सकता है कि उन्हें ज्यादा महिलाओं के वोट मिले। लेकिन आप कब तक 10 हजार रुपये देंगे? आप सम्मान की जिंदगी कब देंगे?' उन्होंने कहा कि अब आप 10 हजार उन लोगों को दे रहे हैं, जिनके अपने साथ रह नहीं पाते। ये दुखद है।
अखिलेश यादव ने कहा, 'बिहार और यूपी ऐसे राज्य हैं जहां सबसे ज्यादा लोग पलायन करते हैं। वे अपने परिवारों को छोड़कर चले जाते हैं। परिवार की तरह परिवार के साथ रहे, सरकार उसके लिए काम नहीं कर रही। बस 10 हजार दे दो और वोट ले लो। बाद में तो जैसा अन्य राज्यों में किया, नंबर्स कम कर दो, नियम बना दो। फिर पता चला कि हमारी मां-बहनें मदद नहीं ले पा रही हैं। महाराष्ट्र या किसी भी राज्य में ऐसा ही होता है।' एनडीए की इतनी बड़ी जीत पर अखिलेश यादव ने कहा, '202 – डबल सेंचुरी! हजम नहीं हो रहा है। मैं समझ नहीं पा रहा कि रिजल्ट कैसा है। अगर हम 200 सीटें पा सकते हैं, तो जहां ज्यादा सीटें हों – 70-80% – कोई भी राजनीतिक पार्टी जीत सकती है। तो अन्य पार्टियां, जो 90% लोगों के साथ काम कर रही हैं, वे उनसे बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। अगर ये बेंचमार्क है, तो हमें इसे पार करना होगा।'
डबल इंजन को झटके की दिलाई याद
सपा अध्यक्ष ने कहा कि हम हार से सीखते हैं। और सीखने का अवसर मिलता है जब आप नीचे पहुंच जाते हैं। तब सोचते हैं कि वे ऊपर कैसे आएं। उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि हमें 5 सीटें मिली थीं। मैं सरकार को मनाने में असमर्थ था। उसके बाद डबल इंजन आया। हमने उन दो डबल इंजनों को हराया। उन्होंने इतनी सीटें गंवाईं कि शायद वे अभी भी कल्पना न कर पाएं।' उन्होंने कहा कि अब बिहार की जीत यूपी की जीत के बराबर नहीं हो सकती। यूपी ने अलग जीत हासिल की है, बिहार की जीत अलग है। आप बिहार को जीत सकते हैं, लेकिन यूपी में जो हुआ, वो देखा है। हमारे पास बिहार को जीत में बदलने का समय है। इसके लिए हम तैयार हैं। यूपी में विधानसभा चुनाव दूर नहीं है।


