अयोध्या में रामनवमी पर जश्न का माहौल, श्रीराम के जन्मोत्सव के उल्लास में रामनगरी डूबी

अयोध्या
अयोध्या में आज रामनवमी पर जश्न का माहौल है। श्रीराम के जन्मोत्सव के उल्लास में रामनगरी डूबी है। राम मंदिर में भोर में मंगला आरती हुई। इसके बाद सुबह 9.30 बजे से जन्मोत्सव के कार्यक्रम शुरू हुआ। सबसे पहले रामलला का अभिषेक हुआ। इसके बाद एक घंटे तक भगवान राम का श्रृंगार हुआ। ठीक 12 बजे घंटा-घड़ियाल व नगाड़े की थापों के मध्य रामलला का प्राकट्य हुआ। सोने के धागे से पिरोए पीत वस्त्र-प्राण प्रतिष्ठा के आभूषण को पहनाया गया। इस अलौकिक क्षण में भगवान के प्राकट्य की आरती हुई। भगवान को 56 प्रकार के भोग लगाए गए। राम मंदिर में महाआरती के साथ-साथ सूर्य किरणों से रामलला का अभिषेक किया गया। मुख्य पर्व पर इस सूर्याभिषेक का सजीव प्रसारण दूरदर्शन व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किया गया। प्रसारण के लिए जगह-जगह एलईडी टीवी व स्क्रीन लगाई गई है।

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सरयू में डुबकी के बाद दर्शन-पूजन कर रहे राम भक्त
जन्मोत्सव के एक दिन पहले यानी शनिवार को ही लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं । सरयू में डुबकी लगाकर मठ- मंदिरों में दर्शन- पूजन कर धार्मिक अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं। श्रीराम के जन्म की महिमा का बखान करते हुए प्रसिद्ध लेखक और साहित्यकार यतींद्र मोहन मिश्र कहते हैं कि भगवान श्रीराम का जन्म मानवता की प्रतिष्ठा शक्ति के अनुसंधान विश्व कल्याण के लोकमंगल के लिए हुआ है। कहते हैं प्रतिवर्ष रामनवमी इसीलिए मनाते हैं कि समाज में एक ऐसे नायक की प्रतिष्ठा हमेशा होती रहे जिसने संयम ,त्याग ,बलिदान ,वीरता और अनुशासन के साथ मानवता के कल्याण के लिए कार्य किया। प्रसिद्ध कथावाचक प्रभंजनानंद शरण कथा के माध्यम से श्रद्धालुओं को श्री राम की महिमा को समझाते हुए कहते हैं कि राम नाम भगवत एक ऐसा साधन है जो मानव समाज को इस भवसागर से पार उतार देता है। राम नाम की महिमा गाकर भक्त प्रहलाद ,बालक ध्रुव, भक्त मीराबाई, संत रविदास और संत रहीम जैसे अनेक भक्त नाम का स्मरण कर साक्षात देवलोक पहुंच गए।


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हजारों मठ-मंदिरों में उत्सव का माहौल
रामलला के जन्मोत्सव पर अयोध्या में मठ- मंदिरों में बधाई गाए जा रहें है। सूरदास द्वारा प्रचलित भजन ‘खेलत खात फिरै अंगना ,पगु पैजनिया अरु पीली कछोटी।काग के भाग कहा कहिए ,हरि हाथ से ले गयो माखन रोटी’ को गाकर श्रद्धालु आनंदित हो चरम की पराकाष्ठा पार कर रहे हैं। अयोध्या श्रद्धालुओं से खचाखच भर गई है। कथा प्रवचन व धार्मिक अनुष्ठानों की गूंज से माहौल भक्ति रस में डूबा हुआ है। श्री राम जन्मभूमि के साथ ही हजारों मठ मंदिरों में उत्सव का माहौल चरम पर है।

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