जन्माष्टमी पर रात 12 बजे करने योग्य शुभ कर्म और पूरी पूजा विधि

हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात 12 बजे धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भक्त श्रीकृष्ण की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और उन्हें उनके प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं. जन्माष्टमी पर रात्रि पूजन का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि भगवान कृषेण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था. इसलिए ही भक्त जन्माष्टमी की रात को श्रीकृष्ण का अभिषेक कर उनके जन्म का उत्सव मनाते हैं. चलिए हम आपको बताएंगे कि जन्माष्टमी पर रात 12 बजे आपको क्या-क्या करना चाहिए.

जन्माष्टमी की रात 12 बजे क्या करना चाहिए?

    जन्माष्टमी पर रात 12 बजे श्रीकृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएं.
    पंचामृत से स्नान के बाद साफ जल से स्नान कराएं.
    इसके बाद श्रीकृष्ण का श्रृंगार करें और घी का दीपक जलाएं.
    फिर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.
    इसके बाद नन्द के आनंद भयो गीत गाएं.
    शंख-घंटी बजाकर श्रीकृष्ण जन्म की खुशी मनाएं.
    फिर भगवान को उनके भोग अर्पित कर उन्हें झूला झुलाएं.
    भोग में माखन-मिश्री, पंजीरी, खीर, पेड़ा, ताजे फल आदि चढ़ाएं.
    इसके बाद परिवार सहित श्रीकृष्ण की आरती करें.
    अंत में सभी लोगों को चरणामृत और प्रसाद बांटें.
    खुद भी प्रसाद ग्रहण करें.

ये भी पढ़ें :  Instagram पर बच्चों की स्क्रीन टाइम की लगेगी लगाम: Meta लाया नया अलर्ट फीचर

कृष्ण की कृपा पाने के लिए क्या करना चाहिए?
भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए “हरे कृष्ण” मंत्र का जाप करना चाहिए, श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करें और प्रेम-भक्ति के साथ उनकी सेवा करनी चाहिए. इसके अलावा, जन्माष्टमी जैसे विशेष अवसर पर भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, अभिषेक और भोग अर्पित कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें :  रणवीर सिंह के बाद अब ईशान खट्टर की हो रही चर्चा, कपड़े उतार कराया फोटोशूट

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
जन्माष्टमी के दिन व्रती को दोपबर में बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए. जन्माष्टमी व्रत में अन्न और नमक खाना वर्जित माना गया है, इसलिए इसका सेवन न करें. इसके साथ ही जन्माष्टमी के दिन तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए.

श्री कृष्ण का प्रिय मंत्र कौन सा है?
भगवान श्री कृष्ण का सबसे प्रिय मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह मंत्र भगवान कृष्ण के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक होता है और इसका जाप करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

ये भी पढ़ें :  भारत में Vivo Y19s 5G लॉन्च, 6000mAh बैटरी और फीचर्स के साथ, जानें कीमत

जन्माष्टमी पर कृष्ण को खुश कैसे करें?
पूजा-अर्चना:- भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए जन्माष्टमी पर उनकी पूजा करें. फिर उन्हें फूल, धूप-दीप, कुमकुम, तुलसी, तिल, जौ, अक्षत, हल्दी और चंदन चढ़ाना चाहिए.

नैवेद्य (भोग):- जन्माष्टमी पर भगवान विष्णु को माखन-मिश्री, धनिया पंजीरी, और दूध से बनी चीजें अर्पित करनी चाहिए.

कृष्ण मंत्रों का जाप:- जन्माष्टमी पर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे कृष्ण मंत्रों का जाप करें. इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं.

भागवत कथा सुनना:- जन्माष्टमी पर भागवत पुराण सुनना और भगवान कृष्ण की लीलाओं का पाठ करना भी शुभ माना जाता है.

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment