ढाका
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के नेताओं ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से कहा कि हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर विचार किया जाना चाहिए। राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे चिन्मय कृष्ण दास की जमानत की सुनवाई 2 जनवरी को होनी है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों से जुड़ी खबरों ने मोहम्मद यूनुस की सरकार की पोल खोल दी है। मोहम्मद युनूस की सरकार नहीं चाहती की हमलों की खबरें दुनिया के सामने आएं। इसके अलावा वह ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि जैसे देश में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं और उन्हें इसके बारे में पता नहीं।
मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अल्पसंख्यकों पर हमलों की सटीक जानकारी लेने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए धार्मिक नेताओं से सहयोग मांगा। यूनुस ने दावा किया कि वास्तविकता और विदेशी मीडिया में आने वाली खबरों में अंतर है। बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी BSS के मुताबिक उन्होंने कहा, 'हम सटीक जानकारी जानना चाहते हैं और इसे प्राप्त करने के लिए एक प्रक्रिया स्थापित करना चाहते हैं।'
'जमानत हर नागरिक का अधिकार'
सेंट मैरी कैथेड्रल के फादर अल्बर्ट रोसारियो ने कहा, 'जमानत प्राप्त करना हर किसी का अधिकार है।' प्रसिद्ध बांग्लादेशी लेखक फरहाद मजहर ने भी दास के जमानत के अधिकार पर जोर दिया। बैठक में बांग्लादेश बौद्ध संघ के मुख्य सलाहकार सुकोमल बरुआ ने शांति और एकता के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। रमना हरिचंद मंदिर के सहायक सचिव अविनाश मित्रा ने कहा कि हिंदू समुदाय ने अपनी शिकायतें रखीं और यूनुस ने धैर्यपूर्वक इन्हें सुना।
शेख हसीना के भाषणों पर लगी रोक
बांग्लादेश की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के किसी भी भाषण को प्रसारित पर प्रतिबंध लगा दिया। पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को अगस्त में बांग्लादेश में हुए भारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान सत्ता से बेदखल किया गया था और इसके बाद वह भारत चली गई थीं।
हसीना के भाषणों के प्रसारण और प्रकाशन संबंधी मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधिकरण का यह फैसला पूर्व प्रधानमंत्री की ओर से न्यूयॉर्क में अपनी अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को ‘डिजिटल’ माध्यम से पहली बार सार्वजनिक रूप से संबोधित किए जाने के एक दिन बाद आया है। अपने संबोधन में उन्होंने बांग्लादेश के अंतरिम नेता नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस पर नरसंहार करने और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।