भोपाल को औद्योगिक राजधानी के रूप में मिलेगी नई पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

जी.आई.एस-2025

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस बदलाव का सबसे बड़ा प्रमाण बनेगी। पहली बार राजधानी भोपाल में हो रहे इस आयोजन को लेकर यह न सिर्फ एक निवेश सम्मेलन है, अपितु भोपाल को औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजधानी के पास पहले से ही औद्योगिक विकास के लिए मजबूत आधार मौजूद है। जीआईएस-2025 से भोपाल का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

भोपाल न केवल मध्यप्रदेश का प्रशासनिक केंद्र है, बल्कि भौगोलिक रूप से भी एक आदर्श औद्योगिक हब बनने की पूरी क्षमता रखता है। यह प्रदेश के केंद्र में स्थित है, जिससे लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थान है। भोपाल के चारों ओर कई प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पहले से विकसित हैं, जो इस समिट के माध्यम से नए निवेश को आकर्षित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मंडीदीप, बगरोदा, पीलुखेड़ी, मक्सी, गोविंदपुरा, अचारपुरा और फंदा औद्योगिक क्षेत्र न केवल छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यहां स्थापित इकाइयां प्रदेश की औद्योगिक शक्ति को मजबूती भी देती हैं।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास पर काम कर रही है और भोपाल में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। राजधानी के पास पहले से ही सुपर कॉरिडोर, आईटी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर जैसी परियोजनाएं चल रही हैं, जो इसे निवेशकों के लिए एक पसंदीदा स्थान बना रही हैं। इसके अलावा, भोपाल में उत्कृष्ट शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों की उपस्थिति इसे कुशल मानव संसाधन का केंद्र भी बनाती हैं, जो औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है।

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जीआईएस-2025 में इस बार एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सेक्टर-विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें निवेशकों को उनके क्षेत्र के अनुसार सीधे संबंधित विभागों के साथ संवाद करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह समिट पहली बार 20 से अधिक निवेश और उद्योग नीतियों को प्रस्तुत करने जा रही है, जो देश में अपनी तरह की अनूठी पहल होगी। सरकार ने निवेश प्रक्रिया को तेज़ और सुगम बनाने के लिए नीति सुधार, अनुकूल औद्योगिक वातावरण और व्यापार सुगमता पर विशेष ध्यान दिया है।

भोपाल की औद्योगिक क्षमता को सशक्त करने के लिए सरकार बुनियादी सुविधाओं को भी लगातार विस्तार दे रही है। राजधानी से जुड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग, आधुनिक लॉजिस्टिक्स सेंटर, एयर कनेक्टिविटी और रेल नेटवर्क के विस्तार से यह औद्योगिक दृष्टि से और भी अधिक प्रभावी बन रहा है। हाल ही में रीवा हवाई अड्डे के शुरू होने से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को और मजबूती मिली है, जिससे उद्योगों को तेज़ी से अपने बाजारों तक पहुंचने में सुविधा होगी।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस-2025 केवल बड़े निवेशकों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय उद्योगों, स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई के लिए भी नए अवसर लेकर आएगी। भोपाल के पास स्थित परंपरागत उद्योगों को वैश्विक बाजार से जोड़ने और उन्हें नई तकनीक व पूंजी से सशक्त करने की दिशा में भी यह समिट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस-2025 के बाद भोपाल केवल मध्यप्रदेश का प्रशासनिक केंद्र ही नहीं, अपितु यह व्यवसाय, नवाचार और निवेश के प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरेगा। साथ ही भोपाल को एक औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम होगा, जो प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

 

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