बीएसएनएल @ 25: देश का अपना नेटवर्क स्वदेशी 4G युग में प्रवेश कर रहा

बीएसएनएल @ 25: देश का अपना नेटवर्क स्वदेशी 4G युग में प्रवेश कर रहा 

25 साल का हुआ BSNL, अब करेगा 4G में धमाकेदार एंट्री – पूरी तरह स्वदेशी तकनीक के साथ

BSNL का नया अध्याय: 25वें साल में देशी 4G नेटवर्क के साथ भविष्य की ओर कदम

भोपाल
माननीय प्रधानमंत्री कल दिनांक 27/09/2025 को झारसुगड़ा, (ओडिशा) में बीएसएनएल की स्वदेशी 4G सेवा को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। माननीय प्रधानमंत्री जी कल लगभग 37000 करोड़ कि लागत से निर्मित 4G के 97500 मोबाइल टावर का उद्घाटन करेंगे।

अपने रजत जयंती वर्ष में, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) टीसीएम/तेजस/के साथ संयुक्त कार्य योजना के अंतर्गत स्वदेशी सी-डॉट कोर पर आधारित, अखिल भारतीय स्तर पर 4G सेवा शुरू कर रहा है. जो कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें बीएनएनएल द्वारा स्थापित 92600 से अधिक स्वदेशी 4G मोबाइल टावर शामिल है।

97500 मोबाइल टावर में से 18900 टावर डिजिटल भारत निधि के वित्तीय सहयोग से संस्थापित किये गए हैं इनमें बीएसएनएल के 14180 टावर भी शामिल हैं, जो दूरस्थ सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित गावों सहित लगभग 26700 संचार विहीन गाँवों को मोबाइल कवरेज में जोड़ेगी और 20 नाख से अधिक नागरिकों को संचार सेवा प्रदान करेगी | यह सभी टावर सौर उर्जा से संचालित है जो इन्हें भारत में हरित दूरसंचार साईट और टिकाऊ बुनियादी ढांचे को निर्मित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा |

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माननीय प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप बीएसएनएल द्वारा स्वदेशी 4G तकनीक की शुरुआत सी-डॉट कोर तेजस नेटवर्क, (रेडियो एक्सेस नेटवर्क), सिस्टम इंट्रीग्रेटर टीसीएस के द्वारा स्वदेश में ही विकसित की गयी है, जो पूरी तरह से आत्मनिर्भर तकनीक द्वारा संचालित है और सॉफ्टवेयर द्वारा 5G में अपग्रेड करने के क्षमता रखता है।

25 साल का सफरः गठन से लेकर 4G आत्मनिर्भरता तक

2000: 1 अक्टूबर 2000 को बीएसएनएल का निगमीकरण किया गया जिसके बाद दुरसंचार विभाग (DoT) द्वारा बीएसएनएल को पूरे देश में समस्त दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने का दायित्व प्रदान किया गया।

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2000 का दशकः सबसे बड़ा लैंडलाइन नेटवर्क विस्तारः राष्ट्रीय कनेक्टिविटी कार्यक्रमों के लिए संचार के आधार के रूप में कार्य किया।

2010 का दशकः अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, तेज़ी से बदलती तकनीक (3G/4G) और विभिन्न तरह के टैरिफ की चुनौतियों का सामना करते हुए बीएसएनएल ने देश के ग्रामीण/नागरिकों तक संचार सेवाएँ प्रदान करने के दायित्वों को जारी रखा।
 वीवीएनएल के विलय ने स्वदेशी 4G/5G के लिए आधार तैयार किया मध्यप्रदेश में विस्तार 

माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा कल स्वदेशी 4G मोबाइल नेटवर्क के लिए 97,500 से अधिक नए मोबाइल टावर का उद्घाटन किया जा रहा है उसमें मध्यप्रदेश की 4679 टावर शामिल हैं जो की प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थापित किए गए हैं। इसमें डिजिटल भारत निधि के वित्तीय सहयोग से 1223 नए टावर लगाए गए हैं, जिससे प्रदेश के लगभग 1656 ऐसे गाँव में मोबाइल सुविधा उपलब्ध कराइ गयी है जहाँ अब तक किसी भी ऑपरेटर का कवरेज नहीं था। इसके अतिरिक्त 247 टावर के संस्थापन का कार्य प्रगति पर है तथा सम्भावना है कि यह कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण हो जायेगा |

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साथ ही भारत सरकार के वृहद अमेंडेड भारतनेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रदेश दूरस्थ ग्रामों तक 65509 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बीएसएनएल द्वारा बिछाई जा रही है जिससे प्रदेश की 22858 ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी | वर्तमान में मध्यप्रदेश में बीएसएनएल के लगभग 29.3 लाख मोबाइल उपभोक्ता, 1.26 लाख एफटीटीएच उपभोक्ताओं के साथ साथ विभिन्न संस्थानों एवं कार्यालयों में 13571 लीज्ड लाइन कार्यरत हैं।

बीएसएनएल के ऐसे उपभोक्ता जिन्होनें अपनी पुरानी 2G/3G सिम को अभी तक 4G सिम में नहीं बदलवाया है, वह किसी भी बीएसएनएल उपभोक्ता सेवा केंद्र अथवा अधिकृत फ्रेंचाइजी/रिटेलर से मुफ्त में 4G सिम प्राप्त कर सकते हैं।

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