भारतमाला घोटाले में शामिल छत्तीसगढ़ के अधिकारियों पर दर्ज होगी FIR, मुआवजा देने में किया फर्जीवाड़ा

 रायपुर
रायपुर-विशाखापत्तनम भारतमाला रोड परियोजना में हुए घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू और एसीबी ने तेज कर दी है। घोटाले में शामिल अधिकारियों से जल्द ही पूछताछ करने की तैयारी है। वहीं, इन पर भ्रष्टाचार के तहत अपराध भी दर्ज किया जाएगा।

भारतमाला प्रोजेक्ट में सरकार की जांच में सामने आया कि 43.18 करोड़ रुपये के मुआवजे का गलत तरीके से भुगतान किया गया है। इस मामले में अब तक दो तहसीलदार समेत तीन पटवारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इसके अलावा घोटाले में संलिप्त अन्य बड़े अधिकारियों को जांच के दायरे में लिया गया है।

रायपुर जिले के अभनपुर में तैनात पूर्व एसडीएम निर्भय कुमार साहू पर गलत तरीके से मुआवजा देने का आरोप है। बताजा जा रहा है कि उन्होंने रायपुर-विशाखापत्तनम भारतमाला रोड परियोजना के लिए कुछ भूस्वामियों को गलत तरीके से मुआवजे का भुगतान किया है।

ये भी पढ़ें :  उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले में सुबह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण

जमीन को टुकड़ों में बांटा, 80 नए नाम चढ़ाए

सूत्रों ने बताया कि मुआवजा करीब 29.5 करोड़ रुपए का होता है। अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफियाओं ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरे में बांट दिया।

मुआवजे के लिए 80 नए नाम रिकार्ड में चढ़ा दिया गया। इससे 559 मीटर जमीन की कीमत करीब 29.5 करोड़ से बढ़कर 78 करोड़ रुपए पहुंच गई। अभनपुर क्षेत्र में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ मुआवजा राशि निर्धारित की गई, जिसमें से 246 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं, 78 करोड़ रुपये का भुगतान अभी रोक दिया गया है।

ये भी पढ़ें :  लोक जनशक्ति पार्टी ने भाजपा को दिया अपना समर्थन, मुख्यमंत्री साय को मंच पर सौंपा समर्थन पत्र

पिछली तिथि में दस्तावेजों में हुई गड़बड़ी

अभनपुर इलाके में पदस्थ अधिकारियों ने पिछली तिथि में जाकर दस्तावेजों में गड़बड़ी की और जमीन मालिक को नुकसान पहुंचाया। अभनपुर के ग्राम नायक बांधा और उरला में चार एकड़ जमीन जो सर्वे से पहले एक परिवार के पास थी। वो सर्वे होने के ठीक कुछ दिन पहले एक ही परिवार के 14 लोगों के नाम पर बांट दी गई।

ये भी पढ़ें :  छत्तीसगढ़ जल्द ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैश्विक स्तर की सुविधाएं प्रदान करने वाला राज्य बनेगा: मंत्री जायसवाल

इसके बाद एक ही परिवार के सदस्यों को 70 करोड़ रुपये की मुआवजा का भुगतान कर दिया गया। जांच अधिकारियों ने तत्कालीन अफसरों की इस कार्यप्रणाली का सीधा जिक्र अपनी जांच रिपोर्ट में किया है।

इन पर घोटाले में शामिल होने का आरोप

तत्कालीन अनुविभागीय और सक्षम अधिकारी निर्भय कुमार साहू, तत्कालीन तहसीलदार अभनपुर शशिकांत कुर्रे, तत्कालीन नायब तहसीलदार गोबरा नवापारा लखेश्वर प्रसाद किरण, तत्कालीन हल्का पटवारी नायकबांधा जितेंद्र साहू, तत्कालीन हल्का पटवारी नायकबांधा दिनेश पटेल और तत्कालीन हल्का पटवारी टोकरो लेखराम देवांगन समेत अन्य अधिकारियों के घोटाले में शामिल होने के सुबूत मिले हैं।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment