MP में कोल्ड वेव का कहर, बर्फीली हवाओं से बढ़ी कंपकंपी, कई जिलों में शीतलहर का अलर्ट

भोपाल
 मध्य प्रदेश में नवंबर महीने के लास्ट में शुरू हुए सर्दी का असर दिसंबर के महीने में भी देखने को मिल रहा है। यहां लगातार मौसम बदल रहा है। उत्तर से आने वाली बर्फीली हवाओं के चलते 2-3 डिग्री की गिरावट हो सकती है। बुधवार के दिन मौसम शुष्क रहेगा। इसके बाद न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट होगी।

मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। इसके चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट हो सकती है। इसकी वजह है बंगाल की खाड़ी में बनने वाला चक्रवर्ती तूफान दितवाह है। यह तूफान उत्तर की ओर बढ़ सकता है। वहीं,एक अन्य साइक्लोनिक सर्कुलेशन पंजाब के आसपास सक्रिय है। इसके चलते अगले 24 घंटे में शीतलहर का दौर होगा। इसके साथ ही 5 दिसंबर से शीतलहर तेज हो सकती है।

तापमान लगातार सामान्य से कम

इन दिनों भी शहर में तापमान लगातार सामान्य से कम बने हुए हैं। सर्द हवा के कारण तेज सर्दी का अहसास हो रहा है। मंगलवार को भी भोपाल में न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री रहा, जबकि पचमढ़ी में 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 8.6 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश के चार महानगरों में भी भोपाल सबसे सर्द रहा।

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दो दिन सामान्य

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचएस पांडे का कहना है अभी दो दिन तापमान इसी तरह रहने की संभावना है। इस समय एक प्रतिचक्रवात मध्यभारत के ऊपर बना हुआ है, इसके कारण उत्तरी हवा में रूकावट हो रही है, हांलाकि पूर्वी और मध्यक्षेत्र तक हवा पहुंच रही है। इसलिए भोपाल में इस समय अन्य शहरों के मुकाबले ज्यादा सर्दी है। अगले दो दिनों में यह प्रतिचक्रवात कमजोर पडऩे की संभावना है। 5 दिसंबर के आसपास तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते आगे बर्फबारी होने की भी संभावना है।

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वेस्टर्न डिस्टर्बेंस करेगा प्रभावित
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस 5 दिसंबर के दिन से वेस्टर्न हिमालयी एरिया को प्रभावित करेगा। इसके चलते प्रदेश में दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज होगी। इसके चलते नवंबर के आखिरी दिनों में मिली राहत ज्यादा समय तक नहीं रहेगी। दिसंबर में इस बार ठंड पिछले कई सालों से ज्यादा पड़ सकती है। देश के हिमालयी क्षेत्रों में जल्दी बर्फबारी के कारण मध्य प्रदेश में ठंडी हवाओं का असर बढ़ा है।

वर्तमान स्थिति: 12 शहरों में पारा 10°C से नीचे

पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पहले भी प्रदेश में कड़ाके की ठंड जारी है। सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात में प्रदेश के 12 शहरों में न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे रहा। प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी 7.2°C के साथ सबसे ठंडा रहा। भोपाल और इंदौर में भी पारा 9°C  से नीचे दर्ज किया गया।

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मंगलवार को दिन के तापमान में भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा और सुबह के समय कई स्थानों पर कोहरा छाया रहा। ग्वालियर में विजिबिलिटी 500 से 1,000 मीटर तक दर्ज की गई, जबकि भोपाल और दतिया में भी दृश्यता 1,000 मीटर तक रही।
नवंबर में टूटा था रिकॉर्ड

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस साल नवंबर में सर्दी ने कई पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त किए हैं। भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली, जो साल 1931 के बाद शीतलहर के सबसे ज्यादा दिन का रिकॉर्ड है। वहीं, 17 नवंबर की रात में पारा $5.2°C  तक पहुंच गया था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड रहा।

पिछले पांच सालों में दिसंबर में सबसे कम न्यूनतम तापमान

-16 दिसंबर 2024 – 3.3 
20 दिसंबर 2023 – 8.8

-8 दिसंबर 2022 – 8.6

-20 दिसंबर 2021 – 3.4

-20 दिसंबर 2020 – 6.7

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