इंदौर
इंदौर-खंडवा राजमार्ग का निर्माण कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरा नहीं हो पाया है। निर्माण कार्य के चलते वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार राजमार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
इसी कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पहला ब्रिज वाहनों के लिए खोल दिया है। बीते कुछ दिनों से वाहन ब्रिज के माध्यम से निकाले जा रहे हैं, ताकि चमेली देवी कालेज के सामने बने ब्रिज के आसपास की सड़क को दुरुस्त किया जा सके।
वर्तमान में यहां अंडरपास का कार्य भी प्रगति पर है। अधिकारियों के मुताबिक मई माह में दतोदा वाले ब्रिज से भी वाहन निकल सकेंगे। 216 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग पर तीन सुरंगों के साथ सात ब्रिज और अंडरपास बनाए जा रहे हैं।
ये ब्रिज और अंडरपास
चमेली देवी कालेज, उमेरीखेड़ा, चोखी ढाणी, सिमरोल, भेरूघाट, बाईग्राम और बड़वाह में बन रहें हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने के लिए इन स्थानों पर अंडरपास की सुविधा रहेगी। इन सभी ब्रिजों को जनवरी तक तैयार किया जाना था, लेकिन कार्य की धीमी गति के कारण निर्धारित समयसीमा से छह महीने की और मोहलत दी गई है।
अब तैयार होगी सर्विस लेन
चमेली देवी ब्रिज का कार्य अप्रैल के पहले सप्ताह में पूर्ण कर लिया गया है। अब वाहनों को इस ब्रिज से निकाला जा रहा है, ताकि सर्विस लेन का निर्माण शुरू किया जा सके। निर्माण एजेंसी आने वाले दिनों में सर्विस लेन को बंद कर कार्य शुरू करेगी।
इसके साथ ही ब्रिज के नीचे बन रहे दो अंडरपास का कार्य अंतिम चरण में है। मेघा इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर नागेश्वर राव का कहना है कि मई के अंतिम सप्ताह तक अंडरपास और सर्विस लेन का निर्माण पूर्ण किया जाएगा।
जानवरों के लिए बनेंगे एनिमल कॉरिडोर
वाहनों के साथ इस राजमार्ग के निर्माण में वन्यजीवों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जंगलों से गुजरने वाले मार्गों पर पांच से छह स्थानों पर ‘एनिमल कॉरिडोर’ यानी अंडरपास बनाए जाएंगे, जो केवल जानवरों के लिए होंगे।
इनकी मदद से वन्यप्राणी एक ओर से दूसरी ओर आसानी से जा सकेंगे। वन विभाग ने इन स्थानों की पहचान कर ली है और इनका निर्माण कार्य आगामी कुछ सप्ताहों में शुरू होने की संभावना है।
सिमरोल ब्रिज शुरू करने की योजना
चमेली देवी कॉलेज के बाद दतोदा ब्रिज से वाहन गुजर सकेंगे। मई तक लोगों को थोड़ा इंतजार करना होगा। वैसे एनएचएआई ने जून तक सिमरोल ब्रिज शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए हैं। – सुमेश बांझल प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई