पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से ही विकास मिशन सफल होते हैं : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

ग्राम पंचायत-जनपद पंचायत आय बढ़ाने का करें प्रयास, पंचायत राज व्यवस्था समन्वय पर आधारित है: पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल
कार्यशाला के दूसरे दिन सक्षम एवं स्वावलंबी पंचायत में गोधन, कृषि, उद्यानिकी-कौशल उन्नयन, पंचायत ऑफिस से नियमित सेवाओं का प्रदाय, पंचायतों के अभिलेखों का व्यवस्थित संधारण को लेकर हुई चर्चा
प्रदेश भर के जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 650 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल

भोपाल 
पंचायतों को आत्मनिर्भर, सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश थीम पर कुशभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सभागार में पंचायत प्रतिनिधियों एवं राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला के दूसरे दिन उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल शामिल हुए। उन्होंने कहा कि किसी भी शासकीय अभियान की सफलता में पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने पंचायत प्रतिनिधियों से विकास अभियानों में धुरी बनकर सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जल जीवन मिशन, सिंचाई विस्तार, स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण तथा ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश में पाइपलाइन, टंकियों एवं फ़िल्टर प्लांटों का तेजी से निर्माण हो रहा है, जिससे ‘नल से जल’ अब एक वास्तविकता बन चुका है।

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि पंचायत राज व्यवस्था समन्वय पर आधारित है। अधिकारों तथा कर्तव्यों के बीच संतुलन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच सामंजस्य से पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। जनप्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए बैठकों, स्थाई समितियों और निर्णय प्रक्रियाओं को नियमित एवं प्रभावी बनाना होगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता और पारदर्शिता के लिए स्थायी समितियों की नियमित रूप से बैठक होना चाहिए। सड़क निर्माण, शिक्षा और अन्य योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जानकारी, मर्यादा और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को अपनी क्षमता बढ़ाने, नियमों की जानकारी लेने और अनुभव साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। कार्यशाला में जनपद और ग्राम पंचायतों को आय के स्रोत बढ़ाने, कार्यालय प्रबंधन एवं सामाजिक जागरूकता पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा हुई। कार्यशाला के दौरान अपर मुख्य सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, स्वच्छ भारत मिशन समन्वयक श्री दिनेश जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

25 नवंबर को कार्यशाला में स्वावलंबी पंचायतों में गोधन, कृषि उद्यानिकी एवं कौशल उन्नयन, पंचायत में ऑफिस से नियमित सेवाओं का प्रदाय एवं पंचायतों के अभिखेलों का व्यवस्थित संधारण को लेकर चर्चा हुई। अधिकारियों ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में पंचायत प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी दी। एसआरएलएम की सीईओ श्रीमती हार्षिका सिंह ने ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने किसान उत्पादक कंपनी, प्रोत्साहन संकुल विकास, एकीकृत कृषि, जैविक संसाधन केंद्र की स्थापना, पोषण सुरक्षा, अंतरवर्तीय फसल, उन्नत बीज उपयोग तथा सामूहिक उपार्जन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत 41 जिलों के 69 ब्लॉकों में 89 महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण देकर ड्रोन प्रदान किए गए हैं। श्रीमती सिंह ने कहा कि योजना को और सुदृढ़ करने के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ हीउन्होंने कौशल उन्नयन की महत्ता पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि सक्षम एवं स्वावलंबी पंचायतों के निर्माण हेतु कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा।

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मनरेगा आयुक्त श्री अवि प्रसाद ने मनरेगा अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं और नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने वार्षिक कार्ययोजना 2026-27 में जनप्रतिनिधियों की भूमिका एवं उनके अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योजनाओं के सुचारू संचालन में जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता होनी चाहिए। आयुक्त ने नई भुगतान प्रणाली-एसएनए स्पर्श के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का समाधान किया। उन्होंने “एक बगिया माँ के नाम” परियोजना के विभिन्न पहलुओं से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। आयुक्त श्री प्रसाद ने सभी जनप्रतिनिधियों को जन मनरेगा मोबाइल एप डाउनलोड करने की सलाह देते हुए कहा कि इसके माध्यम से वे अपने क्षेत्र में संचालित मनरेगा से संबंधित कार्यों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मनरेगा से संबंधित सभी दिशा-निर्देश अब जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे। संचालक पंचायत राज संचालनालय श्री छोटे सिंह ने कार्यशाला में पंचायत आफिस से नियमित सेवाओं का प्रदाय एवं पंचायतों के अभिलेखों का व्यवस्थित संधारण पर विस्तार से जानकारी दी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे जा रहे सवालों का जबाव दिया गया। श्री बाबू भाई केंद्रे और संगठन प्रमुख श्री बालाजी केंद्रे द्वारा पानी विषय पर व्याख्यान दिया गया। कार्यशाला के अंत में ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामित पानी पर बनी फिल्म का प्रदर्शन हुआ।

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