राजगढ़
जिले की 600 महिलाएं 600 एकड़ जमीन में संतरे की फसल उगाएंगी। इसके लिए शासन स्तर पर उन्हें सब्सिडी प्रदान की जाएगी। तीन साल के लिए 2 लाख 70 हजार रुपए की राशि बगीचे और उससे जुड़े कार्यों के लिए देगी। करीब 15 करोड़ से अधिक की सब्सिडी जिले की महिलाओं को तीन साल के भीतर मिलेगी।
एक बगिया मां के नाम योजना के तहत दी जाएगी छूट
दरअसल, मप्र शासन की 'एक बगिया मां के नाम' योजना के तहत यह छूट स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को दी जाएगी। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत खुद की जमीन में महिलाएं संतरे की पैदावार कर पाएंगी।
हर ब्लॉक में 100-100 महिलाओं का चयन करना है। जिसके लिए संबंधित महिला का स्व-सहायता समूह से जुड़ा होना जरुरी होगा। साथ ही स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य के पास न्यूनतम 0.5 और अधिकतम 1 एकड़ खुद की जमीन होना जरूरी है। यानी समूह का हिस्सा होने पर ही फायदा मिलेगा। चयन शासन स्तर पर होगा। संबंधित जमीन को भी जांचा जाएगा कि वह संबंधित फल, पौधे वहां लग पाएंगे या नहीं? हालांकि राजगढ़ जिले में संतरे की पैदावार अच्छी होती है इसीलिए उसी को फाइनल किया जाना है। पहले भी यहां संतरे के बगीचे लगाए जा चुके हैं, जिनसे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है।
हर महिला को 2.70 लाख रुपए देंगे
जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत शासन स्तर पर पूरी सब्सिडी दी जाएगी। गड्ढा खोदने से लेकर पौधे बड़े होने तक का खर्च शासन उठाएगा। जिसके तहत प्रत्येक महिला को 2 लाख 70 हजार रुपए तक की राशि दी जाएगी। इसमें मजदूरी, गड्ढा खोदना, पौधों की लागत, तार फेंसिंग सहित अन्य कार्य रहेंगे। तीन साल में जब पौधे बड़े हो जाएंगे और फल आने लगेंगे तो वे सीधा उन्हें बेच पाएंगे। जिले की 600 महिलाओं के लिए संतरे के बगीचे की योजना है।
मिलेगी सब्सिडी- जिपं सीईओ
इसमें शासन स्तर पर सब्सिडी मिलेगी। हर ब्लॉक में 100 महिलाओं को 100 एकड़ में बगीचे लगाए जाएंगे। पूरी सुविधा उन्हें शासन स्तर पर मिलेगी। -डॉ. इच्छित गढ़पाले, सीईओ, जिला पंचायत, राजगढ़
स्व-सहायता समूह का सदस्य होना जरूरी- प्रबंधक
संबंधित महिलाओं का स्व-सहायता समूह से जुड़ा होना जरूरी है। उन्हें ही इसका लाभ मिलेगा। तीन साल तक पौधों की देख-रेख, पौधों का खर्च, तार फेंसिंग इत्यादि का कुल 2.70 लाख का खर्च शासन देगा। – संदीप सोनी, प्रबंधक, एनआरएलएम, राजगढ़


