एक अक्टूबर से प्रदेश में वाहन रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड को लेकर मची हाय तौबा को खत्म

 ग्वालियर
 मध्य प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) और वाहन रजिस्ट्रेशन कार्ड बनानी वाली कंपनी के हटने के बाद व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया गया। इस बीच, ई-कार्ड पर परिवहन विभाग 200 रुपये वसूल रहा है। प्लास्टिक कार्ड फीस के नाम पर 200 रुपये लिखकर आ रहे हैं, जिसे मजबूरन आवेदकों को देना पड़ रहा है।

ताजा खबर यह है कि विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है कि इस शुल्क को हटाया जाए, क्योंकि कार्ड आवेदक को मिल ही नहीं रहा है। बड़ी संख्या में प्रदेश में आवेदक ठगे जा रहे हैं। अधिकारियों से इस बारे में कई बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं। अब अधिकारियों का कहना है कि वे समाधान निकाल रहे हैं।

मध्य प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में मान्य ई-कार्ड

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    ई-कार्ड एम परिवहन एप पर उपलब्ध होगा। परिवहन सेवा सिटीजन पोर्टल पर आवेदक इसका पीडीएफ फार्मेट प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही एमपी आनलाइन व सीएससी सेंटर पर भी सुविधा ले सकते हैं।

    प्रदेशभर के साथ देश में कहीं भी इस ई-कार्ड को दिखाया जा सकेगा और अधिकारी मान्य भी करेंगे। आवेदक क्यूआर कोड से इसका प्रिंट निकाल सकेंगे। व्यवस्था लागू की गई, लेकिन 200 रुपये का शुल्क भी वसूला जाने लगा।

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    प्रदेश में एक अक्टूबर से वाहन रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाली स्मार्ट चिप कंपनी ने काम बंद कर दिया है। कंपनी के भुगतान को लेकर विवाद चल रहा था, जिसका कार्यकाल 2022 में ही पूरा हो गया था।

यह है लाइसेंस फीस और 200 रुपये कार्ड फीस जुड़ रही

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    सिर्फ दोपहिया: लर्निंग के लिए 225 और स्थायी के लिए 775 रुपये, इसमें 200 रुपये कार्ड फीस भी लग रही।

    दो और चार पहिया: लर्निंग के लिए 450 और स्थायी के लिए 1075 रुपये, इसमें 200 रुपये कार्ड फीस भी लग रही।

 

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